May 6, 2024 : 11:54 PM
Breaking News
लाइफस्टाइल

ग्लोबल वार्मिंग से घटेंगे डेंगू के मामले:गर्मी बढ़ने पर डेंगू फैलाने वाले मच्छर सुस्त पड़ जाते है, ये न उड़ पाते हैं और न संक्रमित करने लायक बचते हैं; अमेरिकी वैज्ञानिकों का दावा

  • Hindi News
  • Happylife
  • Global Warming May Reduce Spread Of Dengue Fever Says Latest Study On Dengue

एक घंटा पहले

  • कॉपी लिंक
एडीज इजिप्टी मच्छर डेंगू वायरस का वाहक होता है। इसी मच्छर के काटने से डेंगू के मामले सामने आते हैं। - Dainik Bhaskar

एडीज इजिप्टी मच्छर डेंगू वायरस का वाहक होता है। इसी मच्छर के काटने से डेंगू के मामले सामने आते हैं।

  • पेन्सिलवेनिया यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने मच्छरों को 42 डिसे. पर रखकर किया प्रयोग
  • WHO के मुताबिक, हर साल डेंगू के 40 करोड़ मामले सामने आते हैं और 25 हजार मौतें होती हैं

अमेरिकी वैज्ञानिकों ने दुनिया में बढ़ती ग्लोबल वार्मिंग का एक फायदा भी बताया है। वैज्ञानिकों का कहना है, ग्लोबल वार्मिंग के कारण देश-दुनिया में डेंगू के मामले घट सकते हैं। रिसर्च करने वाली पेन्सिलवेनिया स्टेट यूनिवर्सिटी की रिसर्चर एलिजाबेथ मैक्ग्रा कहती हैं, जब एडीज इजिप्टी मच्छर डेंगू वायरस का वाहक बन जाता है तो इसकी गर्मी सहने की क्षमता घट जाती है। यह संक्रमित करने लायक नहीं बचता। इसके अलावा मच्छरों में इस रोग को रोकने वाला बैक्टीरिया वोलबचिया भी काफी एक्टिव हो जाता है। इसलिए ग्लोबल वार्मिंग की वजह से डेंगू के मामलों में कमी आ सकती है।

तापमान बढ़ने पर मच्छर सुस्त हो जाते हैं, ऐसे समझें

  • इंडोनेशिया में डेंगू के मामलों को घटाने के लिए नया प्रयोग किया गया। मच्छरों में वोल्बाचिया बैक्टीरिया को इंजेक्ट किया गया। यह बैक्टीरिया डेंगू के वायरस को फैलने से रोकता है। इन मच्छरों को खुले में छोड़ दिया गया है। रिसर्च में सामने आया कि जहां इन मच्छरों को छोड़ा गया वहां डेंगू के मामलों में 77 फीसदी कमी आई।
  • रिसर्चर एलिजाबेथ ने मच्छरों पर जलवायु परिवर्तन के असर को समझने के लिए एक प्रयोग किया। डेंगू और वोल्बाचिया से संक्रमित मच्छरों को वॉयल में डालकर 42 डिग्री सेंटीग्रेट तापमान वाले गर्म पानी में डुबोया। दुनिया के कई हिस्सों में भी तापमान यहां तक पहुंचता है।
  • प्रयोग के बाद यह देखा गया कि 42 डिग्री सेंटीग्रेट पर मच्छर कितनी देर बाद सुस्त होना शुरू होते हैं और मौत हो जाती है। रिजल्ट में सामने आया कि जो मच्छर डेंगू से संक्रमित थे वो कमजोर हुए और 3 गुना तक सुस्त हो गए। वहीं, वोल्बाचिया बैक्टीरिया से संक्रमित मच्छर 4 गुना अधिक आलसी हो गए।
  • रिसर्च में साबित हुआ कि गर्म तापमान में डेंगू वायरस और वोल्बाचिया बैक्टीरिया से संक्रमित मच्छर कमजोर हो जाते हैं। ये बीमारी फैलाने लायक नहीं बचते। इनकी गर्मी सहने की क्षमता घट जाती है। ये न चल पाते हैं और न ही उड़ पाते हैं।

मच्छर में वायरस अपनी संख्या नहीं बढ़ा पाता
रिसर्चर एलिजाबेथ का कहना है कि इतनी गर्मी में मच्छर में मौजूद डेंगू का वायरस रेप्लिकेट नहीं कर पाता। यानी यह वायरस भी अपनी संख्या नहीं बढ़ा पाता। अगर ग्लोबल वार्मिंग और बढ़ती है तो डेंगू के मामलों की संख्या घट सकती है। डेंगू जानलेवा बीमारी है और अब तक इसका कोई कारगर इलाज नहीं ढूंढा जा सका है।

50 सालों में 30 गुना बढ़े डेंगू के मामले
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, डेंगू का वायरस हर साल 40 करोड़ लोगों को संक्रमित करता है और 25 हजार लोगों की इससे मौत हो जाती है। WHO कहता है, पिछले 50 सालों में डेंगू के मामले 30 गुना तक बढ़े हैं। डेंगू का वायरस संक्रमण के बाद बुखार और शरीर में दर्द की वजह बनता है।

खबरें और भी हैं…

Related posts

स्कंद और ब्रह्म पुराण का कहना है सुबह उठते ही करना चाहिए आकाश का दर्शन

News Blast

बच्चों की हर हरकत को समझकर उनके शारीरिक और मानसिक विकास बताने वाला जंपसूट

News Blast

देवता भी निर्जला एकादशी व्रत करते हैं इसलिए इसे देव व्रत भी कहा गया है

News Blast

टिप्पणी दें