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अर्थव्यवस्था दे रही दूसरी लहर से उबरने के संकेत:सरकार के राहत पैकेज और RBI के उपायों का असर, टीकाकरण में तेजी का भी फायदा हुआ

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19 घंटे पहले

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कोविड की दूसरी लहर में इकोनॉमी को सपोर्ट देने के लिए कई तरह के उपाय किए गए। सरकार ने कई तरह के आर्थिक राहत जारी किए। रिजर्व बैंक ने सिस्टम में नकदी की मौजूदगी कम करने और बढ़ाने के तरीकों का इस्तेमाल किया। इसके अलावा टीकाकरण अभियान में तेजी लाई गई। इन सबकी वजह से इकोनॉमी की गाड़ी फिलहाल पटरी पर लौटती नजर आ रही है।

चिकित्सा सुविधाओं की कमियां दूर की जाएं

देश की आर्थिक स्थिति में हो रहे सुधार के बारे में जानकारी देने के लिए वित्त मंत्रालय ने शुक्रवार को रिपोर्ट जारी की थी। उसने अपनी हालिया मंथली इकोनॉमिक रिपोर्ट में लिखा है, ‘टीकाकरण की रफ्तार तेज बनाए रखने के साथ ही शहरी और ग्रामीण इलाकों में चिकित्सा सुविधाओं में ढांचागत कमियों को तेजी से दूर करने से देश की अर्थव्यवस्था में टिकाऊ सुधार आएगा।’

केंद्र ने 23,123 करोड़ के पैकेज को मंजूरी दी

गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने कोविड की दूसरी लहर जैसी स्थिति दोबारा बनने से रोकने के लिए गुरुवार को 23,123 करोड़ रुपए के पैकेज को मंजूरी दी थी। कोविड की दूसरी लहर ने हजारों लोगों की जान ले ली और देश की चरमराती बुनियादी स्वास्थ्य सेवा व्यवस्था की ढांचागत कमियों को उजागर कर दिया।

फेज-II को 31 मार्च तक लागू कर दिया जाएगा

इंडिया कोविड-19 इमर्जेंसी रेस्पॉन्स एंड हेल्थ सिस्टम प्रीपेयर्डनेस पैकेज: फेज-II को अगले साल 31 मार्च तक लागू कर दिया जाएगा। इसमें केंद्र सरकार 15,000 करोड़ रुपए देगी जबकि राज्य सरकारें 8,123 करोड़ रुपए का योगदान करेंगी। फाइनेंस मिनिस्ट्री ने कहा है कि मई के अंतिम पखवाड़े के बाद कोरोना वायरस के संक्रमण और उससे होने वाली मौतों में कमी आई है। इससे अर्थव्यवस्था की स्थिति के बारे में बताने वाले कई हाई फ्रिक्वेंसी इंडिकेटर में तेजी से सुधार हुआ है।

ईवे बिल के वॉल्यूम में उछाल दे रहा GST कलेक्शन बढ़ने का संकेत

मंत्रालय के मुताबिक, ‘देश में आर्थिक गतिविधियां बढ़ रही हैं। जून में ईवे बिल के टोटल वॉल्यूम में मासिक आधार पर 37.1% का उछाल आया जबकि सालाना आधार पर इसमें 26% की बढ़ोतरी हुई। इसको देखते हुए आने वाले महीनों में गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) कलेक्शन में भी बढ़ोतरी हो सकती है।’

पोर्ट पर होने वाली गतिविधियों और हवाई यात्रा में रिकवरी में देरी

हालांकि मिनिस्ट्री ने यह भी कहा है कि रिकवरी की राह समतल नहीं हैं, यानी उसमें काफी उतार-चढ़ाव है। बंदरगाहों पर होने वाली गतिविधियों और हवाई यात्रा में कमी के अलावा PMI के मैन्युफैक्चरिंग और सर्विसेज डेटा के दूसरी लहर से रिकवरी में देरी हो रही है।

FY 2021 के पहले दो महीनों में टैक्स कलेक्शन ठीक-ठाक रहा है

वित्त मंत्रालय ने अपनी रिपोर्ट में कहा है, ‘वित्त वर्ष 2021 के पहले दो महीनों में केंद्र सरकार का टैक्स कलेक्शन ठीक-ठाक रहा है। सरकार योजना के हिसाब से खासतौर पर रोड और रेल सेक्टर पर लगातार खर्च कर रही है। इससे अर्थव्यवस्था में टिकाऊ सुधार लाने की सरकार की कोशिशों को मजबूत आधार मिलेगा।

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