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- Precious Stones Are Now Coming Out In Bundelkhand, Famous For Diamonds, Are Being Sold For Up To 10 Thousand, Demand In South India
सागर/ देवरी2 घंटे पहले
हीरे की खान के लिए प्रसिद्ध बुंदेलखंड की जमीन अब बेशकीमती पत्थर भी उगल रही है। यहां से निकलने वाले पत्थरों की दक्षिण भारत में भारी डिमांड है। सागर जिला मुख्यालय से 77 किलोमीटर दूरी पर स्थित ईश्वरपुर गांव में मिट्टी से बेशकीमती पत्थर निकल रहे हैं। एक पत्थर 100 रुपए से लेकर 10 हजार रुपए तक में बिक रहा है। खास बात यह है कि गांव भर के लोगों को इसका पता है और वे साल भर से इन बेशकीमती पत्थरों को बेच रहे हैं। जबलपुर, इंदौर तक के व्यापारी इन्हें खरीदने आ रहे हैं। जबकि प्रशासन को इसकी भनक तक नहीं है।
दरअसल, जिले के देवरी विकासखंड की ग्राम पंचायत ईश्वरपुर में कुल 14 एकड़ की जगह में पत्थर निकल रहे हैं। यह शासकीय भूमि के पट्टे हैं। जो करीब 10 लोगों के नाम पर है। इसी जमीन पर बहुमूल्य गुरियानुमा पत्थर मिल रहे हैं। बड़ी संख्या में गांव के लोग पत्थरनुमा गुरियों को खोजने में जुटे रहते हैं। स्थिति यह है कि जब व्यापारी इनको खरीदने आते हैं तो लोग 2 हजार से लेकर 20 हजार रुपए तक दिन भर में कमा लेते हैं। ईश्वरपुर गांव के लोगों का कहना है कि 14 एकड़ के खेत में साल भर से ऐसे ही चमकीले बहुमूल्य पत्थर के गुरिया मिल रहे हैं। इन पत्थरों का आकार 1 सेंटीमीटर से लेकर 1 इंच तक होता है।
खेत से निकले बेशकीमती पत्थर से बनी माला।
यही वजह है कि अधिकांश लोग मेहनत मजदूरी छोड़कर खेत में गैंती-फावड़ा लेकर सुबह से शाम तक गुरिया तलाशने में ही जुटे रहते हैं। लोग जमीन को खोद कर गुरिया निकालते हैं और फिर बाहर के व्यापारी गांव में आकर महंगे दामों में उन्हें लेते हैं। हालांकि कभी-कभी लोगों को यह गुरिया मिलती हैं तो कभी नहीं भी मिलती। बावजूद इसके रोज बड़ी संख्या में लोग गुरिया खोजने के लिए खेतों में देखे जा सकते हैं।
गांव के आकाश पटेल ने बताया कि यह पत्थर अच्छी कीमत में बिकते हैं। मैंने भी एक पत्थर करीब 5500 रुपए में बेचा था। गांव के ही लाल सिंह ठाकुर ने यह पत्थर 9 से 10 हजार रुपए में बेचे हैं। वहीं मढ़खेड़ा निवासी चंदू यादव ने चार दिन पहले ही एक पत्थर 8500 रुपए में बेचा। इन पत्थरों को खरीदने आने वाले व्यवसायियों ने बताया कि यह पत्थर दक्षिण भारत में इससे भी कहीं अधिक कीमत पर बिकते हैं। वहां के लोग इन्हें गले में पहनते हैं।
खेत में पत्थर तलाशते गांव वाले।
पत्थर निकालने के काम में जुटे बच्चे
गांव के ही एक बच्चे अनिकेत घोषी ने बताया सुबह से 5 गुरिया मिले हैं। यह 200 से 1000 रुपए तक में बिक जाएंगे। पंचायत के सचिव कृष्णा यादव का कहना है कि गांव में आदिवासियों को दी गई पट्टे की भूमि में पत्थर के गुरिया निकल रहे हैं और गांव के लोग यह गुरिया जबलपुर के व्यापारियों को बेचते हैं। यह जानकारी मुझे मिली है। इस संबंध में नगर के सराफा व्यवसायी सौरभ सोनी टोनी का कहना है कि इस पत्थर की बारीकी से जांच के बाद ही उसकी कीमत का अनुमान लगाया जा सकता है।
एक्सपर्ट व्यू: लावा की ऊपरी सतह में मिलने वाला सजावटी पत्थर है, आसपास के क्षेत्र में भी होंगे उपलब्ध
डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय के भूगर्भ शास्त्री प्रो. आरके त्रिवेदी के मुताबिक डेक्कन ट्रेप में लावा की ऊपरी सतह पर कैविटी होती हैं। जिनके भीतर सेकंडरी खनिज मिलते हैं। जिसमें मुख्य रूप से सिलिका के विभिन्न खनिज जैसे- अगेट, चर्ट, जसपर मिलते हैं। यह इन्हीं का भूअपर्दन से बनी हुई मिट्टी के साथ मिल रहा है। यह सजावटी पत्थर है। इसीलिए यह बिक रहा है। आसपास के क्षेत्र में भी इनके मिलने की संभावना है। पुराने समय में इन्हें बहुमूल्य पत्थरों के रूप में वर्ग विशेष के लोग पहना करते थे।