2 घंटे पहले
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एक्टर रणधीर कपूर ने कंफर्म कर दिया है कि सैफीना ने अपने छोटे बेटे का नाम ‘जेह’ ही रखा है। इससे पहले खबरें सामने आई थीं कि करीना कपूर और सैफ अली खान 21 फरवरी को जन्मे अपने दूसरे बेटे को ‘जेह’ कहकर बुलाते हैं। हालांकि, पटौदी और कपूर परिवार की ओर से आधिकारिक तौर पर किसी ने भी सैफ और करीना के छोटे बेटे के नाम पर मुहर नहीं लगाई थी। लेकिन, अब रणधीर कपूर ने हाल ही में दिए एक इंटरव्यू में सैफीना के छोटे बेटे के नाम को कंफर्म कर दिया है।
हां, करीना और सैफ के छोटे बेटे का नाम ‘जेह’ है
रणधीर कपूर ने इंटरव्यू में कहा, “हां, करीना और सैफ के छोटे बेटे का नाम ‘जेह’ ही रखा गया है।” नाम को कब फाइनल किया गया? इस सवाल पर उन्होंने कहा कि हमने एक हफ्ते पहले ही नाम को फाइनल किया है।” बता दें कि, ‘जेह’ लैटिन मूल का नाम है, जिसका अर्थ ब्लू क्रेस्टेड बर्ड (नीला पंछी) होता है, जिसके सिर पर कलगी होती है। वहीं पारसी में इस नाम का मतलब टू कम, टू ब्रिंग होता है।
रणधीर के नाम पर मुहर लगाने से पहले यह कहा जा रहा था कि सैफीना ने अपने छोटे बेटे का यह नाम टेंपरेरी तौर पर रखा है। यह भी बताया जा रहा था कि उसका नाम दादा टाइगर पटौदी के नाम पर मंसूर भी रखा जा सकता है। मंसूर अली खान पटौदी को क्रिकेट की दुनिया में टाइगर पटौदी के नाम से जाना जाता है। बता दें कि तैमूर के जन्म पर सैफ और करीना ने सोशल मीडिया पर बेटे के बारे में जानकारी देने में ज्यादा देर नहीं लगाई थी। उसका नाम और फोटो दोनों ही जन्म के कुछ ही दिनों के भीतर सोशल मीडिया पर वायरल होने लगे थे, पर छोटे बेटे को लेकर सैफीना ने काफी टाइम लिया।
तैमूर को प्यार से टिमटिम कहते हैं सैफीना
करीना और सैफ पहली बार 20 दिसंबर 2016 में पेरेंट्स बने थे। तब तैमूर का जन्म हुआ था। तैमूर को सैफीना प्यार से टिमटिम भी कहते हैं। इसी साल फरवरी में उनके छोटे बेटे का जन्म हुआ। संयोग है कि तब सैफीना अपने नए और बड़े घर में शिफ्ट कर रहे थे। करीना की प्रेग्नेंसी का ज्यदातर वक्त भी इस घर के इंटीरियर डेकोरेशन के मैनजमेंट में बीता। उधर, सैफ ने तय किया था कि छोटे बेटे के आने से पहले वे अपने सभी पेंडिंग प्रोजेक्ट खत्म कर लेंगे।
पहले बेटे के नाम पर हुआ था विवाद
तैमूर के नाम पर हुए विवाद पर सैफ ने कहा था- ‘मैं इस नाम का इतिहास जानता हूं, लेकिन वजह कुछ और है तैमूर का नाम रखने की। मुझे पता है कि एक तुर्की क्रूर शासक था लेकिन उसका नाम तिमूर था और मेरे बेटे का नाम तैमूर है। यह एक जैसा जरूर सुनाई देता है, लेकिन एक नहीं है। बीते कल को आज के लैंस से देखना गलत है। एक नाम से कुछ फर्क नहीं पड़ता, अशोका भी एक हिंसक नाम है उसी तरह एलेक्सेडंर भी इसी तरह का नाम है।