- आईटी टीम के पास से इनसाइडर्स के पास पहुंच रही हैं गुप्त सूचनाएं
- कंपनियों ने सावधानी के लिए आईटी टीम को किया सावधान
दैनिक भास्कर
Jun 09, 2020, 06:55 PM IST
मुंबई. कोविड-19 की महामारी के पहले बोर्ड मीटिंग की सभी बातें गुप्त रहती थीं। लेकिन अब यह बातें बाहर आ रही हैं। इससे कंपनी के इनसाइडर्स की चांदी हो गई है। ऐसा इसलिए संभव हो रहा है क्योंकि बोर्ड की मीटिंग अब वीडियो कांफ्रेंसिंग से हो रही है। इससे मीटिंग की बातें आईटी की टीम तक पहुंच रही हैं। इससे यह गुप्त सूचनाएं लीक हो रही हैं।
कई कंपनियों में इनसाइडर्स हो गए हैं सक्रिय
सेबी के नियमों के मुताबिक बोर्ड मीटिंग, फाइनेंशियल रिजल्ट जैसे कई महत्वपूर्ण फैसले तब तक बाहर नहीं आने चाहिए, जब तक कि वे स्टॉक एक्सचेंज को सूचित न किए जाएं। लेकिन वीडियो कांफ्रेंसिंग से हो रही बोर्ड मीटिंग से यह बातें आईटी टीम तक जा रही हैं। यहां से बातें कंपनी के इनसाइडर्स तक पहुंच रही हैं। कई कंपनियों में इस तरह के इनसाइडर्स सक्रिय हो गए हैं। इनके पास फाइनेंशियल डाटा और स्टॉक की सेंसिटिव जानकारियां पहुंच रही हैं।
आईटी टीम को मिल रहा है एक्सेस
सूत्रों के मुताबिक आईटी सपोर्ट का काम कर रहे कर्मचारियों के पास अब बोर्ड के महत्वपूर्ण निर्णयों का एक्सेस मिल गया है। इस समय बोर्ड की तमाम मीटिंग्स ऑफिस के आईटी वीडियो कांफ्रेंस से हो रही हैं। सूत्रों के मुताबिक कंपनी के इंफ्रास्ट्रक्चर पर हो रही वीडियो मीटिंग का पूरा कंटेंट कंपनियों के आईटी विभाग के पास मिल जाता है। दूसरी ओर कंपनियां आईटी कर्मचारियों को इनसाइडर ट्रेडिंग रोकने के लिए नियमों का पालन करने की चेतावनी दे रही हैं।
आईटी टीम के 35 लोगों को डिस्क्लोजर देने का निर्देश
एक अग्रणी पेंट कंपनी ने हाल में अपने आईटी टीम के 35 कर्मचारियों को तथा उनके परिवार को मार्केट इनवेस्टमेंट का डिस्क्लोजर देने को कहा है। एक अधिकारी ने बताया कि हमारी कंप्लायंस टीम ने कहा है कि आईटी डिपार्टमेंट के कर्मचारियों के पास सेंसिटिव जानकारियां पहुंच रही हैं। यह जानकारियां इनसाइडर ट्रेडिंग के नियमों के तहत डेजिग्नेटेड पर्सन के रूप में मानी जाएंगी। कई कंपनियां इससे निपटने के लिए नए वेंडर, सप्लायर्स से बात कर रही हैं जो खुद लिस्टेड कंपनियों में काम कर रहे हैं।
आईटी टीम को किया जा रहा है सावधान
इससे पहले कई कंपनियों में केवल कुछ आईटी स्टॉफ को ही मंजूरी दी जा रही थी। इन कर्मचारियों को डेजिग्नेटेड लोगों की लिस्ट में शामिल कर दिया गया था। महाराष्ट्र के एक एफएमसीजी कंपनी ने अपनी आईटी टीम को पहले ही चेतावनी संबंधित एक ईमेल कर दिया था। इसमें बोर्ड मीटिंग की चर्चा को किसी भी हालत में बाहर न जाने देने की चेतावनी दी गई थी। एक कंपनी के बोर्ड सदस्य ने कहा कि मैनेजमेंट और आईटी विभाग के कर्मचारियों के लिए यह एक नई स्थिति है। हम इस बारे में आईटी कंपनियों के साथ बात कर उन्हें सावधान कर रहे हैं।
कंपनियों को बनाना होता है डाटा बेस
सेबी के इनसाइडर नियमों के मुताबिक हर कंपनियों को उनके उन कर्मचारियों और थर्ड पार्टी वेंडर का डाटाबेस बनाना होता है। यह डाटा बेस उनका बनता है जिनके पास सेंसिटिव जानकारियां होती हैं। इस लिस्ट में शामिल लोग डेजिग्नेटेड पर्सन कहलाते हैं। उन्हें कई कंप्लायंस का पालन करना होता है। वे कंपनी के शेयरों में खरीदी बिक्री नहीं कर सकते हैं। साथ ही उन्हें हर निवेश का डिस्क्लोजर भी देना होता है।
इनसाइडर ट्रेडिंग के नियमों में कर्मचारियों का परिवार भी आता है
कानूनी जानकार कहते हैं कि इनसाइडर ट्रेडिंग के नियमों में केवल कर्मचारी ही नहीं आते हैं। बल्कि उनके निकटतम परिवार के लोग और अन्य लोग भी आते हैं। हो सकता है कि सेबी आनेवाले दिनों में लिस्टेड कंपनियों के डेजिग्नेटेड लोगों की परिभाषा में बदलाव करे। क्योंकि अब आईटी डिपार्टमेंट के पास काफी कुछ जानकारियां पहुंच रही हैं और वे लोग यूपीएसआई को एक्सेस कर रहे हैं।