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बहुचर्चित शब्लू पुलिस कस्टडी डेथ में पुलिस वाले दोषमुक्त:2016 में मुरादाबाद के हजरतनगर गढ़ी थाने में कस्टडी में हुई थी शब्लू की मौत, SO समेत 13 पुलिस वालों के खिलाफ हुई थी हत्या की FIR, अदालत में मुकरे गवाह

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मुरादाबाद2 घंटे पहले

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मुरादाबाद के बहूचर्चित शब्लू पुलिस कस्टडी डेथ मामले में आदलत ने आरोपी पुलिस वालों को बरी कर दिया है। मुकदमे के वादी समेत बाकी गवाह कोर्ट में मुकर गए। - Dainik Bhaskar

मुरादाबाद के बहूचर्चित शब्लू पुलिस कस्टडी डेथ मामले में आदलत ने आरोपी पुलिस वालों को बरी कर दिया है। मुकदमे के वादी समेत बाकी गवाह कोर्ट में मुकर गए।

मुरादाबाद के बहूचर्चित शब्लू कस्टडी डेथ में अदालत ने आरोपी पुलिस वालों को दोषमुक्त कर दिया है। हजरत नगर गढ़ी पुलिस 22 सितंबर 2016 को रफीकुल हसन उर्फ शब्लू को आर्म्स एक्ट के मामले में उठाकर लाई थी। अगले दिन 23 सितंबर को पुलिस कस्टडी में उसकी मौत हो गई थी।

मामले में मृतक के भाई ने हजरत नगर गढ़ी थाने के तत्कालीन SO परवेज चौहान समेत 13 के खिलाफ हत्या की FIR दर्ज कराई थी। एक कांस्टेबल घटना के बाद से ही जेल में बंद है। पुलिस ने विवेचना में ही SO समेत 11 अभियुक्तों के नाम निकाल दिए थे। विवेचक ने दो कांस्टेबल सनी ताेमर और हिमांशू तोमर के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का आरोप पत्र कोर्ट में दाखिल किया था।

5 साल से जेल में बंद है एक कांस्टेबल

सनी तोमर को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। वह घटना के बाद से ही जेल में बंद है। जबकि हिमांशू तोमर घटना के बाद से फरार चल रहा है। मामले की सुनवाई ADJ -3 अमित मालवीय की आदलत में हुई। साक्ष्यों के मूल्यांकन और गवाही के आधार पर अदालत ने 10 अगस्त को अभियुक्त कांस्टेबल सनी तोमर को निर्दोष मानते हुए दोषमुक्त कर दिया है। अदालत ने करीब पांच साल से जेल में बंद कांस्टेबल सनी तोमर निवासी बिजरौल थाना बड़ौत बागपत को तुरंत रिहा करने का आदेश दिया है। जबकि फरार चल रहे दूसरे आरोपी कांंस्टेबल हिमांशु तोमर की फाइल पहले ही पृथक की जा चुकी है।

घर वालों ने कहा था- पुलिस ने पीट पीटकर मार डाला

पाकबड़ा थाना क्षेत्र के गांव मढ़न निवासी रफीकुल हसन उर्फ शब्लू पुत्र मेराजुल हसन 22 सितंबर 2016 को संभल के नखासा थाना क्षेत्र में सिरसी स्थित अपने मामा मोहम्मद अहमद के घर आया था। घटना के बाद शब्लू के घर वालों ने आरोप लगाया था कि हजरत नगर गढ़ी पुलिस परिवार वालों की नजरों के सामने उसे घर से उठा ले गई थी। इसके बाद थाने में उसे बेरहमी से पीटा गया जिसकी वजह से उसकी मौत हो गई। शब्लू के भाई कमरूल हसन ने FIR में कहा था कि वह पीछे – पीछे थाने पहुंचा था तो उसने देखा कि पुलिसस वाले उसके भाई को अमानवीयता से पीट रहे थे। 23 सितंबर 2016 को वह भाई को खाना देने पहुंचा तो पता चला कि उसकी मौत हो चुकी है।

SO समेत 13 पर हुई थी हत्या की FIR

मृतक शब्लू के भाई कमरूल हसन ने 23 सितंबर 2016 को हजरत नगर गढ़ी थाने के तत्कालीन SO प्रवेश कुमार चौहान उर्फ परवेज चौहान, कांस्टेबल रवित कुमार, हिमांशू तोमर, सनी तोमर, कपिल देव शर्मा, सोनू कुमार, योगेंद्र कसाना, राहुल कुमार, सतेंद्र सिंह, सचिन कुमार एंव सुनील समेत 11 पुलिस वालों को नामजद करते हुए 13 के खिलाफ हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। FIR में बाकी दो नाम मुखबिर कुमैल अब्बास और अरमान के थे।

पुलिस ने कहा था- भागते समय गिरकर मरा था शब्लू

आरोपी पुलिस वालों ने घटना के बाद कहा था कि शब्लू को आर्म्स एक्ट में गिरफ्तार किया गया था। 23 सितंबर 2016 को दो सिपाही सनी तोमर और हिमांशू तोमर बाइक से उसे कोर्ट में पेश करने संभल ले जा रहे थे, तब वह टाॅयलेट करने के बहाने बाइक से उतरा था। पुलिस का तर्क था कि कस्टडी से भागने की कोशिश में वह दौड़ते समय गिर गया था। गिरने से आई चोटों की वजह से उसकी मौत हो गई थी।

कोर्ट में मुकर गए मृतक का भाई और बहनें

बचाव पक्ष के अधिवक्ता अनुज कुमार विश्नोई।

बचाव पक्ष के अधिवक्ता अनुज कुमार विश्नोई।

मृतक के भाई कमरूल हसन, पिता मेराजुल हसन और बहन शहाना खातून समेत अन्य परिजनों ने FIR में दावा किया था कि उन्होंने पुलिस को शब्लू को पीटते हुए अपनी आंखों से देखा था। परिजनों ने अपनी नजरों के सामने से शब्लू को पुलिस द्वारा उठा ले जाने की बात भी FIR में कही थी। लेकिन कोर्ट में गवाही के दौरान यह सभी एक – एक कर अपने बयानों से मुकर गए। मुकदमे के वादी कमरूल हसन ने कोर्ट में गवाही मेंं कहा कि वह मेरठ में वकील हैं और घटना के दिन वहीं थे। जबकि FIR में उन्होंने कहा था कि घटना के दिन वह सिरसी में अपने मामू के घर थे और पुलिस उनकी नजरों के सामने उनके भाई को उठा ले गई थी। बचाव पक्ष की ओर से पैरवी करने वाले अधिवक्ता अनुज कुमार विश्नोई ने सभी गवाहों की मोबाइल CDR की मदद से अदालत में यह साबित किया कि घटना के समय उनकी लोकेशन सिरसी में नहीं थी। इसलिए उनके द्वारा FIR में किया गया दावा सही नहीं है।

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