May 3, 2024 : 4:41 PM
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खानपान और जेंडर का कनेक्शन:महिलाओं के मुकाबले पुरुष मीट खाना अधिक पसंद करते हैं; ये मानते हैं कि इससे उनकी मर्दों वाली छवि मजबूत बनती है

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  • Gents Consume More Beef And Chicken Than Women To Enact And Affirm Their Masculine Identity Study Claims

4 घंटे पहले

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  • कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने 1700 अमेरिकी लोगों पर की रिसर्च
  • कहा, महिलाएं खानपान को लेकर पुरुषों की तरह नहीं सोचतीं

क्या खाने-पीने का कनेक्शन इंसान के जेंडर से हो सकता है, नई रिसर्च में तो यही साबित हुआ है। महिलाओं के मुकाबले पुरुष अधिक मीट खाना पसंद करते हैं। उनका मानना है कि मीट खाने की आदत उनकी मर्दों वाली छवि को और मजबूत बनाती है।

यह दावा कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी, लॉस एंजिल्स की रिसर्च में किया गया है। यह रिसर्च अमेरिका के 1700 लोगों पर की गई है। इसका लक्ष्य यह पता लगाना था कि क्या मर्द वाकई में मीट खाना पसंद करते हैं।

इकोफ्रेंडली मीट खाने के लिए प्रेरित होंगे

सर्वे में सामने आया है कि पुरुष मर्दांनगी की परंपरागत सोच को मानते हैं और बीफ-चिकन खाते हैं। शोधकर्ताओं का मानना है कि सर्वे के नतीजे भविष्य में लोगों को इकोफ्रेंडली मीट खाने के लिए प्रेरित करेंगे।

रिसर्च के मुताबिक, महिलाओं की तुलना में पुरुष हर तरह के मीट खाते हैं, इसमें बीफ, पॉर्क, फिश और चिकन शामिल है। शाकाहारी खाने को ये उतना पसंद नहीं करते।

जेंडर के मुताबिक, मीट खाने का ट्रेंड पता करके इंसानों की सेहत और पर्यावरण को सुरक्षित रखा जा सकता है। जैसे- बीफ का उत्पादन बढ़ने से सबसे ज्यादा नुकसान पर्यावरण को होता है।

मीट का नया विकल्प ‘इकोफ्रेंडली मीट’

अब मीट के लिए जानवरों को मारने की जरूरत नही। अमेरिकी स्टार्टअप ईट जस्ट ने लैब में सेल कल्चर की मदद से मीट को तैयार किया है। ईट जस्ट के सीईओ जोश टैट्रिक का कहना है, सिंगापुर के एक रेस्तरां से ये इकोफ्रेेंडली मीट खरीदा जा सकता है। फिलहाल यह मीट प्रीमियम कीमतों पर मिलेगा लेकिन प्रोडक्शन बढ़ने पर इसकी कीमतों में गिरावट हो सकती है।

दावा- यह सेफ मीट का बेहतर विकल्प

जोश के मुताबिक, सामान्य मीट की खपत बढ़ाने पर इसका सीधा असर पर्यावरण पर पड़ता है। एक्सपर्ट्स भी ऐसी चेतावनी दे रहे हैं। ग्राहकों की ओर से बढ़ते दबाव को देखते हुए मीट का दूसरा विकल्प उपलब्ध होना जरूरी है। 2050 तक 70 फीसदी तक मीट की खपत बढ़ जाएगी। ऐसे में लैब में तैयार मीट एक सुरक्षित विकल्प साबित होगा।

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