इंदौरएक घंटा पहले
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फर्जी IAS संतोष वर्मा के लगातार फर्जीवाड़ों का खुलासा हो रहा है।
CBI व व्यापम के विशेष न्यायाधीश विजेंद्र सिंह रावत के फर्जी हस्ताक्षर से कोर्ट आदेश बनाकर IAS बने संतोष वर्मा के मामले में कई चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। वर्मा के बारे में पता चला है कि वह एक आशिक मिजाज अधिकारी है। जहां भी उसकी पोस्टिंग हुई, उसने वहीं पर रासलीला रचा ली। वर्मा ने चार शादी करने के साथ ही एक युवती को अपने प्रेमजाल में फंसा कर रखा।
शादी करने वालों में से एक उसके यहां काम करने वाली बाई भी शामिल है। पुलिस पूछताछ में वह खुद पर लगे आरोपों को तो नकार रहा है, लेकिन उसके कारनामे लगातार सामने आ रहे हैं। रिमांड खत्म होने पर पुलिस उसे बुधवार को कोर्ट में पेश करेगी। उधर, सूत्रों की माने तो एक दो दिन में उस पर निलंबन की गाज गिर सकती है।
आशिक मिजाज फर्जी IAS की चार पत्नी और एक माशूका
जानकारी अनुसार वर्मा ने चार शादी की और एक युवती को अपने प्रेम जाल में फंसाकर रखा। रीवा में सांख्यिकी अधिकारी रहते हुए वर्मा को उन्हीं के यहां काम करने वाली युवती से प्रेम हो गया। जिसके बाद वे विवाह बंधन में बंध गए। इसके बाद जब वे डिप्टी कलेक्टर बने तो उन्होंने एक नहीं दो-दो बार ब्याह रचा लिया।
कुछ समय बाद वर्मा को हरदा की रहने वाली एक युवती से प्यार हो गया। पता चला है कि इस युवती पर तो वर्मा इतने फिदा थे कि उन्होंने करोड़ों रुपए उस पर लुटा दिए। हालांकि युवती ने जब शादी का कहा तो वो मुकर गए। इस पर गुस्साई लड़की थाने पहुंच गई और वर्मा को सलाखों के पीछे पहुंचा दिया।
LIC एजेंट से शादी कर साथ नहीं रहना वर्मा को पड़ा भारी
धार में पदस्थ वर्मा को इंदौर की रहने वाली LIC एजेंट युवती से प्यार हो गया। इसके बाद इनका मिलना-जुलना बढ़ा और इन्होंने शादी कर ली। वर्मा ने शादी तो कर ली, लेकिन उसके साथ रहने में आनाकानी करने लगा। इसी बात से गुस्साई युवती लसुड़िया थाने पहुंची और वर्मा के खिलाफ मामला दर्ज करवा दिया।
मामले में जांच शुरू हुई तो इनके फर्जी IAS बनने का भी खेल बाहर आ गया। सूत्रों का का तो यहां तक कहना है कि वर्मा की काफी ऊपर तक पहुंच थी। इस पूरे मामले में दिग्गजों की मिलीभगत से ही पूरा खेल हुआ है। इसके लिए वर्मा ने करोड़ों रुपए खर्चे हैं।
वर्मा पर गिर सकती है निलंबन की गाज
इस पूरे मामले में कोई खुलकर तो कुछ कह नहीं रहा है। सूत्रों की माने तो इस पूरे प्रकरण में भोपाल से भी जानकारी मांगी गई है। अब तक जो भी बातें सामने आई हैं, पुलिस ने वह भेज भी दिया है। इसी बात से अनुमान लगाया जा रहा है कि एक-दो दिन में वर्मा के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई हो सकती है।
SP आशुतोष बागरी ने बताया कि मामले में जैसे-जैसे सबूत सामने आएंगे। उसी अनुसार दोषियों के नाम प्रकरण में बढ़ाए जाएंगे। वर्मा के विभाग प्रमुखों को उनके गिरफ्तारी की सूचना भेज दी गई है। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस वर्मा की मुलाकात उनके रिश्तेदारों से भी नहीं करवा रही है।
क्यों बनाया फर्जी आदेश
राज्य प्रशासनिक सेवा से भारतीय प्रशासनिक सेवा में प्रमोट करने के अधिकारी की जांच की जाती है। मामूली अपराध होने पर IAS अवॉर्ड रुक जाता है। ऐसे में वर्मा के खिलाफ दो केस लंबित होने की जानकारी DPC को मिलती तो उन्हें अपने सेवाकाल में कभी IAS अवॉर्ड होता ही नहीं। इसलिए उन्होंने फर्जी आदेश बनाकर DPC के समक्ष लगा दिया।