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- There Will Be A Referendum In Mexico For The Case On Five Former Presidents, People Said This Is A Spectacle Of The Current President
मैक्सिको सिटीएक दिन पहले
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ओब्रेडोर यह जानना चाहते हैं कि उन्हें जनता का कितना साथ है, ताकि इसके आधार पर वे अन्य फैसले ले सकें।
- पिछली पांच सरकारों पर भ्रष्टाचार-मानवाधिकार उल्लंघन के आरोप
उत्तर अमेरिकी देश मैक्सिको में एक अगस्त को बेहद अहम जनमत संग्रह होगा। इसमें वोटर तय करेंगे कि देश के पांच पूर्व राष्ट्रपतियों के खिलाफ भ्रष्टाचार और मानवाधिकारों के उल्लंघन के आरोपों में मुकदमा चलाया जाए या नहीं। विपक्ष ने इसे संविधान का उपहास बताते हुए कहा है कि मुकदमा दायर करने का फैसला अभियोजन पक्ष को करना चाहिए, न कि जनता को।
जबकि एक वर्ग कह रहा है कि यह जनमत संग्रह मुकदमे का तमाशा है। इसे मौजूदा राष्ट्रपति आंद्रेस मैन्युएल लोपेज ओब्रेडोर ने तैयार किया है। इस पर ओब्रेडोर ने कहा, ‘मैं वोट नहीं दूंगा। मैं प्रतिशोध की भावना नहीं रखता। जनता तय करे कि मुकदमा चले या नहीं। देश में 30 साल भ्रष्ट सरकारें रहीं। घोटाले और चुनावी धोखाधड़ी की। ड्रग्स से मुकाबले में नाकाम रहीं। इससे देश में बेतहाशा हिंसा बढ़ी। मैं इन सरकारों की हरकत उजागर करने के लिए राष्ट्रपति बना।’
ओब्रेडोर 2018 में बड़ी जीत के बाद राष्ट्रपति बने थे। तब से वे पूर्व राष्ट्रपतियों पर मुकदमा चलाने के लिए जनमत संग्रह पर जोर देते रहे हैं। जनमत संग्रह को अगले चुनाव का टेस्ट भी समझा जा रहा है। ओब्रेडोर यह जानना चाहते हैं कि उन्हें जनता का कितना साथ है, ताकि इसके आधार पर वे अन्य फैसले ले सकें। इसमें एक अहम फैसला मैक्सिको सिटी में आधा बन चुके नए एयरपोर्ट का प्रोजेक्ट रद्द करना है।
सुप्रीम कोर्ट ने 9 माह पहले दी थी जनमत संग्रह की अनुमति
अक्टूबर 2020 में सुप्रीम कोर्ट ने जनमत संग्रह की अनुमति दी थी। इसमें पूर्व राष्ट्रपति कार्लोस गोर्टारी (1988-1994), अर्नेस्टो जेडिलो (1994-2000), विसेंट फॉक्स (2000-2006), फेलिप काल्डेरन (2006-2012) और एनरिक पेना नीटो (2012-2018) पर केस चलाने पर फैसला होगा। दोषी होने पर अधिकारी पूर्व राष्ट्रपतियों को सजा दिलाने के लिए कदम उठा सकेंगे या नहीं।