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लखनऊ25 मिनट पहले
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गोमती रिवर फ्रंट घोटाले में सीबीआई ने चुनाव से ऐन पहले नेता, अफसर और कांट्रेक्टर के गठजोड पर एक साथ कार्रवाई की है। इटावा के कांट्रेक्टर पुनीत अग्रवाल के घर को सीबीआई ने ताला लगाकर सीज कर दिया है। 4 घंटे की कार्रवाई में सीबीआई ने यहां से अहम दस्तावेज भी बरामद किए हैं।
इसके अलावा भाजपा विधायक राकेश सिंह बघेल के गोरखपुर के ठिकानों पर दबिश दी गई है। सपा सरकार के करीबी रहे कांट्रेक्टर नितिन गुप्ता भी सीबीआई के रडार पर हैं। सिंचाई विभाग के सुप्रीटेंडेंट इंजीनियर शिवमंगल यादव, रूप सिंह यादव सहित रिवर फ्रंट निर्माण के दौरान अहम ओेहदों पर रहे इंजीनियरों के घर भी छापेमारी की गई है। जानिए रिवर फ्रंट घोटाले में किस-किस अफसर, नेता और कांट्रेक्टर के ठिकानों पर हो रही है कार्रवाई….
संतकबीर नगर के विधायक राकेश सिंह बघेल के गोरखपुर स्थित घर पर सीबीआई ने छापा मारा। सूत्रों का कहना है कि बघेल की कंस्ट्रक्शन कंपनियों के साथ पार्टनरशिप थी।
नितिन गुप्ता- अखिलेश सरकार में राज्यमंत्री का दर्जा प्राप्त नितिन गुप्ता के आगरा स्थित ठिकानों पर छापेमारी की गई है। बताया गया है कि गुप्ता का अन्नपूर्णाय ट्रेडिंग कंपनी में पार्टनरशिप थी।
पुनीत अग्रवाल- इटावा में अखिलेश यादव के करीबी कांट्रेक्टर के यहां सीबीआई के 6 सदस्यों की टीम ने दबिश दी। यहां से सीबीआई ने कई दस्तावेज बरामद किए हैं। आवास विकास कॉलोनी के के उनके मकान को सीबीआई ने सील कर दिया है।
इटावा में कांट्रेक्टर के ठिकाने पर सीबीआई का ताला।
शिवमंगल यादव, तत्कालीन सुप्रीटेंडेंड इंजीनियर, सिंचाई विभाग, रुचि खंड, शारदा नगर, लखनऊ
रूप सिंह यादव , तत्कालीन सुप्रीटेंडेंट इंजीनियर, शिवालिक अपार्टमेंट, कौशांबी, गाजियाबाद और ग्रेटर नोएडा की एनआरआई सिटी
सिद्ध नारायण शर्मा, तत्कालीन चीफ इंजीनियर, विपुल खंड, गोमती नगर और सन ब्रिज अपार्टमेंट, वैशाली, सेक्टर 5 गाजियाबाद
ओम वर्मा, तत्कालीन चीफ इंजीनियर बरेली, विकास नगर, लखनऊ
काजिम अली, तत्कालीन चीफ इंजीनियर, एफएम टॉवर, अलीगढ़
जीवन राम यादव, तत्काीलन सुप्रीटेंडेंट इंजीनियर, बरेली, इंदिरा नगर, हाउस नंबर 11/90, लखनऊ
सुरेंद्र कुमार पाल, तत्कालीन सुप्रीटेंडेंट इंजीनियर, सीतापुर A-137, साउथ सिटी रायबरेली रोड, लखनऊ
कमलेश्वर सिंह , तत्कालीन सुप्रीटेंडर इंजीनियर, विकास कॉलोनी, सेक्टर- 7 लखनऊ
मोहम्म्द आसिफ खान– प्रोपराइटर, मेसर्स तराई कंस्ट्रक्शन, जी- 20, शाल अपार्टमेंट, महानगर, लखनऊ
मोहन गुप्ता- डायरेक्टर, मेसर्स हाइटेक कंपीटेंट बिल्डर्स, G-17, फेज- 1 इंडस्ट्रीयल एरिया, भिवाड़ी, अलवर, राजस्थान
अंगेश कुमार सिंह, मैनेजिंग डायरेक्टर, मेसर्स अंगराज सिविल प्रोजेक्ट्स प्रा. लिमिटेड, जलालपुर क्रासिंग, राजाजीपुरम, लखनऊ
सत्येंद्र त्यागी, संचालक, ग्रीन डेकोर, 572, सेक्टर-29, नोएडा, गौतम बुद्ध नगर
विक्रम अग्रवाल, संचालक, एवीएस एंटरप्राइजेस, शिवपुरी कॉलोनी, चिनहट, लखनऊ
जीवन राम यादव, तत्कालीन सुप्रीटेंडेंड इंजीनियर, बरेली, H. No. 11/90, इंदिरा नगर, लखनऊ
अखिलेश कुमार सिंह, रिशु कंस्ट्रक्शन अनमोल एसोसिएट्स ज्वाइंट वेंचर, D-1215, पोस्ट ऑफिस के पास, इंदिरा नगर एवं विशाल खंड 3/ 522
नितिन गुप्ता- पार्टनर, अन्नपूर्णा ट्रेडिंग कंपनी, विजय नगर कॉलोनी, आगरा
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कांट्रेक्टर्स से पूछे ये सवाल…
गोमती रिवर फ्रंट के क्या-क्या सामान सप्लाई किया?
किस-किस निर्माण में भूमिका रही?
किस राजनेता ने कांट्रेक्ट दिलाने में मदद की?
किसको कितना-कितना कमीशन दिया?
तत्कालीन अफसरों से ये पूछा?
टेंडर की शर्तें किस आधार पर तय की?
किसके कहने पर कंपनी को कांट्रेक्ट दिया?
कमीशन कितना तय था?
कौन-कौन राजनेता कांट्रेक्ट दिलवाने के लिए लॉबिंग कर रहे थे?