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बढ़ रही भूलने की बीमारी:2050 तक दुनिया में तीन गुना बढ़ जाएंगे डिमेंशिया के मरीज, 15 करोड़ से अधिक हो जाएगी मरीजों की संख्या; अमेरिकी वैज्ञानिकों का अनुमान

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  • Global Dementia Cases Will Nearly TRIPLE To More Than 152 Million By 2050, Grim Study Predicts

4 घंटे पहले

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दुनियाभर में चीजों को भूलने यानी याद्दाश्त घटने की बीमारी के मामले बढ़ रहे हैं। वैज्ञानिक भाषा में इसे डिमेंशिया कहते हैं। वाशिंगटन यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों का अनुमान है कि 2050 तक दुनियाभर में डिमेंशिया के मरीज तीन गुना बढ़ जाएंगे। ऐसे मरीजों की संख्या बढ़कर 15 करोड़ से अधिक हो जाएगी।

इसके सबसे ज्यादा मामले ईस्टर्न, सब-सहारा अफ्रीका, नॉर्थ अफ्रीका और मिडिल ईस्ट में बढ़ रहे हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन कहता है, हर साल डिमेंशिया के 1 करोड़ नए मामले सामने आते हैं। अमेरिकी वैज्ञानिकों की नई रिसर्च के मुताबिक, लोगों को शिक्षित करके 2050 तक इसके 60.2 लाख मामलों को बढ़ने रोका भी जा सकता है। इस रिसर्च के परिणाम पॉलिसीमेकर्स को नई रणनीति बनाने में मदद करेंगे ताकि इसके मामलों को बढ़ने से रोका जा सके।

2019 में डिमेंशिया के मरीजों की संख्या 5 करोड़ से अधिक थी। अगले तीन दशकों बाद यह आंकड़ा 15 करोड़ तक पहुंच जाएगा।

इसके मामले क्यों बढ़ रहे और इन्हें कैसे रोकें
शोधकर्ताओं ने 1999 से 2019 के बीच दुनियाभर में स्वास्थ्य को लेकर हुए बदलावों को समझा। रिसर्च में डिमेंशिया के रिस्क फैक्टर जैसे स्मोकिंग और बॉडी मास इंडेक्स को भी शामिल किया। इस दौरान पता चला कि सोचने-समझने की क्षमता घटाने वाली बीमारी अल्जाइमर्स से होने वाली मौतों का खतरा बढ़कर 38 फीसदी तक हो गया। इस नई रिसर्च को अल्जाइमर्स एसोसिएशन इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस में पेश किया गया।

अल्जाइमर्स एसोसिएशन की चीफ साइंस ऑफिसर मारिया कैरिलो का कहना है, हृदय से जुड़ी बीमारियां, लाइफस्टाइल में बदलाव और लोगों को शिक्षित करके डिमेंशिया के मामलों को घटाया जा सकता है। डिमेंशिया के मामलों के बढ़ने की एक वजह आबादी में बढ़ता बुढ़ापा भी है। इसके अलावा युवाओं में बढ़ता मोटापा, डायबिटीज, एक ही जगह पर बैठकर घंटों काम करने की आदत भी डिमेंशिया का रिस्क बढ़ाती है।

दिमाग से जुड़ी बीमारियों पर हुई ICMR की स्टडी कहती है, 2019 में देश में स्ट्रोक के बाद सबसे ज्यादा 12 फीसदी तक मौतें अल्जाइमर्स-डिमेंशिया के कारण हुई हैं।

डिमेंशिया को कैसे रोकें, इसे समझें

  • 6 कप से अधिक कॉफी न पिएं

ऑस्ट्रेलियाई वैज्ञानिकों की नई रिसर्च कहती है, रोजाना 6 कप से अधिक कॉफी पीते हैं तो इसका सीधा असर ब्रेन पर पड़ता है। नतीजा, ऐसे लोगों में याद्दाश्त घटने (डिमेंशिया) का खतरा 58 फीसदी तक रहता है। स्ट्रोक का डर भी बना रहता है।

  • याद्दाश्त घटने से रोकना है तो सेब खाएं

डिमेंशिया को रोकना है तो रोजाना सेब खाएं। रिसर्च के मुताबिक, सेब में दो ऐसे तत्व भी पाए गए हैं जो याद्दाश्त को घटने से रोकते हैं। ये तत्व अल्जाइमर्स और डिमेंशिया जैसे रोगों का खतरा घटाते हैं। यह दावा जर्मनी के जर्मन सेंटर फॉर न्यूरोडीजेनेरेटिव डिजीज के वैज्ञानिकों ने किया है।

  • दोपहर में 5 मिनट की झपकी जरूर लें

उम्र के साथ घट रही याददाश्त को कंट्रोल करना चाहते हैं तो दोपहर में 5 मिनट की झपकी जरूर लें। यह दावा चीनी वैज्ञानिकों ने अपनी रिसर्च में किया है। वैज्ञानिकों का कहना है, उम्र के साथ नींद लेने का तरीका बदल जाता है, लेकिन दोपहर में ली जाने वाली कुछ समय की नींद सभी में कॉमन है। यह दिमाग के लिए फायदेमंद है।

  • रोजाना 6 घंटे से कम सोने पर खतरा बढ़ता है

अमेरिका में हुई एक स्टडी में खुलासा हुआ है कि 50 साल की उम्र तक 6 घंटे या उससे कम सोने पर डिमेंशिया का खतरा बढ़ जाता है। जनरल नेचर कम्युनिकेशन में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, जो लोग पर्याप्त नींद नहीं लेते हैं, उनमें 70 साल की उम्र आने तक याददाश्त कमजोर होने की आशंका बढ़ जाती है।

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