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- Big Blow To Bihar Minister Mukesh Sahni; Phoolan Devi Statue Seized By UP Varanasi Administration
पटना8 घंटे पहले
वाराणसी में पूर्व सांसद फूलन देवी की जब्त मूर्ति।
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में पूर्व सांसद स्व. फूलन देवी की मूर्ति के जरिए एंट्री करने की तैयारी कर रहे बिहार सरकार के मंत्री मुकेश सहनी को बड़ा झटका लगा है। वाराणसी प्रशासन ने फूलन देवी की प्रतिमा को जब्त कर लिया है। मुकेश सहनी 25 जुलाई को फूलन देवी की पुण्यतिथि पर यूपी में मूर्ति को स्थापित करवाने वाले थे। वह बिहार के पशु एवं मत्स्य संसाधन मंत्री हैं।
बिहार में तैयार की गई सभी 18 मूर्तियों को यूपी के विभिन्न जिलों में पहुंचा दिया गया है। इसी सिलसिले में जब एक मूर्ति वाराणसी पहुंची तो उसे प्रशासन ने जब्त कर लिया। प्रशासन की तरफ से की गई इस कार्रवाई के बाद विकासशील इंसान पार्टी (VIP) ने अन्य जिलों की मूर्तियों को सुरक्षित स्थान पर रख दिया है। बाकी 17 मूर्तियों तक अभी प्रशासन नहीं पहुंचा है। पार्टी के मुताबिक, प्रशासन ने यह कहते हुए मूर्ति को जब्त कर लिया कि इससे सामाजिक सौहार्द बिगड़ेगा।
सहनी ने अपने 6 स्ट्रैण्ड रोड स्थित सरकारी आवास पर फूलन देवी की दो दर्जन से अधिक मूर्तियां बनवाई थीं। तैयार होने के बाद इन मूर्तियों को ट्रकों से यूपी भेजा गया। सहनी के मुताबिक, ये मूर्तियां वाराणसी, लखनऊ, बलिया, संत कबीरनगर, बांदा, अयोध्या, सुल्तानपुर, गोरखपुर, महाराजगंज, औरैया, प्रयागराज, उन्नाव, मेरठ, मिर्जापुर, संत रविदास नगर, मुजफ्फरनगर, फिरोजाबाद और जौनपुर में स्थापित की जानी हैं।
मंत्री सहनी ने अपने पटना स्थित सरकारी आवास पर बनाई हैं मूर्तियां।
प्रशासन की कार्रवाई गलत : VIP
VIP ने इस कार्रवाई को गलत बताया है। पार्टी का कहना है कि जिन 18 जिलों में फूलन देवी की मूर्ति लगाई जानी है। वहां पार्टी ने इसे अपनी जमीन पर लगाने का फैसला लिया है। ऐसे में प्रशासन की तरफ से की गई ये रोक द्वेषपूर्ण कार्रवाई है। हालांकि इस मामले पर मंत्री मुकेश सहनी ने खुद सामने आकर कोई बात नहीं कही है।
यूपी में निषाद, मल्लाह और कश्यप वोट करीब चार फीसदी है। VIP निषाद समाज से आने वाली फूलन देवी के बहाने निषाद वोटों को अपने पाले में करने की कोशिश कर रही है। इसी रणनीति के तहत सहनी ने अपने मुख्य कार्यक्रम के लिए वाराणसी का चुनाव किया है। साल 2022 के विधानसभा चुनाव के पहले यूपी में अपना कद तलाशने निकले सहनी की नजर खासतौर से पूर्वी और मध्य यूपी के जिलों पर है। यहां के कई जिलों में निषाद वोट बैंक चुनाव में निर्णायक भूमिका निभाता है।
साल 2001 में हुई थी फूलन देवी की हत्या
20 साल पहले फूलन देवी की हत्या कर दी गई थी। फूलन देवी का जन्म 10 अगस्त 1963 को उत्तर प्रदेश के शेखपुरा पूर्वा में हुआ था। गांव के कुछ विशेष वर्ग के लोगों ने प्रताड़ित किया। इसके बाद फूलन देवी डकैतों के दल में शामिल हो गई थीं। अपने ऊपर हुए अत्याचारों का बदला लेते फूलन देवी ने 22 लोगों की हत्या कर दी थी। 1983 में इंदिरा गांधी की तत्कालीन सरकार की पहल पर फूलन देवी ने मध्यप्रदेश के भिंड में तत्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया था।
बिना मुकदमा चलाए 11 साल तक जेल में रहने के बाद फूलन देवी को 1994 में मुलायम सिंह यादव की सरकार ने रिहा कर दिया था। फूलन ने अपनी रिहाई के बाद बौद्ध धर्म अपना लिया था। 1996 में फूलन देवी ने उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर सीट से (लोकसभा) चुनाव जीता और वह संसद तक पहुंचीं। 25 जुलाई 2001 को दिल्ली में उनके आवास पर उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।