2 दिन पहले
- कॉपी लिंक
मस्तिष्क से जुड़ी बीमारियों से 68 फीसदी तक होने वाली मौतों की वजह ब्रेन स्ट्रोक है। 2019 में इससे देश में 7 करोड़ लोगों ने दम तोड़ा। देश में हर साल जितनी मौतें होती हैं, उनमें से 7.4 फीसदी लोगों के दम तोड़ने के कारण ब्रेन स्ट्रोक है। यह आंकड़े लैंसेट ग्लोबल हेल्थ जर्नल में पब्लिश स्टडी रिपोर्ट में जारी किए गए हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर के मरीजों में स्ट्रोक के बाद सबसे ज्यादा मौतें अल्जाइमर्स-डिमेंशिया (12 फीसदी) और एनसेफेलाइटिस (12 फीसदी) से हुई हैं।
48 करोड़ लोग सिरदर्द से जूझते रहे
रिपोर्ट कहती है, 2019 में देश के 48 करोड़ लोग सिरदर्द से परेशान रहे। यह ऐसा सिरदर्द था जिसकी वजह माइग्रेन और तनाव थी। पुरुषों के मुकाबले इससे सबसे ज्यादा 35 से 59 साल की महिलाएं परेशान हुईं। दुनिया में बुजुर्गोँ की संख्या बढ़ रही है, इसलिए ब्रेन से जुड़ी बीमारियों के मामले भी बढ़ रहे हैं।
अब बात पिछले 3 दशकों की
1990 से 2019 तक का समय ब्रेन से जुड़े डिसऑर्डर के लिए कैसा रहा है, इस पर भी रिसर्च की गई है। रिपोर्ट कहती है, हृदय रोग और क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज के बाद ब्रेन स्ट्रोक भारतीयों में हुई मौत की तीसरी सबसे बड़ी वजह है। इतना ही नहीं बढ़ती उम्र में कम होती याद्दाश्त यानी डिमेंशिया के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं।
न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर्स पर हुई यह अपनी तरह की पहली ऐसी स्टडी है। ICMR, पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन ऑफ इंडिया, इंस्टीट्यूट ऑफ मेट्रिक्स एंड इवेल्युएशन समेत 100 संस्थानों ने मिलकर यह अध्ययन किया है। स्टडी में ब्रेन स्ट्रोक को लेकर देश में राज्यों की स्थिति क्या है, इसे भी बताया गया है।
स्ट्रोक के सबसे ज्यादा मामले पं. बंगाल और छत्तीसगढ में
दयानन्द मेडिकल कॉलेज, लुधियाना के न्यूरोलॉजिस्ट और शोधकर्ता डॉ. गगनदीप सिंह कहते हैं, स्ट्रोक के मामलों में पश्चिम बंगाल और छत्तीसगढ़ सबसे ऊपर है। हालांकि, इसकी सटीक वजह पता नहीं चल पाई है। इससे निपटने के लिए स्ट्रोक के इलाज में इस्तेमाल किए जाने वाले मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाने और बेहतर बनाने की जरूरत है। स्ट्रोक के मामले रोकने के लिए डायबिटीज, स्मोकिंग और हाईब्लड प्रेशर को कंट्रोल करना जरूरी है।
क्या होता है ब्रेन स्ट्रोक
ब्रेन स्ट्रोक के मामले तब सामने आते हैं जब ब्रेन तक रक्त पहुंचाने वाली धमनी डैमेज हो जाती है। या फिर इसमें ब्लॉकेज होने के कारण ब्रेन तक ब्लड नहीं पहुंच पाता। ऐसा होने पर ब्रेन तक ब्लड और ऑक्सीजन नहीं पहुंचता।
अमेरिका की सबसे बड़ी स्वास्थ्य एजेंसी सीडीसी के मुताबिक, ऑक्सीजन न पहुंचने पर ब्रेन की कोशिकाएं मिनटों में खत्म होने लगती हैं और इस तरह मरीज ब्रेन स्ट्रोक से जूझता है।