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खुफिया एजेंसियों का अलर्ट- पाकिस्तानी सेना घुसपैठ कराने के लिए एलओसी के नजदीक तालिबानी आतंकियों को ट्रेंड कर रही

  • पाकिस्तानी सेना की 28 सिंध बटालियन की देखरेख में 4 आतंकी, इसमें 2 तालिबानी
  • एजेंसियों ने बताया- अफगानिस्तान में भी 20 आतंकी कश्मीर में घुसपैठ के लिए तैयार किए जा रहे

दैनिक भास्कर

Jun 05, 2020, 09:57 PM IST

नई दिल्ली. पाकिस्तानी सेना अब तालिबानी आतंकियों को कश्मीर में भेजने के लिए ट्रेनिंग दे रही है। खुफिया एजेंसियों ने सुरक्षाबलों को इस बारे में सतर्क किया है। एजेंसियों ने बताया कि लाइन ऑफ कंट्रोल (एलओसी) के उस पार पाकिस्तानी सेना के साथ चार आतंकी कैंप कर रहे हैं, इसमें से दो तालिबानी हैं। आतंकी नौशेरा सेक्टर के सामने पाकिस्तानी सेना की 28 सिंध बटालियन की जिम्मेदारी में हैं और घुसपैठ की साजिश रच रहे हैं।

इससे पहले सुरक्षाबलों ने घाटी में अभियान चलाकर आकंतियों का खात्मा कर दिया है। इससे जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान के तालिबानी आतंकियों और दूसरे आतंकी संगठनों को बड़ा झटका लगा है। 

एक शीर्ष पुलिस अफसर ने न्यूज एजेंसी को बताया कि अफगानिस्तान के कुछ जिलों में तालिबान की ताकत बढ़ी है, इसके चलते तालिबानी आतंकियों की संख्या बढ़ी है। पाकिस्तानी सेना का स्पेशल सर्विस ग्रुप (एसएसजी) इन आतंकियों को कश्मीर में हमले अंजाम देने के लिए ट्रेनिंग दे रहा है। 

अफगानिस्तान के नंगरहार में करीब 20 तालिबानी आतंकी 
खुफिया एजेंसी ने बताया कि अफगानिस्तान के नंगरहार प्रांत की राजधानी जलालाबाद में 20 तालिबानी आंतकियों के ग्रुप को एएएसजी कश्मीर मिशन के लिए तैयार कर रहा है। पाकिस्तान को तालिबानी आतंकवादियों को शरण देने के लिए जाना जाता है। यहां तक कि अलकायदा जैसे आतंकवादी संगठन को भी मदद पहुंचाता रहा है। अलकायदा ने जलालाबाद में पाकिस्तानी सेना और आईएसआई की खुफिया एजेंसी की मदद से आतंकी कैंप बनाए हैं।

बड़ा खतरा सुसाइड स्क्वॉड
अधिकारियों ने कहा, ‘‘बड़ा खतरा तालिबान का सुसाइड स्क्वॉड (आत्मघाती दस्ता) है, जिसे पाकिस्तान कश्मीर के लिए तैयार कर रहा है। एजेंसियों के इनपुट से पता चलता है कि पाकिस्तानी की खुफिया एजेंसी आईएसआई भी इसमें शामिल है क्योंकि बिना उसके सहयोग के इन आतंकियों का बार्डर क्रॉस करना संभव नहीं है।’’  

अफगानिस्तान में पाकिस्तान के 6000 से 6500 आतंकी
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की एनॉलिटिकल सपोर्ट और सैंक्शंस मॉनीटरिंग टीम की रिपोर्ट में कहा गया था कि तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान, जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा ऐसे ग्रुप हैं, जो इस क्षेत्र में सुरक्षा के लिए खतरा हैं। इन समूहों का केंद्र अफगानिस्तान के पूर्वी प्रांत कुनार, नंगरहार और नूरिस्तान में है। तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान का नेतृत्व नूर वली महसूद करता है। इसका डिप्टी कारी अमजद है।

माना जाता है कि कुनार में इस ग्रुप के लगभग 500 और नंगरहार में करीब 180 आतंकी हैं। इसी हफ्ते जारी हुई एक रिपोर्ट में बताया गया था कि अफगानिस्तान में आतंकी समूहों के साथ लड़ने वाले पाकिस्तानी नागरिकों की संख्या 6000 से 6500 तक है।

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