गुरुवार को काबुल के हामिद करज़ई इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर दो बड़े धमाके हुए, धमाके के वक्त एयरपोर्ट पर बड़ी तादाद में आम नागरिक मौजूद थे जो तालिबान के स्वामित्व वाले अफ़गानिस्तान से बाहर निकलने की जद्दोजहद में लगे हुए थे.
इस हादसे में कम से कम 90 लोगों की मौत हुई है और 150 लोग घायल हुए हैं, और यह आंकड़ा बढ़ता जा रहा है।
मुख्यालय पेंटागन ने 13 अमेरिकी सैनिकों के मारे जाने की पुष्टि की है जिनमें 11 अमेरिकी मरीन और नौ सेना के डॉक्टर शामिल हैं.
बुधवार को ही अमेरिका, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया ने अपने काबुल स्थित नागरिकों के लिए चेतावनी जारी करके कहा था कि वे एयरपोर्ट की ओर ना जाएं क्योंकि यहां आंतकवादी गतिविधि होने की आशंका है. इस हमले की ज़िम्मेदारी इस्लामिक स्टेट-ख़ुरासान ने ली है जो इस्लामिक स्टेट समूह की अफ़गानिस्तान शाखा है.
काबुल एयरपोर्ट के बाहर दो धमाके हुए. पहला धमाका शाम 6 बजे (स्थानीय समयानुसार) एयरपोर्ट के पास स्थित बैरन होटल के क़रीब हुआ. इस होटल में ब्रितानी अधिकारी रह रहे हैं जो अफ़गनिस्तान के लोगों को सुरक्षित ब्रिटेन पहुंचाने का कामकाज देख रहे हैं.इसके बाद गोलीबारी शुरु हो गई. इसी बीच दूसरा धमाका एयरपोर्ट के एबी गेट के पास हुआ जो एयरपोर्ट के मुख्य गेट में से एक है. रिपोर्ट्स के मुताबिक़ दूसरा धमाका उस नहर के पास हुआ जहां बड़ी तादाद में अफ़ग़ान लोग एयरपोर्ट के भीतर जाने के लिए अपनी बारी का इंतज़ार कर रहे थे. धमाका हुआ तो कुछ लोग नहर के पानी में बह गए.