धार3 घंटे पहले
- कॉपी लिंक
क्षमा रूपी गुण वीर पुरुषों के हृदय में प्रकट होता है। संसार के सभी झगड़ों को मिटाने का एक महत्वपूर्ण शस्त्र है क्षमा। इसके विपरीत क्रोध रूपी कषाय अधिकतर झगड़ों की जन्मभूमि है। क्रोध मन में गांठ लगाने कार्य करती है वहीं क्षमा उन गांठों को खोलने का कार्य करती है। हमारे मन में राग द्वेष रूपी जो गांठें पड़ जाती हैं ये हमारे मोक्ष मार्ग की अटकन है। यह अटकन ही हमारे संसार में भटकने का मुख्य कारण है। यह बात दश-लक्षण महापर्व के प्रथम दिन रविवार काे उत्तम क्षमा पर प्रवचन देते हुए मुनि प्रगल्भसागरजी ने कही। मुनि ने आगे कहा यदि हमें संसार चक्र से मुक्त होना है तो हमें क्षमा रूपी गुण को आत्मसात करना होगा। दश-लक्षण महापर्व के प्रथम दिन प्रथम जिनाभिषेक एवं शांतिधारा का लाभ पंकज कुमार अशोक कुमार मोदी परिवार ने लिया। समाज के सचिव ओम पाटोदी ने बताया दस दिवसीय विशेष प्रवचनों का सीधा प्रसारण यू-ट्यूब एवं अन्य माध्यमों से किया जा रहा है। जिसका लाभ समाजजन घर बैठे ले रहे हैं।
0