न्यूज डेस्क, अमर उजाला, जम्मू Published by: Vikas Kumar Updated Wed, 28 Jul 2021 05:58 PM IST
सार
अमरनाथ गुफा के पास पहले से ही एसडीआरएफ की दो टीमें मौजूद हैं। हालांकि प्रशासन ने एक और टीम को मौके पर भेजा है।
बादल फटने के बाद पहाड़ से गिरता पानी – फोटो : amar ujala
ख़बर सुनें
विस्तार
एक अधिकारी ने बताया कि इसमें किसी तरह का कोई जानी नुकसान नहीं हुआ है और ना ही कोई घायल हुआ है। उन्होंने बताया कि पहले से ही गुफा के पास एसडीआरएफ की दो टीमें तैनात हैं और एक अतिरिक्त टीम को गांदरबल से रवाना कर दिया गया है। बता दें कि इस वर्ष अमरनाथ यात्रा स्थगित होने के चलते गुफा पर कोई यात्री मौजूद नहीं है। केवल श्राइन बोर्ड के कर्मचारी और सुरक्षाकर्मी वहां तैनात हैं।
इस साल 28 जून से शुरू होनी थी अमरनाथ यात्रा
इस साल अमरनाथ यात्रा 28 जून से शुरू होकर 22 अगस्त तक चलनी थी, लेकिन कोरोना की वजह से इसे लगातार दूसरे साल रद्द कर दिया गया। बाबा अमरनाथ की पवित्र गुफा पहलगाम से 46 किमी और बालटाल से 14 किमी दूर है। अमरनाथ की गुफा में बर्फ से प्राकृतिक शिवलिंग बनता है। यह सबसे कठिन तीर्थ यात्राओं में से एक है। यहां मौसम खराब रहता है। ऑक्सीजन की कमी रहती है। भूस्खलन और भारी बारिश का खतरा बना रहता है।
लगातार दो सालों से रद्द है यात्रा
कोरोना वायरस के चलते जम्मू कश्मीर प्रशासन ने अमरनाथ यात्रा को बीते दो साल से लगातार रद्द कर रखा है। यदि यह यात्रा संचालित होती तो माना जा रहा है कि इस हादसे में बड़ी संख्या में जानमाल का नुकसान हो सकता था।
जम्मू-कश्मीर में बादल फटने की आज दूसरी बड़ी घटना
बता दें कि किश्तवाड़ में सुबह 4.30 बजे बादल फटने के बाद बाढ़ आ गई। जिसमें हुंजर गांव के छह घर और एक राशन स्टोर बह गए। इसमें करीब 40 लोग लापता बताए जा रहे हैं। अभी तक सात लोगों के शव निकाल लिए गए हैं और 17 लोगों को रेस्क्यू कर लिया गया है जिनमें से पांच की हालत गंभीर है।
जिला उपायुक्त किश्तवाड़ अशोक कुमार शर्मा ने बताया कि सात शव निकाले जा चुके हैं। सेना, पुलिस और एसडीआरएफ की ओर से बड़े पैमाने पर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है। किश्तवाड़ से एसडीआरएफ की टीम मौके पर है, जबकि जम्मू, उधमपुर और श्रीनगर से टीमों को घटनास्थल तक एयरलिफ्ट करने के लिए मौसम बाधा बना हुआ है।