मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान शनिवार को हेलीकॉप्टर से जिलों के औचक निरीक्षण पर पहुंचे। डिंडौरी जिले के शाहपुरा पहुंचे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ईई वीजी एस सांडिया, एसई एसके चौधरी, एसडीओ बेलगांव एम के रोहतास, छात्रावास अधीक्षक कमलेश कुमार और मंडला जिले में सिविल सर्जन साकया को निलंबित किया।
शनिवार को भी कुछ ऐसा ही हुआ। पहले तो बैतूल के चार अधिकारियों को सस्पेंड किया। उसके बाद डेस्टिनेशन बताए बिना हेलीकॉप्टर में सवार हो गए। अचानक कहा कि डिंडौरी चलना है। फिर क्या था डिंडौरी के शाहपुरा में चॉपर उतरा। यहां से सीधे वे सड़क मार्ग से बेलगांव मध्यम सिंचाई परियोजना (बिलगढ़ा) बांध पहुंच गए। वहां ग्रामीणों और किसानों से मुलाकात की। उनकी शिकायतों को सुना और तत्काल तीन अफसरों ईई वीजी एस सांडिया, एसई एसके चौधरी, एसडीओ बेलगांव एम के रोहतास, शहपुरा शाला बड़झर आदिवासी बालक आश्रम के छात्रावास अधीक्षक कमलेश कुमार और मंडला जिलाा अस्पताल के सिविल सर्जन साकया को सस्पेंड करने का फरमान भी जारी कर दिया। शिवराज डिंडौरी ही क्यों गए?
डिंडौरी एक आदिवासी जिला है। जिले में 927 गांव हैं। इसमें से 899 में बैगा जनजाति रहती है। शिवराज इन दिनों आदिवासियों के लिए लागू किए नए कानून पेसा की जानकारी सबको देने की कोशिश में सभाएं कर रहे हैं। पिछले कुछ समय से भाजपा और शिवराज का फोकस साफ है। जनजातीय वर्ग के बीच जा रहे हैं, उनकी समस्या सुन रहे हैं। वहीं, आदिवासी बालक आश्रम शाला बड़झर विधानसभा शहपुरा जिला डिण्डौरी के छात्रावास अधीक्षक कमलेश कुमार को सस्पेंड किया।
चुनावी मूड में नजर आ रहे हैं शिवराज
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पिछले दो महीने में अपने कामकाज का तरीका ही बदल दिया है। जिलों की समीक्षा सुबह-सुबह करते हैं। जहां जाते हैं, वहां आम लोगों से मिलते हैं। उनकी समस्याओं और शिकायतों को सुनकर तत्काल कार्रवाई करते हैं। बड़े अफसरों को निलंबित करने में भी देर नहीं लगा रहे। शिवराज जननेता की छवि चाहते हैं। साफ है कि शिवराज चुनावी मूड में आ गए हैं।
जनदर्शन यात्रा से बनाई छवि
शिवराज सिंह चौहान ने 2005 में पहली बार मुख्यमंत्री बनने के बाद जनदर्शन और औचक निरीक्षण से ही अपनी छवि बनाई थी। मुख्यमंत्री ने बैतूल से जनदर्शन यात्रा की शुरुआत की थी। वह खुली गाड़ी में गांव-गांव लोगों से मिलते हुए गुजरते थे। इस बीच शिकायतों के आवेदन लेते गए। शाम को ही आवेदनों पर कार्रवाई कर समस्या का समाधान और गड़बड़ अधिकारियों पर एक्शन लेते। इसके बाद जनता को किसी भी प्रकार की समस्या के निराकरण के लिए प्रदेश में जनसुनवाई की शुरुआत की थी।