May 13, 2024 : 7:39 PM
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सिर्फ केरल में क्यों बढ़ रहे कोरोना के नए मामले,

भारत में कोरोना की दूसरी लहर कम होने के बाद फिर से नए मामले बढ़ने लगे हैं। बीते चार दिन से लगातार कोरोना मरीजों की संख्या 30 हजार के पार पहुंच रही है। कोरोना के नए मामलों में हुई बढ़ोत्तरी तीसरी लहर का संकेत दे रही है। देश में बीते 24 घंटों में कोरोना संक्रमण के 34,403 नए मामले सामने आए हैं। वहीं, संक्रमण से ठीक होने वालों की तादद भी घटी है। गुरुवार को सिर्फ 37,950 लोग स्वस्थ्य होकर अस्पतालों से घर लौटे, जबकि पहले यह आंकड़ा 40 हजार के ऊपर था। हालांकि, कोरोना के रिकवरी रेट में सुधार दिख रहा है।कोरोना से ठीक होने की दर 97.65% हो गया है। जहां एक तरफ देश के कई राज्यों में कोरोना को लेकर स्थिति सामान्य हो रही है तो वहीं दूसरी ओर केरल से सामने आ रहे मामलों ने पूरे देश की चिंता बढ़ा रखी है। केरल में लगातार कई दिनों से 20-22 हजार नए मामले सामने आ रहे हैं । कोरोना के सबसे ज्यादा मामले केरल से ही मिल रहे हैं। यानी देश की कुल कोरोना मरीजों की संख्या में दो तिहाई तो सिर्फ केरल के संक्रमित हैं। दक्षिण भारत में संक्रमण की रफ्तार तेज
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक,शुक्रवार को (17 सितंबर) को भारत में कोविड-19 के 34,403 नए दैनिक मामले पाए गए, जिनमें से 20 हजार से ज्यादा मामले अकेले केरल में पाए गए। हालांकि, अधिकांश राज्यों में संक्रमण में गिरावट आई है, लेकिन दक्षिण भारत में कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी देखी जा रही है। केरल में 20 हजार से ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं। वहीं, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश में रोजना कोरोना के एक हजार नए केस निकल रहे हैं।

डेल्टा वैरिएंट के अलावा नए वैरिएंट विकसित होने की आशंका
केरल में बढ़ रहे मामलों की मुख्य वजह कोरोना का डेल्टा वैरिएंट है। कोरोना का डेल्टा वैरिएंट तेजी से यहां के लोगों को अपनी चपेट में ले रहा है जो वैक्सीनेशन को भी बेअसर कर दे रहा है। देश के बाकी राज्यों के मुकाबले केरल में वैक्सीनेशन ड्राइव काफी तेज गति से चल रहा है। इसके बावजूद राज्य में कोरोना के नए मामलों में कोई कमी नहीं आ रही है। इसके अलावा कुछ विशेषज्ञों ने केरल में कोरोना के कुछ और नए वैरिएंट विकसित होने की भी आशंका जताई है, जिस वजह से केरल में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं।

केरल में हार्ड इम्यूनिटी 50 फीसदी से भी कम
विशेषज्ञों की मानें तो देश के ज्यादातर हिस्सों में हार्ड इम्यूनिटी 50 फीसदी से ज्यादा है, लेकिन केरल में इसकी अनुपात पचास फीसदी से कम है हाल ही में आई ICMR के सीरो सर्वे की रिपोर्ट में मालूम चला कि केरल की हार्ड इम्यूनिटी 50 फीसदी से भी कम है।

चुनावी सभाएं और पर्व-त्योहारों से भी बढ़ रहे मामले
केरल में कोरोना के बढ़ रहे मामलों के पीछे चुनावी रैलियां, त्योहार और सामाजिक गतिविधियां भी शामिल हैं। चाहे ओणम का त्योहार हो या ईद के मौके पर केरल सरकार द्वारा प्रतिबंधों में ढील देने का फैसला। इसके अलावा कोविड उपयुक्त व्यवहार के पालन में कमी से भी संक्रमण के मामले बढ़े हैं। कोरोना महामारी कमजोर पड़ने के साथ ही लोग बिना मास्क लगाए ही बाजारों में निकल जा रहे हैं। इससे कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं।तीसरी लहर का संकेत
भारत के दैनिक कोविड-19 मामलों में दो तिहाई हिस्सा केरल से होना वाकई खतरे की घंटी हो सकता है। तीसरी लहर का संकेत है। केरल से ही कोरोना की पहली और दूसरी लहर की शुरुआत हुई थी। ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि कोरोना की तीसरी लहर भी यहीं से पूरे देश में फैल सकती है। हालांकि, केरल अधिक मामलों का पता लगा रहा है और उसकी सूचना दे रहा है, जो कि किसी भी बेहतर रोग निगरानी प्रणाली को करना चाहिए।

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