टोक्यो8 घंटे पहले
- कॉपी लिंक
भारतीय बैडमिंटन स्टार पीवी सिंधु टोक्यो ओलिंपिक में महिला सिंगल्स के क्वार्टर फाइनल में पहुंच गई हैं। सिंधु ने लगातार दूसरी बार ओलिंपिक के अंतिम-8 में जगह बनाई हैं। उन्होंने 2016 रियो ओलिंपिक में भी यह कारनामा किया था। सिंधु रियो में फाइनल तक पहुंचीं और सिल्वर मेडल जीता था।
अगर वे टोक्यो में भी मेडल अपने नाम करती हैं तो किसी इंडिविजुअल इवेंट में दो ओलिंपिक मेडल जीतने वाली भारत की दूसरी खिलाड़ी बन जाएंगी। पहलवान सुशील कुमार यह उपलब्धि हासिल कर चुके हैं। उन्होंने 2008 बीजिंग ओलिंपिक में ब्रॉन्ज और 2012 लंदन ओलिंपिक में सिल्वर मेडल जीता था।
अब जापानी खिलाड़ी से मुकाबला
क्वार्टर फाइनल में सिंधु का सामना जापान की अकाने यामागूची से होगा। सिंधु की वर्ल्ड रैंकिंग 7 है वहीं, यामागूची 5वें नंबर की खिलाड़ी हैं। यामागूची के खिलाफ सिंधु का ओवरऑल रिकॉर्ड 11-7 का है। लेकिन, दोनों खिलाड़ियों के बीच हुए पिछले तीन मुकाबलों में यामागूची ने दो में जीत हासिल की है। सिंधु अगर यह मैच जीतती हैं तो सेमीफाइनल में उनके सामने वर्ल्ड नंबर-1 चाइनीज ताइपे की ताइ जू यिंग या वर्ल्ड नंबर-6 थाईलैंड की रात्चानोक इंतानोन हो सकती हैं।
डिफेंस में सुधार का मिल रहा फायदा
सिंधु टोक्यो ओलिंपिक में लगातार 3 मैच जीत चुकी हैं। ग्रुप स्टेज के दो और प्री क्वार्टर फाइनल में उन्होंने एक भी गेम नहीं गंवाया है। सिंधु ने पिछले कुछ महीनों में अपने डिफेंस पर काफी मेहनत की है और इसका उन्हें फायदा भी मिला है। अब वे जल्द लय नहीं खोती हैं और प्रतिद्वंद्वी खिलाड़ी को आसान पॉइंट जीतने का मौका नहीं देती हैं।
काल्पनिक मैच सिचुएशन बनाकर की ट्रेनिंग
कोरोना महामारी का असर दुनियाभर के एथलीट पर पड़ा। सिंधु भी इससे अछूती नहीं रहीं। कई टूर्नामेंट कैंसिल होने के कारण उन्हें मैच प्रैक्टिस नहीं मिल पा रही थी। इस चुनौती से निबटने के लिए उनके कोरियाई कोच पार्क ते सैंग ने उन्हें काल्पनिक मैच सिचुएशन क्रिएट कर प्रैक्टिस कराई है।
बड़े टूर्नामेंट में बेहतर हो जाता है सिंधु का खेल
पीवी सिंधु की खासियत है कि टूर्नामेंट जितना बड़ा होता है उनके खेल का स्तर उतना ही ऊंचा हो जाता है। ओलिंपिक सिल्वर के अलावा वर्ल्ड चैंपियनशिप में एक गोल्ड, दो सिल्वर सहित पांच मेडल इस बात की तस्दीक करते हैं कि सिंधु को उम्मीदों का दबाव झेलना आता है। सिंधु 2018 कॉमनवेल्थ गेम्स की गोल्ड मेडलिस्ट भी रही हैं। साथ ही उन्होंने एशियन चैंपियनशिप, साउथ एशियन गेम्स और यूबर कप में भी मेडल जीता है।