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- Government Will Get The Lungs Transplant Done For The Lady Doctor Of Lohia Institute, On The Report Of The Expert Committee, The CM Ordered To Release One And A Half Crores.
लखनऊ2 घंटे पहले
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डॉक्टर शारदा सुमन बीते 14 अप्रैल को कोरोना संक्रमित हुई थीं। एक मई को उन्होंने एक बच्ची को जन्म दिया था, जो स्वस्थ है।
कोरोनाकाल में सैकड़ों लोगों की जिंदगियां बचाने वाली एक डॉक्टर की जान बचाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद आगे आए हैं। उन्होंने डॉक्टर के लंग्स ट्रांसप्लांट के लिए डेढ़ करोड़ रुपए की सरकारी मदद देने का ऐलान किया है। डॉक्टर का पूरा इलाज चेन्नई में होगा।
दरअसल, पिछले एक साल से लखनऊ के राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान की रेजिडेंट डॉक्टर शारदा सुमन कोरोना मरीजों का इलाज कर रहीं थीं। गर्भवती होने के बावजूद उन्होंने ड्यूटी की। 14 अप्रैल को वह खुद संक्रमण की चपेट में आ गई थीं। तब वो आठ माह की गर्भवती थीं। 19 अप्रैल को तबीयत ज्यादा खराब होने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया और एक मई को उन्होंने हेल्दी बेबी को जन्म दिया। हालांकि, इस बीच, संक्रमण के चलते उनका फेफड़ा पूरी तरह से खराब हो गया। डॉक्टर्स ने लंग्स ट्रांसप्लांट की सलाह दी, लेकिन इसमें खर्चा काफी ज्यादा होने वाला था।
साथी डॉक्टर्स ने सीएम से मुलाकात की, योगी ने तुरंत मदद की
लोहिया संस्थान में निरीक्षण करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ। (फाइल फोटो)
मूलरूप से बिहार के आरा निवासी डा. शारदा सुमन के पति भी बिहार में रेजिडेंट हैं। प्रत्यारोपण में इतनी धनराशि खर्च करने में उनका परिवार सक्षम नहीं था। चिकित्सा अधीक्षक डॉ. विक्रम सिंह ने बताया कि निदेशक डॉ. सोनिया नित्यानंद, सीएमएस डॉ. राजन भटनागर के साथ उन्होंने सीएम से मुलाकात कर डॉ. शारदा की जान बचाने के लिए फेफड़े के प्रत्यारोपण का विकल्प बताया।
इसके बाद तीन दिनों में ही सीएम योगी ने कमेटी बनाकर धनराशि जारी कर दी। अब चेन्नई में महिला डाक्टर का फेफड़ा प्रत्यारोपण कराया जाएगा। संकट की इस घड़ी में परिवार के लोग सरकार की मदद का धन्यवाद देते हुए कहते हैं कि इस कदम से कोविड सेवा कर रहे अन्य डॉक्टरों का हौसला और बढ़ेगा।
45 दिनों से कर रहीं संघर्ष
- लंग्स ट्रांसप्लांट के लिए डेढ़ करोड़ रुपए लगने थे, लेकिन शारदा और उनके परिवार की आर्थिक स्थिति इतनी अच्छी नहीं थी कि वे इतना महंगा इलाज करा पाएं।
- डॉक्टर शारदा सुमन लोहिया संस्थान के कोविड अस्पताल में पिछले 45 दिनों से इकमो मशीन के सपोर्ट पर मौत से संघर्ष कर रही हैं।
- उनके साथ अभी अस्पताल में उनकी नवजात बच्ची भी है। हालांकि, बच्ची पूरी तरह से स्वस्थ्य बताई जा रही है।
- डॉ. शारदा की मदद के लिए बड़ी संख्या में डॉक्टर्स और मेडिकल स्टाफ भी सामने आया है।