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32 मिनट पहले
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भुगतान न होने से उप्र के 68 जिलों में नहीं लग रही स्ट्रीट लाइट।
नगर विकास विभाग ने पूरे प्रदेश में बेहतर लाइटिंग व्यवस्था और बिजली बिल कम करने के लिए पुरानी स्ट्रटी लाइट हटा कर एलईडी लगाने का अभियान शुरू हुआ था। चार साल पहले शुरू हुआ यह अभियान अब उप्र के 68 शहरों के लिए परेशानी सबक बनने लगा है। भुगतान न होने की वजह से इन शहरों में एलईडी लगाने वाली कंपनी ईईएसएल ने नए लाइटों का काम करना बंद कर दिया है। इसकी वजह से लखनऊ, कानपुर, इलाहाबाद, बरेली समेत लगभग सभी बड़े शहरों में नई लाइट नहीं लग रही है।
दरअसल, पिछले चार साल से स्ट्रीट लाइटों को लगाने का काम हुआ था। इस दौरान ईईएसएल की ओर से पूरे प्रदेश में करीब 550 करोड़ रुपए की लागत से स्ट्रीट लाइटें लगाई गई। इसमें से अभी तक कंपनी को महज 80 करोड़ रुपए का भुगतान हुआ है। ऐसे में 470 करोड़ रुपए का भुगतान न होने की वजह से कंपनी ने काम बंद कर दिया है। अब कई शहरों में जहां लाइट की जरूरत है, वहां काम नहीं हो पाया है।
पार्षदों ने जताई नाराजगी
लखनऊ, कानपुर समेत कई बड़े शहरों के पार्षद इसको लेकर नाराजगी जता चुके हैं। स्थिति यह है कि लखनऊ में करीब 88 करोड़ और कानपुर में 36 करोड़ रुपए का भुगतान फंसा है। जबकि लखनऊ नगर निगम की सीमा में शामिल 88 गांवों में लाइट लगने के अलावा शहर के आउटर इलाकों में 50 हजार लाइटों की अभी आवश्यकता है। लखनऊ महात्मा गांधी वॉर्ड के पार्षद अमित चौधरी बताते है कि वह इसको लेकर सीएम को भी पत्र लिख चुके हैं। बावजूद इसके कोई सुनवाई नहीं हुई है।
80 करोड़ रुपए का भुगतान हो पाया है
शासन की ओर से लाइटों को लेकर 550 करोड़ रुपए में महज 80 करोड़ रुपए का भुगतान हो पाया है। इसकी वजह से यह परेशानी है। दरअसल, भुगतान 70 फीसदी शासन और 30 फीसदी संबंधित निगम, निकाय या नगर पालिका को करना था। लखनऊ नगर निगम में भी करीब 27 करोड़ रुपए का भुगतान करना है। सूत्रों की माने तो अभी तक कंपनी पूरे प्रदेश में आठ लाख से ज्यादा लाइट लगा चुकी है। इसमें 25 से लेकर 140 वॉट तक की लाइटें शामिल है। इसमें सबसे ज्यादा 70 और 110 वॉट की लाइट लगाई गई हैं।
लखनऊ नगर निगम के सदन में हुआ खुलासा
लखनऊ में लाइट न लगाने को लेकर 25 जुलाई को पार्षदों ने सदन में हंगामा किया। इसके बाद मेयर के सामने अपर नगर आयुक्त अमित कुमार ने बताया कि कंपनी ने भुगतान न होने की वजह से नई लाइट लगानी बंद कर दी है। बस वह लोग पहले से लगी स्ट्रीट लाइटों की मरम्मत कर रहे है। उन्होंने यह भी बताया कि इस संदर्भ में नगर निगम को नहीं लेकिन शासन को ईईएसएल की ओर से पत्र लिखा गया है। इसमें लखनऊ समेत प्रदेश के अन्य शहरों में नया काम न करने की बात है।
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