जानकारी के अनुसार जहां शिकार हुआ है। वह आर्मी के हेमा फायरिंग रेंज के अंतर्गत आता है। इससे पहले बाघ ने 9 जून को पीथमपुर संजय जलाशय के पास जंगल में नीलगाय का शिकार किया था। यह जगह सोमवार रात को किए शिकार से कुछ ही दूरी पर है। इससे पहले भी बाघ यहां पर मूवमेंट कर चुका है। जिसको देखते हुए यह स्पष्ट हुआ है कि बाघ ने अपनी टेरिटरी मानपुर वन परिक्षेत्र के पीथमपुर इलाके तक मार्क की है।
बाघ ने ही किया है शिकार
जामनिया में जो शिकार हुआ है। वहां पर पगमार्क मिले हैं। पग मार्क सूखी मिट्टी में थे स्पष्ट नहीं थे। पर पंजों के आकार बड़े थे। जिससे यह स्पष्ट है कि शिकर बाघ ने ही किया है।- नरेंद्र पांडवा, डीएफओ, इंदौर वन विभाग