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- Parcel Went From Indore To Calcutta, Negligence Of GRP Came To The Fore, FIR Was Not Registered
इंदौरएक घंटा पहलेलेखक: हेमंत नागले
इंदौर में बाल चोरी होने को एक अनोखा मामला सामने आया है। इंदौर से हावड़ा जाने वाली ट्रेन से दस क्विंटल बाल चोरी हो गए हैं। जिसकी कीमत लगभग 50 लाख रुपए है। हालांकि मामले में अभी तक FIR दर्ज नहीं हुई है। इस मामले में महाराष्ट्र के फेरी वाले FIR दर्ज कराने के लिए RPF का चक्कर काट रहे हैं।
फेरी वाले एक किलो बाल 5 हजार रुपए तक में बेचते हैं। बाल इकट्ठा करने के लिए वे गली-गली घूमते हैं। शर्त यह होती है कि बाल कटे हुए नहीं केवल कंघी से गिरे हुए हों और वह भी महिलाओं के होने चाहिए। बाल की लंबाई कम से कम 8 इंच होना चाहिए। इस बाल से विग बनाए जाते हैं।
फेरी लगाने वाले सुनील ने बताया, ‘महाराष्ट्र के 150 लाेग इंदौर समेत आसपास के इलाकों में घर-घर जाकर बाल इकट्ठा करते हैं। 10 ग्राम बाल 20 रुपए तक में खरीदते हैं। 6 जुलाई 2021 को इंदौर रेलवे स्टेशन से कोलकाता-हावड़ा के लिए 21 बोरे बाल बुक कराए थे, जिसका बिल्टी नंबर 63498 था। इसमें तय समय पर सिर्फ 3 बोरे ही हावड़ा पहुंचे, जबकि 18 बोरी चोरी हो गए।’ इसके बाद फेरीवाले सुनील और उसके दोस्त इंदौर RPF पर FIR कराने पहुंचे, लेकिन GRP ने मामला दर्ज करने से साफ इनकार कर दिया। उनका कहना था कि बिल्टी में नकली बालों का जिक्र किया हुआ है और कीमतें भी कम लिखी गई है।
रेलवे पार्सल विभाग की बिल्टी।
ऐसे समझिए झड़ने वाले बाल का कारोबार
पहला स्टेज- फेरी वाले घर-घर जाकर बाल इकट्ठा करते हैं। बाल झड़े होने चाहिए और उनकी लंबाई 8 इंच से कम नहीं होनी चाहिए। क्वालिटी के हिसाब से 10 ग्राम के 20 रुपए तक देते हैं। एक दिन में एक आदमी 200 से 250 ग्राम ही बाल जुटा पाता है।
दूसरा स्टेज- बाल को एक जगह इकट्ठा करते हैं। यहां से उन्हें क्वालिटी के हिसाब से अलग-अलग करते हैं। फिर बोरियों में भरकर ट्रेन से पश्चिम बंगाल के हावड़ा भेजा जाता है। एक किलो बाल क्वालिटी के हिसाब से 5 हजार रुपए तक में बेचते हैं।
तीसरा स्टेज- कोलकाता से 90% बाल विग बनाने के लिए चीन भेजे जाते हैं। 10% बाल का विग कोलकाता में ही बनाया जाता है।
समय के साथ बदल गया धंधा
कोलकाता के व्यापारी मोहम्मद हसन बताते हैं कि उनके पास मध्यप्रदेश के अलावा बिहार और राजस्थान से बाल आते हैं। कोलकाता से 90% बाल चीन भेजा जाता है। पहले फेरी वाले को बाल देने पर वे पिन, आलपिन, फुग्गा-टॉफी आदि देते थे, लेकिन अब बदलते परिवेश में लोग सिर्फ रुपए ही लेते हैं। गांव में आज भी सामान के बदले कोई भी बाल दे देता है।
एक साल की मेहनत थी जो चोरी हो गई
सुनील का कहना है कि हम कई सालों से बाल हावड़ा भेजने का काम कर रहे हैं, लेकिन पार्सल विभाग की सीधे तौर पर लापरवाही सामने दिखाई दे रही है। गरीब व्यक्ति की सुनता ही कौन है। RPF भी हमारी मदद नहीं कर रहा है। यह 1 साल की पूरी कमाई है, जिस पर पानी फिर चुका है।
इस पूरे काम में 150 से अधिक व्यक्ति इंदौर सहित आसपास के इलाकों में बाल खरीदने का काम कर रहे हैं। 21 बोरे में 1000 किलो से ज्यादा बाल थे। गली-गली घूमने वाले सभी लोग नकद रुपए देते हैं। इस कारण से पूरी जमा पूंजी अब खत्म हो गई है। अब तो हालत यह है कि खाने-पीने की भी दिक्कत आ गई है।
GRP को दिया गया आवेदन।
गुजरात के बाल सबसे अच्छे, MP के रुखे
व्यापारी मोहम्मद हसन ने बताया कि मध्यप्रदेश से अभी 5 से 6% बाल ही आ रहे हैं। यहां के बालों की क्वालिटी भी उतनी बेहतर नहीं है। ये रुखे और कमजोर होते हैं। बाजार में गुजरात के बालों की मांग सबसे अधिक है। वहां के बाल मजबूत और चमकदार होते हैं। वहीं कोरोना के चलते व्यवसाय में मंदी छाई हुई है। एक अनुमान के मुताबिक पूरे मध्यप्रदेश से हर साल 50 करोड़ रुपए के बाल का कारोबार होता है।
लॉज में रुके हुए कारोबारी।
मामला संज्ञान में आया है और हमने कोलकाता हावड़ा पार्सल विभाग को संपर्क किया है। जांच शुरू हुई है क्योंकि पार्सल विभाग द्वारा ही बोरे भेजे गए थे। हावड़ा से यदि हमें सूचना मिल जाती है कि बोरे हावड़ा में प्राप्त नहीं हुए तो हम उस पर मामला दर्ज करेंगे।
-हरीश, थाना प्रभारी RPF, इंदौर