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- SEBI Ex Chairman M Damodaran On NIFTY Companies Annual Report Incomplete Information
मुंबई7 घंटे पहले
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रिपोर्ट में कहा गया है कि ऑडिट फीस और नॉन ऑडिट फंक्शंस के बारे में भी जानकारी देनी चाहिए। साथ ही प्रमुख अधिकारियों की सैलरी और उनके प्रदर्शन की भी जानकारी देनी चाहिए। यह कंपनियों की वार्षिक रिपोर्ट में स्पष्ट नहीं है
- ऑडिटर्स की स्वतंत्रता को कॉर्पोरेट गवर्नेंस का एक महत्वपूर्ण पहलू माना जाता है
- इसमें सुधार करने के तरीकों में कई चीजों को सुनिश्चित करना चाहिए
निफ्टी की करीबन 250 टॉप कंपनियों की वार्षिक रिपोर्ट में ढेर सारी कमियां उभरकर सामने आई हैं। सेबी के पूर्व चेयरमैन एम.दामोदरन ने खुलासा किया है कि इसमें काफी कुछ सुधार की जरूरत है।
एक्सीलेंस एनेबलर्स ने रिपोर्ट जारी की
दामोदरन की कॉर्पोरेट गवर्नेंस सलाहकार फर्म एक्सीलेंस एनेबलर्स ने एक रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट के मुताबिक, वार्षिक रिपोर्ट (एनुअल रिपोर्ट) से उम्मीद की जाती है कि इसमें सभी स्टेकहोल्डर्स से संबंधित पूरी जानकारी होगी। पर रिपोर्ट में कई महत्वपूर्ण जानकारी गायब पाई गई हैं। एक तरफ इसमें जहां बोर्ड और समितियों के गठन के संबंध में कुछ ही जानकारी दी गई है, वहीं वर्ष के दौरान मीटिंग अटेंडेंस, कमेटी की संरचना और बोर्ड तथा कमेटियों की सदस्यता में परिवर्तन के संबंध में अधूरी जानकारी दी गई है।
साथ ही मैनेजमेंट से जुड़े प्रमुख कर्मचारियों को दिए जाने वाले पेमेंट की जानकारी स्पष्ट नहीं है। इससे रिपोर्ट पढ़ने वाले को यह पता नहीं चलता है कि उन्हें दिए गए मुआवजे से परफॉरमेंस पर क्या असर पड़ा है।
स्किलसेट का भी संकेत मिलता है
वार्षिक रिपोर्ट में बोर्ड के सदस्यों के कौशल (skillsets) का भी संकेत मिलता है। हजम न हो सकने वाली राय को और भी बल तब मिलता है जब बोर्ड के मूल्यांकन (evaluation) प्रक्रिया के बारे में पता चलता है कि कौन से एरिया में क्या सुधार किये जा सकते हैं। ऑडिटर्स की स्वतंत्रता को कॉर्पोरेट गवर्नेंस का एक महत्वपूर्ण पहलू माना जाता है। इसमें सुधार करने के तरीकों में कई चीजों को सुनिश्चित करना चाहिए।
ऑडिटर्स के बारे में स्पष्ट जानकारी नहीं
वार्षिक रिपोर्टों के अनुसार, यह स्पष्ट नहीं है कि ऑडिटर्स को कितना पेमेंट नॉन ऑडिटर्स कामों के लिए किया गया है। इसलिए, यह अनुमान लगाना बेहद मुश्किल है कि ऑडिटर्स द्वारा कितना गैर-लेखा परीक्षा कार्य किया जा रहा है। कंपनी सेक्रेटरी से संबंधित ऑडिटर्स की रिपोर्टें भी इतनी साफ सुथरी है कि इससे यह मालुम पड़ता है कि कंपनियों के कारोबार करने के तरीके में जरा सी भी चूक नहीं है। हर जगह सब कुछ ठीक ठाक चल रहा है।
वार्षिक रिपोर्ट में जानकारी बुलेट पॉइंट में दी जाए
एक्सीलेंस एनबलर्स इस नतीजे पर पहुंचा है कि इससे जुड़े सभी लोगों के लिए यह बेहतर होगा कि वार्षिक रिपोर्ट में सभी जानकारी जहां संभव हो, वहाँ डिटेल के बजाय बुलेट पॉइंट्स में दे दें। इससे लोगों को समझने में आसानी होगी। दामोदरन ने कहा कि अलग-अलग डायरेक्टर्स की कैटेगरी पर स्पष्टता की जरूरत है। इसमें प्रमोटर, नॉमिनी और नॉन इंडिपेंडेंट डायरेक्टर्स हैं। साथ ही बोर्ड मीटिंग और कमिटी मीटिंग की मौजूदगी से संबंधित सूचनाओं को पाठक के हिसाब से पेश करना चाहिए। इसमें जब भी साल के मध्य में डायरेक्टर्स की नियुक्ति की तारीख, नियुक्ति खत्म होने की तारीख हो, उसकी जानकारी देनी चाहिए।
इस रिपोर्ट में कहा गया है कि ऑडिट फीस और नॉन ऑडिट फंक्शंस के बारे में भी जानकारी देनी चाहिए। साथ ही प्रमुख अधिकारियों की सैलरी और उनके प्रदर्शन की भी जानकारी देनी चाहिए। यह कंपनियों की वार्षिक रिपोर्ट में स्पष्ट नहीं है।