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मुंबईएक घंटा पहले
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- हर वर्किंग डे में कंपनी के 300-350 कर्मचारियों ने नौकरी छोड़ी है
- कंपनी ने कहा कि 29% लोगों ने अपनी इच्छा से नौकरी छोड़ी है
दिग्गज सूचना एवं प्रौद्योगिकी (IT) कंपनी कॉग्निजेंट इस साल 1 लाख लोगों को नौकरी देगी। ऐसा इसलिए क्योंकि बड़े पैमाने पर इसके कर्मचारी नौकरी छोड़ कर जा रहे हैं। कंपनी के पास 3.01 लाख से ज्यादा कर्मचारी हैं।
कंपनी के इतिहास में बना रिकॉर्ड
कंपनी ने कहा कि उसके 31% से ज्यादा कर्मचारी कंपनी छोड़ गए हैं। यह उसके इतिहास में अब तक का सबसे ज्यादा एट्रिशन रेट रहा है। जून तिमाही में 23,300 कर्मचारी नौकरी छोड़े हैं। इसका मतलब हर वर्किंग दिन में 300-350 लोग नौकरी छोड़ रहे हैं। इसमें से 29% लोगों ने अपनी इच्छा से नौकरी छोड़ी है। कंपनी इस समस्या से निपटने के लिए ज्यादा लोगों को नौकरी देगी।
कंपनी 1 लाख लोगों को इस पूरे साल के दौरान नौकरी देगी। हालांकि इसमें ज्यादातर उन लोगों को रखा जाएगा जिनके पास अनुभव होगा। साथ ही कंपनी अपने 1 लाख वर्तमान कर्मचारियों को ट्रेनिंग भी देगी।
दो तिहाई से ज्यादा कर्मचारी भारत में
अमेरिकी IT कंपनी ने कहा कि उसके दो तिहाई से ज्यादा कर्मचारी भारत में हैं। अप्रैल से जून तिमाही के दौरान उसके ज्यादातर कर्मचारी नौकरी छोड़ दिए हैं। जनवरी से मार्च तिमाही के दौरान उसके 21% कर्मचारियों ने नौकरी छोड़ दिया था। इस दौरान सभी IT कंपनियों से नौकरी छोड़ने के मामले में कॉग्निजेंट टॉप पर रही है। कॉग्निजेंट की मानव संसाधन टीम यानी HR नौकरी छोड़ने वालों के असर को कम करने के लिए कोशिश कर रही है। इसके लिए भर्तियों में तेजी और ट्रेनिंग प्रोग्राम शामिल हैं।
इसके सीईओ ब्रायन हंफरीज ने कहा कि इसी साल 30 हजार नए ग्रेजुएट्स को नौकरी दी जाएगी। 2022 के लिए 45 हजार से ज्यादा नए ग्रेजुएट्स को नौकरी दी जाएगी।
रेवेन्यू 4.6 अरब डॉलर रहा
दूसरी तिमाही में कंपनी का कुल रेवेन्यू 4.6 अरब डॉलर रहा है। दूसरी तिमाही के रिजल्ट के बाद कंपनी ने कहा कि उसकी विकास दर 10% से ज्यादा इस साल रह सकती है। कंपनी ने कहा कि मजबूत डिमांड तो है, पर नौकरी छोड़ने वालों से वह परेशान है।
नौकरी छोड़ने वालों में एसेंचर दूसरे नंबर पर
जून तिमाही में नौकरी छोड़ने वालों की दर कॉग्निजेंट के बाद एसेंचर की रही है। इस कंपनी में 17% लोगों ने नौकरी छोड़ दिया। टाटा कंसलटेंसी सर्विसेस में यह दर 8.6% रही है जबकि इंफोसिस में यह 13.9, एचसीएल में 11.8 और विप्रो में 15.5% रही है। पिछले साल 15,540 कर्मचारियों ने नौकरी छोड़ दी। इसके कुल कर्मचारियों की तुलना में नौकरी छोड़ने वालों की संख्या 21% रही थी। यानी एक चौथाई के करीब कर्मचारियों ने नौकरी छोड़ दी थी।
मार्च तिमाही में 7 हजार लोगों की भर्ती
जनवरी से मार्च की तिमाही में कंपनी ने 7 हजार लोगों की भर्ती की थी। कॉग्नीजेंट नौकरी छोड़ कर जाने वालों से ज्यादा परेशान है। इसका असर इसके मार्च तिमाही के रेवेन्यू पर भी दिखा था। मार्च तिमाही में मैनेजमेंट ने कहा था कि वह टैलेंट यानी प्रतिभाओँ की कमी की समस्या से जूझ रही है। काफी अच्छे सारे लोग नौकरी छोड़ कर जा रहे हैं। कंपनी ने कहा कि उसके हाथ से जनवरी मार्च तिमाही में इसलिए काफी सारी डील निकल गई क्योंकि उसके पास इसे पूरे करने वाले कर्मचारी नहीं थे।
नौकरी छोड़ कर जाने वालों को रोकने की तैयारी
कंपनी के मुताबिक, वह अब नौकरी छोड़ कर जाने वालों को रोकने के लिए तैयारी कर रही है। इसके लिए वह ट्रेनिंग कार्यक्रम, तिमाही प्रमोशन और ग्रोथ के ज्यादा से ज्यादा मौके देने के लिए जॉब रोटेशन जैसे तरीकों पर फोकस करेगी। देश की सबसे बड़ी कंपनी TCS यानी टाटा कंसलटेंसी सर्विसेस में कुल 5 लाख से ज्यादा कर्मचारी हैं। इसमें से 8,795 कर्मचारी पिछले साल नौकरी छोड़ गए थे।
इंफोसिस में 9,865 कर्मचारियों ने पिछले साल नौकरी छोड़ी जबकि विप्रो में 5,980 लोगों ने नौकरी छोड़ी थी। एचसीएल के कुल 4,182 कर्मचारियों ने पिछले साल नौकरी छोड़ी थी।
TCS ने 20,409 लोगों की हायरिंग की
TCS ने फाइनेंशियल यर 2021 की पहली तिमाही में 20,409 नए कर्मचारियों को जोड़ा है। साथ ही कंपनी ने कहा है कि फाइनेंशियल ईयर 2022 में 40,000 फ्रेशर्स की भर्तियां करेगी। इंफोसिस ने कहा था कि 2021-22 में वह दुनियाभर से 35 हजार स्टूडेंट को नौकरी देगी देश की सबसे बड़ी IT कंपनियां 2020-21 में 1 लाख से ज्यादा फ्रेशर्स को नौकरी देने की योजना बना रही हैं। यह पिछले साल से 45% ज्यादा है।