लखनऊ5 घंटे पहलेलेखक: रवि श्रीवास्तव
उत्तरप्रदेश ने अपना जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाने की पेशकश की है। इसका ड्राफ्ट तैयार हो गया है। माना जा रहा है कि कैबिनेट से इसका प्रस्ताव भी जल्द ही पास हो जाएगा। बहरहाल, जिस योगी कैबिनेट को यह बिल पास करना है, उस कैबिनेट के 23 में से 10 मंत्रियों के 2 से ज्यादा बच्चे हैं। वहीं यूपी के 152 विधायकों के 2 से ज्यादा बच्चे हैं।
यूपी से मोदी कैबिनेट के 5 चेहरे ऐसे हैं, जिनके 2 से ज्यादा बच्चे हैं। जबकि एक विधायक के 8 बच्चे और एक के 7 बच्चे हैं। इतना ही नहीं, 8 विधायक ऐसे हैं जिनके 6 बच्चे हैं। इसके अलावा विपक्ष (सपा-बसपा) के 5 सांसद ऐसे हैं, जिनके 2 से ज्यादा बच्चे हैं। यूपी में 2 से ज्यादा बच्चों वाले विपक्ष के विधायकों की संख्या 50 से ज्यादा है।
देखिए यूपी विधानसभा के माननीयों की जनसंख्या नीति-
नोट- यह सभी आंकड़े यूपी विधानसभा और लोकसभा की सरकारी वेबसाइट से लिए गए हैं।
राबर्ट्स गंज के सांसद पकौड़ी लाल से बातचीत, जिनके 7 बच्चे हैं
जनसंख्या नीति को लेकर दैनिक भास्कर ने 5 सांसद और 5 विधायकों से भी बात की। इनमें से सभी ने जनसंख्या नियंत्रण कानून का समर्थन किया है। साथ ही संसद और विधायकों के चुनाव पर भी यह नियम लागू करने की पैरवी की है। हालांकि जब कहा गया कि आप लोगों के भी 2 से ज्यादा बच्चे हैं, तो इन लोगों का कहना था कि हमारे समय की बात अलग थी।
राबर्ट्सगंज के सांसद पकौड़ी लाल के 7 बच्चे हैं। यूपी में भाजपा और उसके सहयोगी दल के सांसदों में सबसे ज्यादा बच्चे पकौड़ी लाल के ही हैं। पकौड़ी लाल कहते हैं कि मैं पूरी तरह से जनसंख्या नियंत्रण कानून का समर्थन करता हूं। उन्होंने कहा देखिए, चुनाव तो इसके दायरे में नहीं आना चाहिए। फिर भी यदि चुनाव भी इसके दायरे में आता है तो उससे हमें कोई एतराज नहीं है। बदलते दौर में हम दो-हमारे दो की ही बात होनी चाहिए।
अपने बारे में पकौड़ी लाल बताते हैं कि हमारे समय की बात अलग थी। तब अशिक्षा और गरीबी थी। जागरूकता नहीं थी। आपको बता दें कि कोई भी कानून पुराने मामलों पर लागू नहीं होता है। अधिनियम जिस दिन विधानमंडल से पास होगा उसके बाद ही वह प्रभावी होगा। यह आगे के लिए अच्छी पहल होगी। एक देश है तो एक विधान होना ही चाहिए।
सांसद देवेंद्र भोले सिंह से बातचीत, जिनके 4 बच्चे हैं
अकबरपुर के सांसद देवेंद्र भोले सिंह कहते हैं कि जनसंख्या नियंत्रण कानून का मैं पूरी तरह से समर्थन करता हूं। बढ़ती आबादी चिंता की बात है। पंचायत चुनाव की तर्ज पर सभी को इस दायरे में आना होगा। मैं समझता हूं कि एमपी-एमएलए को भी जनसंख्या नियंत्रण कानून के दायरे में लाया जाए। कानून सभी के लिए एक समान होना चाहए। कानून लागू होते ही सब पर लागू होगा। हम पर भी लागू होगा। मैं भी चुनाव नहीं लडूंगा। राजनीति में रह कर समाजसेवा करता रहूंगा।