न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: Vikas Kumar Updated Sat, 17 Jul 2021 09:04 PM IST
सार
आरोपी ने पूछताछ में खुलासा किया कि वह नया बाजार से टाटा कंपनी का नकली पैकिंग का सामान खरीदता था। वह वहां से दो रुपये में एक किलो का पैक खरीदता था। उसने बताया कि वह सिर्फ टाटा ब्रांड का पैक खरीदता था क्योंकि इस ब्रांड पर लोगों को काफी भरोसा है और टाटा नमक की सबसे ज्यादा बिक्री होती है।
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विस्तार
जिला पुलिस उपायुक्त राजीव रंजन ने बताया कि फैक्टरी मालिक की पहचान बरवाला निवासी महेश उर्फ टोनी (33) के रूप में हुई है। मैसर्स टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड के अधिकृत प्रतिनिधि संजय कुमार ने बाहरी उत्तरी जिला पुलिस को जिले में सस्ता नमक को टाटा कंपनी के पैंकिंग में बेचे जाने की शिकायत की। शिकायत मिलने पर पुलिस उपायुक्त ने जिला अन्वेषण इकाई को मामले की जांच का निर्देश दिया। निरीक्षक अरुण देव के नेतृत्व में पुलिस टीम ने स्थानीय स्तर पर खुफिया जानकारी हासिल की।
पुलिस को पता चला कि बरवाला इलाके में फैक्टरी चल रही है। पुलिस टीम ने शुक्रवार को उक्त फैक्टरी पर छापेमारी की। फैक्टरी से पुलिस ने 2640 किलोग्राम सस्ता नमक, 1320 किलोग्राम टाटा कंपनी का प्रिंटेड प्लास्टिक बैग, वजन मापने के दो मशीन, दो पैकिंग मशीन और एक सिलाई मशीन बरामद किया।
फैक्टरी मालिक ने पूछताछ में बताया कि एक प्रॉपर्टी डीलर के कार्यालय में उसकी मुलाकात मास्टर जी नाम के व्यक्ति से हुई थी। मास्टर जी पैकेट बंद खाद्य पदार्थ के धंधे से जुड़ा था। उसने महेश को नकली नमक का अपना खुद का व्यवसाय शुरू करने के लिए उकसाया। एक साल पहले उसने बरवाला जैन कॉलोनी में किराए के मकान में नकली नमक की फैक्टरी शुरू की। आरोपी टाटा नमक के नकली पैकिंग में सस्ता नमक पैक कर उसे बेचने लगा।
नया बाजार से खरीदता था टाटा कंपनी का नकली पैकिंग का सामान
आरोपी ने पूछताछ में खुलासा किया कि वह नया बाजार से टाटा कंपनी का नकली पैकिंग का सामान खरीदता था। वह वहां से दो रुपये में एक किलो का पैक खरीदता था। उसने बताया कि वह सिर्फ टाटा ब्रांड का पैक खरीदता था क्योंकि इस ब्रांड पर लोगों को काफी भरोसा है और टाटा नमक की सबसे ज्यादा बिक्री होती है। जांच के दौरान पुलिस को सबसे आश्चर्यजनक बात यह लगी कि प्रत्येक पैकिंग कवर को इतनी समझदारी से मुद्रित किया गया था कि यदि ग्राहक नकली पैकिंग पर मुद्रित क्यूआर कोड को स्कैन करता था, तो टाटा वास्तविक वेबसाइट खुलता था।