भारतीय अभिनेत्री अनसूया सेनगुप्ता को कान फ़िल्म समारोह की अन-सर्टेन रिगार्ड श्रेणी में बुल्गारियाई निर्देशक कोन्सटेंटिन बोजानोव की फ़िल्म ‘द शेमलेस’ के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का अवॉर्ड मिला है.
ये फ़िल्म दिल्ली के वेश्यालय में काम कर रही रेणुका की कहानी है जो एक रात एक पुलिसवाले का क़त्ल कर फ़रार हो जाती है.
रेणुका उत्तर भारत में वेश्याओं के एक समुदाय में शरण लेती हैं, जहां उनकी मुलाक़ात देविका से होती है. देविका एक कम उम्र की युवती हैं जो वेश्या का जीवन जीने को मजबूर हैं.
रेणुका और देविका साथ मिलकर क़ानून और समाज से बचने के लिए एक ख़तरनाक रास्ते पर निकल पड़ती हैं. उनका मक़सद है आज़ाद होना.
भारतीय किरदारों पर बनीं फ़िल्म ‘द शेमलेस’ में दो मुख्य किरदार भारतीय महिलाएं हैं. इस फिल्म सदियों पुरानी देवदासी प्रथा की झलक भी दिखाती है.
इमेज कैप्शन,अनसूया सेनगुप्ता
अनसूया को रेणुका का किरदार मिलना भी एक संयोग ही था. ये सब एक फ्रेंड रिक्वेस्ट से शुरू हुआ.
उन्होंने साक्षात्कार में बताया कि उन्हें फ़ेसबुक मित्र बोज़ानोव से हिंदी फ़िल्म में ऑडिशन के लिए निमंत्रण मिला.
एक इंस्टाग्राम पोस्ट में अनसूया ने लिखा है, “जून 2020 में कॉन्स्टेंटिन ने मुझे मैसेज किया और कहा कि वो अपनी आगामी फ़िल्म ‘द शेमलेस’ के मुख्य किरदार के लिए मेरा ऑडिशन लेने में रुचि ले रहे हैं.”
अनसूया ने लिखा, “मेरा पहला जवाब था- क्यों”
अनुसुया ने अपना ऑडिशन टेप भेजा और कोन्सटेंटिन बोज़ानोव ने तुरंत हां बोल दिया.
इस फ़िल्म को नेपाल और मुंबई में शूट किया गया है.
सेक्स वर्करों की ज़िंदगी पर कई फ़िल्में बनी हैं और बॉलीवुड फ़िल्मों में सेक्स वर्करों के किरदार छोटी या बड़ी भूमिका में नज़र आते रहे हैं.
बुल्गारियाई निर्देशक की इस फ़िल्म में अनसूया सेनगुप्ता के ज़बरदस्त अभिनय ने उन्हें दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कारों में से एक दिला दिया है.
जादवपुर यूनिवर्सिटी से अंग्रेज़ी साहित्य में स्नातक अनसूया सेनगुप्ता कोलकाता की हैं. शुरुआत में उनका इरादा अभिनय की दुनिया में करियर बनाने का नहीं था. वो पत्रकारिता करना चाहती थीं.
लेकिन 2013 में वो मुंबई पहुंची और यहां उन्होंने फ़िल्मों के लिए प्रोडक्शन डिज़ाइनर का काम करना शुरू कर दिया.