- वर्ल्ड कप 2019 का फाइनल और सुपर ओवर दोनों टाई होने के बाद बाउंड्री काउंट नियम से इंग्लैंड को जीत मिली थी
- बाउंड्री काउंट नियम की पूर्व अंपायरों, खिलाड़ियों और प्रशंसकों ने आलोचना की थी, इसके बाद आईसीसी ने नियम बदला
दैनिक भास्कर
May 13, 2020, 05:41 PM IST
वर्ल्ड कप 2019 के विवादित फाइनल में इंग्लैंड ने बाउंड्री काउंट नियम से न्यूजीलैंड को हराया था। खेल के दिग्गजों ने इसकी आलोचना करते हुए इसे न्यूजीलैंड के खिलाफ नाइंसाफी बताया था। पूर्व भारतीय क्रिकेटर गौतम गंभीर भी ऐसा ही मानते हैं। उन्होंने कहा कि न्यूजीलैंड खिताब की हकदार थी। उसे इंग्लैंड के साथ संयुक्त विजेता घोषित किया जाना चाहिए थे।
वर्ल्ड कप का फाइनल और उसके बाद सुपर ओवर दोनों टाई हो गए थे। इसके बाद आईसीसी के बाउंड्री काउंट नियम से इंग्लैंड विजेता बना था। आलोचना बाद आईसीसी ने यह नियम ही बदल दिया और कहा कि जब तक एक टीम दूसरी से ज्यादा रन नहीं बना लेती, सुपर ओवर दोहराया जाता रहेगा।
‘न्यूजीलैंड को प्रदर्शन के हिसाब से क्रेडिट नहीं मिला’
गंभीर ने स्टार स्पोर्ट्स के शो क्रिकेट कनेक्टेट में कहा, ‘‘उस समय वर्ल्ड कप में संयुक्त रूप से विजेता घोषित किया जाना चाहिए थे। न्यूजीलैंड वह खिताब मिलना चाहिए था, लेकिन दुर्भाग्य से ऐसा नहीं हो सका। यदि आप उनका (न्यूजीलैंड) का ओवरऑल रिकॉर्ड देखेंगे, तो उन्होंने लगातार अच्छा प्रदर्शन किया। 2019 और उससे पहले 2015 वर्ल्ड कप में वे लगातार रनरअप ही रहे। मेरा मानना है कि उन्होंने हर एक परिस्थिति में बेहतर प्रदर्शन किया है। हमने उनको इस हिसाब से क्रेडिट नहीं दिया।’’
26 बाउंड्री लगाने वाला इंग्लैंड विजेता बना था
2019 में हुए वर्ल्ड कप फाइनल में सुपर ओवर खेला गया। वर्ल्ड कप के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ था। यह भी पहली बार हुआ था, जब मैच और सुपर ओवर, दोनों टाई हो गए। न्यूजीलैंड ने पहले 241 रन बनाए थे। इंग्लैंड की टीम 241 रन पर ही ऑलआउट हो गई थी। सुपर ओवर में इंग्लैंड ने 15 रन बनाए थे।
न्यूजीलैंड ने इस लक्ष्य की बराबरी तो कर ली, लेकिन जीत के लिए जरूरी एक रन नहीं बना पाई थी। इसके बाद बाउंड्री काउंट नियम लागू हुआ। पूरे मैच में इंग्लैंड ने 26 और न्यूजीलैंड ने 17 बाउंड्री लगाईं। ज्यादा बाउंड्री लगाने की वजह से इंग्लैंड को विजेता घोषित किया गया।