जोहान्सबर्ग25 मिनट पहले
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डरबन के अयोबा कोल्ड स्टारेज के आस-पास बड़ी संख्या में वाहन लेकर पहुंचे लोग।
दक्षिण अफ्रीका में पूर्व राष्ट्रपति जैकब जुमा की गिरफ्तारी के खिलाफ बीते कई दिनों से हिंसा की घटनाएं हो रही हैं। उपद्रवियों ने डरबन, सोवेटो, जोहान्सबर्ग समेत कई शहरों में इमारतों को आग लगा दी है। मॉल और शॉपिंग सेंटर को तो तबाह किया ही है, घरों और गोदामों को भी नहीं बख्शा है। इसके चलते पूरे देश में खाने-पीने की चीजों की किल्लत हो गई है। देश में अब तक 117 से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं। जबकि सुरक्षाबलों ने 1300 से ज्यादा उपद्रवियों को गिरफ्तार किया है।
आलम यह है कि खाने-पीने का समान जुटाने के लिए लोग लंबी-लंबी कतारों में फूड स्टोर्स के सामने खड़े हैं। लोगों की यह कतारें सैटेलाइट इमेज में नजर आ रही हैं। 16 जुलाई को अमेरिकी स्पेस टेक्नोलॉजी कंपनी मैक्सर टेक्नोलॉजीज ने दक्षिण अफ्रीका के पीटरमैरिट्सबर्ग और डरबन की तस्वीरें कैप्चर कीं। इसमें देखा जा सकता है कि खाद्य सामग्री खरीदने के लिए बड़ी संख्या में लोग सुपरमार्केट्स के सामने खड़े होकर इंतजार कर रहे हैं।
पीटरमैरिट्सबर्ग में फूड स्टोर के बाहर वाहनों की लंबी कतारें। यहां सुपरमार्केट्स और कई गोदामों में आग लगा दी गई, जिसके बाद खाद्य संकट पैदा हो गया।
पीटरमैरिट्सबर्ग का ब्रूकसाइड मॉल, जिसमें उपद्रवियों ने लूटपाट मचाई और फिर उसमें आग लगा दी।
पीटरमैरिट्जबर्ग में गैस स्टेशन के बाहर लगी वाहनों की लंबी लाइन। इस हिंसा में करीब 10,400 करोड़ रुपए के माल का नुकसान हुआ है।
क्यों बने दक्षिण अफ्रीका में ऐसे हालात?
दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति जैकब जुमा (79) एक हफ्ते से जेल में हैं। अदालत ने जुमा को पिछले महीने कोर्ट की अवमानना का दोषी करार दिया था। जुमा भ्रष्टाचार के मामले की जांच में शामिल नहीं हो रहे थे। यह मामला जुमा के राष्ट्रपति कार्यकाल (2009-18) के दौर का है। कोर्ट ने जुमा को 15 महीने जेल की सजा सुनाई है। जुमा की गिरफ्तारी के बाद देश भर में हिंसा, लूटपाट और आगजनी की घटनाएं हो रही हैं।
भारतीय समुदाय ने की मदद की अपील, जयशंकर सक्रिय
दक्षिण अफ्रीका में उपद्रवी भारतीय समुदाय को भी निशाना बना रहे हैं। इसके चलते भारतीयों ने भारत सरकार से मदद मांगी है। गुरुवार को दक्षिण अफ्रीका के गौतेंग, पीटरमैरिट्सबर्ग, जोहान्सबर्ग, डरबन और क्वाजलु प्रांतों में हुए दंगों में भारतीय समुदाय के कई प्रतिष्ठानों को लूट लिया गया।
पीटरमैरिट्सबर्ग में खाद्य सामग्री के लिए फूड स्टोर्स के बाहर लोग वाहनों में इंतजार करते हुए।
डरबन में आगजनी का शिकार हुई इमारतें। हिंसा की वारदातों में अब तक 117 से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं, जबकि सुरक्षाबलों ने 1300 से ज्यादा उपद्रवियों को गिरफ्तार किया है।
डरबन के स्प्रिंगफील्ड वैल्यू सेंटर शॉपिंग मॉल में भी लूटपाट की गई।
जाेहान्सबर्ग की अलेक्जैंड्रा टाउनशिप में एक मॉल को उपद्रवियों ने बख्श दिया। खाद्य सामग्री खरीदने के लिए उसी मॉल के बाहर लाइन में लगे लोग।
क्वाजुलू नाटाल प्रांत में हिंसा के बीच डरबन के मोबेनी में एक फैक्ट्री से चावल के पैकेट उठाकर ले जाते लोग।