अमर उजाला रिसर्च टीम, जिनेवा। Published by: Amit Mandal Updated Fri, 16 Jul 2021 06:31 AM IST
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डब्ल्यूएचओ प्रमुख गेब्रेयेसिस ने बताया कि कोरोना का डेल्टा वैरिएंट दुनिया के 111 देशों में दस्तक दे चुका है। डेल्टा जितनी तेजी से फैल रहा है उससे स्पष्ट है कि आने वाले समय में पूरी दुनिया को अपनी गिरफ्त में ले लेगा। संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट का हवाला देते हुए गेब्रेयेसिस ने बताया कि वायरस लगातार अपने भीतर बदलाव कर रहा है। अपनी इस प्रवृत्ति के चलते वायरस समय के साथ अधिक घातक और अधिक संक्रामक होता जा रहा है। दुनिया के सभी देशों को वायरस के बदलते रूप को लेकर चौकन्ना रहना होगा नहीं तो हालात बिगड़ सकते हैं। डेल्टा के बढ़ते प्रकोप के साथ स्वास्थ्य सुविधाओं को भी बेहतर करने का वक्त आ चुका है।
तीसरी लहर को लेकर चिंता क्यों
डब्ल्यूएचओ की साप्ताहिक रिपोर्ट के अनुसार पिछले सप्ताह दुनियाभर में कोरोना के तीस लाख मरीज मिले। नौ सप्ताह बाद नए मिलने वाले मरीजों की संख्या में 10 फीसदी जबकि मौतों के मामले में तीन फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। डब्ल्यूएचओ का अनुमान है कि मरीजों की बढ़ती संख्या का नतीजा डेल्टा वैरिएंट हैं। जरूरी सावधानी और बंदिशों की बदौलत इस घातक वैरिएंट को बेकाबू होने से रोका जा सकता है।
अब फिर से बढ़ने लगे हैं मरीज…
डब्ल्यूएचओ ने बताया कि यूरोप और उत्तरी अमेरिका समेत अन्य देशों में टीकाकरण अभियान तेज होने के चलते संक्रमण और मौतों की दर में गिरावट आई थी। अब संक्रमण के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। डब्ल्यूएचओ के छह क्षेत्रों में पिछले सप्ताह लगातार चार दिन से संक्त्रस्मण के साथ मौतों का ग्राफ बढ़ रहा है जो चिंता का विषय है। पिछले दस सप्ताह की तुलना में भी वायरस एक बार फिर बेकाबू होता दिख रहा है।
टीके से डेल्टा को रोकना असंभव
अमेरिका और ब्रिटेन में टीका लगवा चुके लोगों में डेल्टा वैरिएंट का संक्रमण मिलने के बाद डब्ल्यूएचओ ने भी स्वीकार लिया है कि टीके से डेल्टा को रोकना असंभव है। डब्ल्यूएचओ का कहना है कि मास्क, छह फुट की दूरी और सैनिटाइजर के इस्तेमाल के साथ भीड़ को रोकना होगा, तभी वायरस से बचाव संभव है। टीका लगवा चुके लोग डेल्टा के लिए हथियार बन सकते हैं ऐसे में उन्हें भी सावधान रहना होगा।
10 फीसदी लोगों को टीका जरूरी
डब्ल्यूएचओ का कहना है कि महामारी की तीसरी लहर को काबू करने के लिए दुनिया के हर देश को अपनी 10 फीसदी आबादी को सितंबर तक टीका लगाना होगा। वर्ष 2021 के अंत तक ये दर 40 फीसदी जबकि 2022 के मध्य तक हर देश की 70 फीसदी आबादी को टीका लग जाना चाहिए। डब्ल्यूएचओ को चिंता इस बात की है कि टीका वितरण में असमानता के चलते इस लक्ष्य को हासिल करना मुश्किल है।