May 12, 2024 : 1:37 PM
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महाराष्ट्र: तेज बारिश में काल बना नीम का पेड़, पल भर में उजड़ गया यूपी के शकुंतला का संसार

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महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में बारिश तबाही लेकर आई। किसी के घर का चिराग बुझ गया तो किसी का परिवार ही उजड़ गया। चेंबूर के भारत नगर की पहाड़ी पर एक नीम का पेड़ काल बन गया। मूसलाधार बारिश में पेड़ गिरते ही भूस्खलन हो गया जिससे लोगों को संभलने का मौका ही नहीं मिला।

इस झुग्गी बस्ती में भूस्खलन की वजह से जो झोपड़े मलबे में तब्दील हो गए उसमें एक शकुंतला अग्रहरि का भी था। उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले की मूल निवासी शकुंतला का संसार ही उजड़ गया।

एनडीआरएफ के जवानों ने देर रात दोनो के शव को मलबे से ढूंढ निकालाशकुंतला अपने पति जयप्रकाश अग्रहरि, बेटे मुकेश, अर्जुन, देवांश (3 साल) व बेटी प्रियंका के साथ झुग्गी बस्ती में रहती थीं। हादसे में उनके बेटे मुकेश (24) व अर्जुन (18) की मौत हो चुकी है। जबकि पति जयप्रकाश व बेटा देवांश रविवार शाम तक मलबे में दबे थे। एनडीआरएफ के जवानों ने देर रात उन दोनो के शव को भी मलबे से ढूंढ निकाला। पति और बेटों की मौत से अनजान शकुंतला बार-बार बचाव कर्मियों से जल्दी लोगों को निकालने की गुहार लगती रहीं।

हादसे के समय उनके दोनों बड़ बेटे पहली मंजिल पर और पति नीचे थे। जबकि छोटा बेटा देवांश मोबाइल देख रहा था। शकुंतला कहती हैं कि मेरा संसार उजड़ गया। मेरे पति वडाला में फल का व्यवसाय करते थे। जबकि बड़े बेटे मुकेश की अभी एक महीने पहले ही नौकरी लगी थी।

वहीं, प्रियंका के हाथ पीले करने के लिए लड़का देखा जा रहा था। यह कहते हुए वह फूट-फूटकर रोने लगती है। कहती हैं कि मेरा सब सपना टूट गया। अब मैं किसके सहारे जिंदा रहुंगी। शकुंतला कहती हैं कि वह काफी समय से घर बदलने के लिए कह रही थीं। पति व बच्चों ने कहा कि बरसात के बाद दूसरी जगह शिफ्ट हो जाएंगे।

लेकिन बरसात व भूस्खलन ने उनका पूरा परिवार तबाह कर दिया। शकुंतला की पड़ोसी वंदना खरात ने बताया कि पहाड़ी पर खड़ा नीम का पेड़ सबके लिए काल बन गया। वंदना कहती हैं कि तेज बारिश के दौरान सबसे पहले नीम का पेड़ ही घर पर गिरा। नीम का पेड़ गिरने की वजह से भूस्खलन का मलबा तेजी से घरों को अपने आगोश में ले लिया। किसी को कुछ सोचने व समझने का मौका ही नहीं मिला।

बारिश देखने घर से निकली थी शकुंतलाईश्वर का चमत्कार देखिए, जिस बारिश ने उसका परिवार तबाह कर दिया। उसी बारिश को देखने के लिए वह घर से बाहर निकली थी। शकुंतला बताती हैं कि देर रात शुरू हुई तेज बारिश को देखने के लिए मैं घर से निकली, और बेटी प्रियंका दरवाजे पर बैठी थी।

उसी दौरान तेज धमाके के साथ मलबा पहाड़ से होते हुए उनके घर पर गिर गया। जिससे घर का कुछ हिस्सा उनके ऊपर गिरा और लोगों ने उन्हें खींचकर बचा लिया। जबकि बेटी प्रियंका मलबे में बह गई और काफी दूर चली गई। उसे लोगों ने बचाया और हॉस्पिटल भेजा। लेकिन, शकुंतला की तरह उनके बेटे व पति खुशकिस्मत नहीं रहे।

