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सोने में निवेश:लोगों को रास आ रहा गोल्ड ETF, अप्रैल-जून तिमाही में इसमें 1,328 करोड़ रुपए का निवेश हुआ

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  • Gold ETF Is Being Liked By People, In The April June Quarter, Rs 1,328 Crore Was Invested In It

नई दिल्ली8 घंटे पहले

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निवेशकों को गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेट फंड (Gold ETF) काफी रास आ रहा है। एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (MFII) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार 2021 की अप्रैल-जून तिमाही में इसमें 1,328 करोड़ रुपए का निवेश किया है। पिछले साल समान तिमाही में गोल्ड ETF में निवेश का आंकड़ा 2,040 करोड़ रुपए रहा था। एक्सपर्ट्स के अनुसार आने वाले दिनों में इसमें निवेश बढ़ सकता है।

16,225 करोड़ रुपए हुआ AUM
MFII के आंकड़ों के अनुसार 2021 के पहले 3 महीनों में गोल्ड ETF में 1,779 करोड़ रुपए का निवेश आया। उसके बाद के 3 महीनों में निवेश का आंकड़ा 1,328 करोड़ रुपए रहा। निवेश का प्रवाह घटने के बावजूद गोल्ड ईटीएफ के प्रबंधन के तहत परिसंपत्तियां (AUM) जून, 2021 के अंत तक बढ़कर 16,225 करोड़ रुपए पर पहुंच गईं। जून 2020 के आखिर तक AUM 10,857 करोड़ रुपए रहा था।

सोने में निवेश दिला सकता है फायदा
IIFL सिक्योरिटीज के वाइस प्रेसिडेंट (कमोडिटी एंड करेंसी) अनुज गुप्ता कहते हैं कि जुलाई के बाद अगस्त से सराफा बाजार में सोने की मांग बढ़ेगी। इससे ये साल के आखिर तक फिर 55 हजार तक जा सकता है। इसीलिए निवेशकों को इस गिरावट से घबराने की जरूरत नहीं है। ज्वैलरी संगठन इंडियन बुलियन एंड जूलर्स एसोसिएशन की वेबसाइट के अनुसार सर्राफा बाजार में सोना अभी 48,273 पर है। वहीं MCX पर ये शनिवार को 48,058 रुपए प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था।

सोने में सीमित निवेश फायदेमंद
रूंगटा सिक्योरिटीज के सर्टिफाइड फाइनेंशियल प्लानर हर्षवर्धन रूंगटा कहते हैं भले ही आपको सोने में निवेश करना पसंद हो तब भी आपको इसमें सीमित निवेश ही करना चाहिए। एक्सपर्ट के अनुसार कुल पोर्टफोलियो का सिर्फ 10 से 15% ही सोने में निवेश करना चाहिए। किसी संकट के दौर में सोने में निवेश आपके पोर्टफोलियो को स्थिरता दे सकता है, लेकिन लंबी अवधि में यह आपके पोर्टफोलियो के रिटर्न को कम कर सकता है।

क्या है गोल्ड ETF?
यह एक ओपन एंडेड म्यूचुअल फंड होता है, जो सोने के गिरते-चढ़ते भावों पर आधारित होता है। ETF बहुत अधिक कॉस्ट इफेक्टिव होता है। एक गोल्ड ETF यूनिट का मतलब है कि 1 ग्राम सोना। वह भी पूरी तरह से प्योर। यह गोल्ड में इन्वेस्टमेंट के साथ स्टॉक में इन्वेस्टमेंट की फ्लेक्सिबिलिटी देता है। गोल्ड ETF की खरीद-बिक्री शेयर की ही तरह BSE और NSE पर की जा सकती है। हालांकि इसमें आपको सोना नहीं मिलता। आप जब इससे निकलना चाहें तब आपको उस समय के सोने के भाव के बराबर पैसा मिल जाएगा।

गोल्ड ETF में निवेश करने के हैं कई फायदे

  • कम मात्रा में भी खरीद सकते हैं सोना: ETF के जरिए सोना यूनिट्स में खरीदते हैं, जहां एक यूनिट एक ग्राम की होती है। इससे कम मात्रा में या SIP (सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) के जरिए सोना खरीदना आसान हो जाता है। वहीं भौतिक (फिजिकल) सोना आमतौर पर तोला (10 ग्राम) के भाव बेचा जाता है। ज्वैलर से खरीदने पर कई बार कम मात्रा में सोना खरीदना संभव नहीं हो पाता।
  • मिलता है शुद्ध सोना: गोल्ड ETF की कीमत पारदर्शी और एक समान होती है। यह लंदन बुलियन मार्केट एसोसिएशन का अनुसरण करता है, जो कीमती धातुओं की ग्लोबल अथॉरिटी है। वहीं फिजिकल गोल्ड अलग-अलग विक्रेता/ज्वैलर अलग-अलग कीमत पर दे सकते हैं। गोल्ड ETF से खरीदे गए सोने की 99.5% शुद्धता की गारंटी होती है, जो कि सबसे उच्च स्तर की शुद्धता है। आप जो सोना लेंगी उसकी कीमत इसी शुद्धता पर आधारित होगी।
  • नहीं आता ज्वैलरी मेकिंग का खर्च: गोल्ड ETF खरीदने में 0.5% या इससे कम का ब्रोकरेज लगता है, साथ ही पोर्टफोलियो मैनेज करने के लिए सालाना 1% चार्ज देना पड़ता है। यह उस 8 से 30 फीसदी मेकिंग चार्जेस की तुलना में कुछ भी नहीं है जो ज्वैलर और बैंक को देना पड़ता है, भले ही आप सिक्के या बार खरीदें।
  • सोना रहता है सुरक्षित: इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड डीमैट एकाउंट में होता है जिसमें सिर्फ सालाना डीमैट चार्ज देना होता है। साथ ही चोरी होने का डर नहीं होता। वहीं फिजिकल गोल्ड में चोरी के खतरे के अलावा उसकी सुरक्षा पर भी खर्च करना होता है।
  • व्यापार की आसानी: गोल्ड ETF को बिना किसी परेशानी के तुरंत खरीदा और बेचा जा सकता है। यह ETF को एक उच्च लिक्विड भाग देता है। गोल्ड ETF को लोन लेने के लिए सिक्योरिटी के तौर पर भी इस्तेमाल कर सकते हैं।

इसमें कैसे कर सकते हैं निवेश?
गोल्ड ETF खरीदने के लिए आपको अपने ब्रोकर के माध्यम से डीमैट अकाउंट खोलना होता है। इसमें NSE पर उपलब्ध गोल्ड ETF के यूनिट आप खरीद सकते हैं और उसके बराबर की राशि आपके डीमैट अकाउंट से जुड़े बैंक अकाउंट से कट जाएगी। आपके डीमैट अकाउंट में ऑर्डर लगाने के दो दिन बाद गोल्ड ETF आपके अकाउंट में डिपॉजिट हो जाते हैं। ट्रेडिंग खाते के जरिए ही गोल्ड ETF को बेचा जाता है।

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