May 14, 2024 : 5:16 PM
Breaking News
खेल

हार के बावजूद भवानी ने रचा इतिहास: बांस की स्टिक से तलवारबाजी की शुरुआत करने वाली भवानी ने ओलिंपिक में न सिर्फ हिस्सा लिया, एक मैच में जीत भी हासिल की

[ad_1]

टोक्यो2 घंटे पहले

कॉपी लिंक

भारतीय तलवारबाज भवानी देवी टोक्यो ओलिंपिक से बाहर हो गई हैं। राउंड ऑफ 32 के मुकाबले में उन्हें फ्रांस की मैनन ब्रुनेट ने 15-7 से हराया। इसके बावजूद भवानी ने भवानी ने इतिहास रच दिया है। वे ओलिंपिक के इस खेल में हिस्सा लेने वालीं भारत की पहली एथलीट बनी। इतना ही नहीं उन्होंने अपना पहला मैच भी जीता। भवानी ने पहले मुकाबले में ट्यूनिशिया की नादिया बेन को 15-3 से हराया था।

पहले तीन मिनट में 8 अंक लिएभवानी ने पहले तीन मिनट में ही 8-0 से आगे हो गई थीं। उन्होंने आखिरकार 6 मिनट 14 सेकंड में यह मैच 15-3 जीत लिया। दूसरे राउंड में भी उन्होंने फ्रांस की प्रतिद्वंद्वी का डटकर मुकाबला किया और अपने खेल से यह जाहिर नहीं होने दिया कि वे पहली बार ओलिंपिक में हिस्सा ले रही हैं।

मां ने बाहर ट्रेनिंग में भेजने के लिए गहने रख दिए थे गिरवीभवानी देवी के पिता मंदिर में पुजारी हैं। मां हाउस वाइफ हैं। भवानी 5 भाई- बहनों में सबसे छोटी हैं। उनसे बड़ी दो बहनें और दो भाई हैं। भवानी को शुरुआत में कोई स्पॉन्सर नहीं मिला था। इसलिए क्वालिफाइंग की तैयारी के लिए उनके पापा ने कर्ज लिया और मां ने गहने गिरवी रखे।

बांस की स्टिक से शुरुआतभवानी ने बांस की स्टिक से तलवारबाजी की शुरुआत की थी क्योंकि इसके इक्विपमेंट काफी महंगे थे और उनकी घर की आर्थिक स्थिति ज्यादा अच्छी नहीं थी। 2004 में जब वह छठी क्लास में पढ़ती थी, तो स्कूल में खेल में नाम लिखवाना था। भवानी जब अपना नाम लिखाने गईं तो पता चला कि हर खेल में 6-6 बच्चे हो गए हैं, केवल तलवारबाजी में ही जगह खाली है। इसलिए भवानी ने इस खेल में अपना नाम लिखवा लिया। बाद में वह इस खेल की ही बनकर रह गईं।

चार खेलों में लड़कियों के कंधों पर थी अपने खेल की जिम्मेदारीटोक्यो ओलिंपिक में भारत से 127 खिलाड़ी 18 खेलों में टीम और इंडिविजुअल इवेंट में देश का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। चार खेलों में महिलाओं के कंधों पर ही देश का प्रतिनिधित्व करने की जिम्मेदारी थी।

जूडो- सुशीला देवी टोक्यो ओलिंपिक में इस खेल में देश का प्रतिनिधित्व करने वाली इकलौती खिलाड़ी रही। उन्होंने एशियाई कोटे से ओलिंपिक के लिए 48 किलोग्राम कैटेगरी में क्वालिफाई किया था। हालांकि वह पहले राउंड में बाहर हो गई।

वेटलिफ्टिंग- मीराबाई चानू टोक्यो में देश को पहला मेडल दिलाया। उन्होंने 49 किलो वेट में वेटलिफ्टिंग में सिल्वर मेडल जीता। चानू वेटलिफ्टिंग में क्वालिफाई करने वाली इकलौती वेटलिफ्टर थीं।

जिम्नास्टिक – जिमनास्टिक में प्रणती नायक ने टोक्यो में देश का प्रतिनिधित्व किया। वह जिम्नास्टिक में क्वालिफाई करने वाली इकलौती जिमनास्ट थीं। हालांकि वे ऑलराउंड इवेंट के पहले राउंड में हार कर बाहर हो चुकी हैं।

खबरें और भी हैं…

[ad_2]

Related posts

स्पेनिश फुटबॉल टूनार्मेंट कोपा डेल रे: 30 बार का चैंपियन बार्सिलोना 42वीं बार फाइनल में; सेमीफाइनल के दूसरे लेग में 3-0 से जीता

Admin

15 साल 219 दिन के लुका रोमेरो लीग में खेलने वाले सबसे युवा खिलाड़ी बने, फ्रांसिस्को का 81 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ा

News Blast

हेजलवुड ने कहा- कोहली अच्छी बल्लेबाजी के लिए झगड़ा करना पसंद करते हैं, गेंदबाजों को उनसे बचना चाहिए

News Blast

टिप्पणी दें