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गाजियाबादएक घंटा पहले
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दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालिवाल ने गुरुवार को गाजीपुर बॉर्डर पहुंचकर राकेश टिकैत से मुलाकात की।
दिल्ली में 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा से कड़े सबक ले चुकी पुलिस के लिए अब एक और टेंशन बढ़ गई है। भारतीय किसान यूनियन के रास्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने ऐलान कर दिया है कि 15 अगस्त को वह दिल्ली में तिरंगा फहराएंगे। इसके लिए सरकार चाहें बस 5 गज जमीन दे दे। अगर जमीन भी नहीं देगी तो भी वह तिरंगा फहराकर रहेंगे। इसे लेकर पुलिस की सुरक्षा और खुफिया एजेंसियां अलर्ट हो गई हैं। खुफिया एजेंसियां यह टटोलने में लगी हैं कि आखिर किसान नेताओं की इतनी जिद के पीछे का मकसद क्या है, क्योंकि किसान चाहें तो यही तिरंगा अपने धरने वाले बॉर्डरों पर भी फहरा सकते हैं।
अक्षरधाम मंदिर चौराहा को बताया उपयुक्त जगह
लखनऊ की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद राकेश टिकैत ने गुरुवार सुबह गाजीपुर बॉर्डर पर कहा कि वह स्वतंत्रता दिवस पर दिल्ली के अंदर जाकर तिरंगा फहराएंगे। देश के किसान दिल्ली के बॉर्डरों पर आए हुए हैं, इसलिए वह यहीं पर तिरंगा फहराएगा। क्या दिल्ली में किसानों को इसके लिए पांच गज जगह भी नहीं मिलेगी? टिकैत ने कहा, अगर हमें जमीन नहीं मिली तो ड्रोन उड़ाकर दिल्ली के अंदर ले जाकर तिरंगा फहराएंगे। ऐसा भी संभव नहीं हुआ तो हवाई मार्ग से दिल्ली के अंदर जाकर झंडा फहराएंगे। टिकैत ने दो टूक कहा कि अगर हमें पांच गज जगह नहीं दी तो तब बताएंगे। राकेश टिकैत ने तिरंगा फहराने के लिए उपयुक्त जगह दिल्ली में अक्षरधाम मंदिर के नजदीक वाला चौराहा बताया है।
यूपी पुलिस का दिल्ली पुलिस से कॉर्डिनेशन
टिकैत के इस ऐलान के बाद यूपी और दिल्ली पुलिस को अलर्ट किया गया है। खुफिया एजेंसियों के कई लोग गोपनीय रूप से गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों का मन कुरेदने में लगे हैं। वह यह जानना चाहते हैं कि आखिर दिल्ली के अंदर ही तिरंगा फहराने की जिद क्यों है। क्योंकि यदि किसान चाहें तो टीकरी, सिंघु, गाजीपुर बॉर्डर पर भी तिरंगा फहरा सकते हैं। गाजियाबाद के डीआईजी अमित पाठक ने बताया, गाजीपुर बॉर्डर पर पुलिस पूरी तरह सतर्क है। 15 अगस्त को लेकर दिल्ली पुलिस से भी कॉर्डिनेशन किया जा रहा है।
ट्रैक्टर रैली हिंसा में हुए थे 59 मुकदमे
26 जनवरी को किसानों ने दिल्ली में ट्रैक्टर परेड निकाली थी। इस दौरान कई जगह हिंसा हुई। लालकिले के एक स्थान पर धार्मिक झंडा लहराया गया। दिल्ली में 59 मुकदमे दर्ज हुए और 158 किसान गिरफ्तार हुए थे। इस हिंसा के बाद से दिल्ली पुलिस फूंक-फूंककर कदम रख रही है। जंतर-मंतर पर चल रही ‘किसान संसद’ में रोजाना 200 किसानों को दिल्ली पुलिस अपनी निगरानी में बसों में बैठाकर सिंघु बॉर्डर से लेकर जाती है और वापस छोड़कर जाती है। अब किसानों ने 15 अगस्त को तिरंगा फहराने का जो ऐलान किया है, उससे पुलिस की टेंशन फिर बढ़ गई है।
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