विस्तार

महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में बारिश तबाही लेकर आई। किसी के घर का चिराग बुझ गया तो किसी का परिवार ही उजड़ गया। चेंबूर के भारत नगर की पहाड़ी पर एक नीम का पेड़ काल बन गया। मूसलाधार बारिश में पेड़ गिरते ही भूस्खलन हो गया जिससे लोगों को संभलने का मौका ही नहीं मिला।

इस झुग्गी बस्ती में भूस्खलन की वजह से जो झोपड़े मलबे में तब्दील हो गए उसमें एक शकुंतला अग्रहरि का भी था। उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले की मूल निवासी शकुंतला का संसार ही उजड़ गया।

एनडीआरएफ के जवानों ने देर रात दोनो के शव को मलबे से ढूंढ निकाला
शकुंतला अपने पति जयप्रकाश अग्रहरि, बेटे मुकेश, अर्जुन, देवांश (3 साल) व बेटी प्रियंका के साथ झुग्गी बस्ती में रहती थीं। हादसे में उनके बेटे मुकेश (24) व अर्जुन (18) की मौत हो चुकी है। जबकि पति जयप्रकाश व बेटा देवांश रविवार शाम तक मलबे में दबे थे। एनडीआरएफ के जवानों ने देर रात उन दोनो के शव को भी मलबे से ढूंढ निकाला। पति और बेटों की मौत से अनजान शकुंतला बार-बार बचाव कर्मियों से जल्दी लोगों को निकालने की गुहार लगती रहीं।

हादसे के समय उनके दोनों बड़ बेटे पहली मंजिल पर और पति नीचे थे। जबकि छोटा बेटा देवांश मोबाइल देख रहा था। शकुंतला कहती हैं कि मेरा संसार उजड़ गया। मेरे पति वडाला में फल का व्यवसाय करते थे। जबकि बड़े बेटे मुकेश की अभी एक महीने पहले ही नौकरी लगी थी।

वहीं, प्रियंका के हाथ पीले करने के लिए लड़का देखा जा रहा था। यह कहते हुए वह फूट-फूटकर रोने लगती है। कहती हैं कि मेरा सब सपना टूट गया। अब मैं किसके सहारे जिंदा रहुंगी। शकुंतला कहती हैं कि वह काफी समय से घर बदलने के लिए कह रही थीं। पति व बच्चों ने कहा कि बरसात के बाद दूसरी जगह शिफ्ट हो जाएंगे।

लेकिन बरसात व भूस्खलन ने उनका पूरा परिवार तबाह कर दिया। शकुंतला की पड़ोसी वंदना खरात ने बताया कि पहाड़ी पर खड़ा नीम का पेड़ सबके लिए काल बन गया। वंदना कहती हैं कि तेज बारिश के दौरान सबसे पहले नीम का पेड़ ही घर पर गिरा। नीम का पेड़ गिरने की वजह से भूस्खलन का मलबा तेजी से घरों को अपने आगोश में ले लिया। किसी को कुछ सोचने व समझने का मौका ही नहीं मिला।

बारिश देखने घर से निकली थी शकुंतला
ईश्वर का चमत्कार देखिए, जिस बारिश ने उसका परिवार तबाह कर दिया। उसी बारिश को देखने के लिए वह घर से बाहर निकली थी। शकुंतला बताती हैं कि देर रात शुरू हुई तेज बारिश को देखने के लिए मैं घर से निकली, और बेटी प्रियंका दरवाजे पर बैठी थी।

उसी दौरान तेज धमाके के साथ मलबा पहाड़ से होते हुए उनके घर पर गिर गया। जिससे घर का कुछ हिस्सा उनके ऊपर गिरा और लोगों ने उन्हें खींचकर बचा लिया। जबकि बेटी प्रियंका मलबे में बह गई और काफी दूर चली गई। उसे लोगों ने बचाया और हॉस्पिटल भेजा। लेकिन, शकुंतला की तरह उनके बेटे व पति खुशकिस्मत नहीं रहे।

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