पाकिस्तान से जुड़े कई वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं. ज़्यादातर वीडियो में लोग आटे और रोटी के लिए आपस में झगड़ रहे हैं.
इन वीडियो क्लिप को सोशल मीडिया पर पाकिस्तान की आर्थिक बदहाली और बढ़ती महंगाई की भयावहता दिखाने के लिए शेयर किया जा रहा है.
वीडियो में कुछ एक्सपर्ट के कॉमेंट्स भी वायरल हो रहे हैं. एक ऐसी ही टिप्पणी अमेरिका के डेलावेयर यूनिवर्सिटी के प्रोफ़ेसर मुक़्तदर ख़ान की है. प्रोफ़ेसर ख़ान भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिक हैं.
मुक़्तदर ख़ान एक पाकिस्तानी पत्रकार से कह रहे हैं, ”भारत और पाकिस्तान के बीच शक्ति का जो असंतुलन है, वो पाकिस्तान के पक्ष में होता तो आपलोग कश्मीर के लिए हमला कर देते. आपलोग कहना शुरू कर देते कि भारत में पैसे नहीं, अर्थव्यवस्था डूब रही है, तमिलनाडु अलग जा रहा है, असम अलग जा रहा है और अब हमला कर दो. पाकिस्तान की बदहाली का भारत का नेतृत्व फ़ायदा नहीं उठा रहा है.”पाकिस्तानी पत्रकार फख़र यूसुफज़ई से मुक़्तदर ख़ान ने कहा, ”अमेरिका पाकिस्तान की जितनी मदद कर सकता था कर चुका है. अब अमेरिका की दिलचस्पी पाकिस्तान में नहीं है. उसे आतंकवाद से लड़ना है और वह पाकिस्तान पर भरोसा अब नहीं कर सकता. पाकिस्तान को इस साल दो जंगें लड़नी हैं. एक तो टीटीपी से लड़ना ही है. टीटीपी का नया नक़्शा देखें तो इसमें पीओके भी है. अभी पाकिस्तान मुश्किल में है लेकिन भारत उसे और मुश्किल में नहीं डालना चाह रहा है.”
पाकिस्तान अपनी आर्थिक दुश्वारियों के बीच क़र्ज़ और कुछ मदद मिलने का ख़ुशी भी मना रहा है. दरअसल, पाकिस्तान को स्विटज़रलैंड के जेनेवा में सोमवार को एक डोनर्स कॉन्फ़्रेंस में बाढ़ से उबरने के लिए 9 अरब डॉलर से ज़्यादा की मदद मिलने का भरोसा दिया गया है.
पाकिस्तान के लिए यह ख़बर किसी बड़ी राहत से कम नहीं है, जब मुल्क का ख़ज़ाना तेज़ी से ख़ाली हो रहा है. पाकिस्तान के पास क़रीब साढ़े चार अरब डॉलर का विदेशी मुद्रा भंडार बचा है और यह चंद हफ़्तों के आयात बिल में ही ख़र्च हो जाएगा.
ऊपर से पाकिस्तान पर क़र्ज़ों की कई देनदारियां भी हैं. जेनेवा कॉन्फ़्रेंस में 9 अरब डॉलर जुटाने को शहबाज़ शरीफ़ की सरकार अपनी उपलब्धि के तौर पर दिखा रही है.
सऊदी की मदद से नहीं सुलझेंगे हालात
इससे पहले मंगलवार को सऊदी अरब ने संकेत दिया था कि वह पाकिस्तान के पुराने क़र्ज़ और निवेश को बढ़ाने पर विचार कर रहा है. सऊदी अरब ने पाकिस्तान को दिए पुराने तीन अरब डॉलर के क़र्ज़ को पाँच अरब डॉलर करने की बात कही है और निवेश भी बढ़ाने के लिए कहा है.
इसके अलावा पाकिस्तान को दुनिया की अन्य एजेंसियों से 8.7 अरब डॉलर अगले तीन साल में देने का भरोसा दिया गया है. अभी तक स्पष्ट नहीं है कि यह रक़म क़र्ज़ के रूप में मिलेगी या मदद के रूप में.
जेनेवा में जिस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया था, उसका नाम था- ‘द इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस ऑन क्लाइमेट रिज़िल्यन्ट पाकिस्तान’.
यह कॉन्फ़्रेंस संयुक्त राष्ट्र की ओर से आयोजित की गई थी. पाकिस्तान में पिछले साल तबाही वाली बाढ़ आई थी और इससे लाखों लोग बुरी तरह से प्रभावित हुए थे.
बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए ही यूएन ने इस कॉन्फ़्रेंस में मदद की अपील की थी. यूएन और पाकिस्तान की अपील पर ही कई सरकारों, संस्थानों और लोगों ने 9 अरब डॉलर ज़्यादा की मदद का भरोसा दिया है.