May 27, 2024 : 11:41 AM
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सिंगापुर में ड्राइवरलेस डिलीवरी का सपना साकार होने के करीब:सिंगापुर में हाईटेक रोबोट फूड, ग्रोसरी की डिलीवरी कर रहे हैं; इससे वेटिंग टाइम 5-15 मिनट तक कम हो सकता है, शिक्षण संस्थानों में भी रोबोट स्टोर की तैयारी

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4 घंटे पहलेलेखक: सिंगापुर से भास्कर के लिए वीके संतोष कुमार

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रोबोट डिलीवरी लेकर ग्राहक के दिए पते पर पहुंचता है। - Dainik Bhaskar

रोबोट डिलीवरी लेकर ग्राहक के दिए पते पर पहुंचता है।

  • यहां के 3 इलाकों में सफलतापूर्वक ट्रायल चल रहे हैं

सिंगापुर में कोरोना ने ड्राइवरलेस डिलीवरी के सपने को हकीकत में बदल दिया है। इन दिनों यहां की सड़कों पर रोबोट रोजमर्रा के सामान से लेकर खाने तक की डिलीवरी करते देखे जा सकते हैं। सरकार ने फरवरी में 700 घरों वाले पुंगगोल में दो रोबोट की मदद से ट्रायल शुरू किया था। फिर फूडपांडा कंपनी ने 200 हेक्टेयर में बने नानयांग टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी (एनटीयू) में फूड और ग्रोसरी प्रोडेक्ट की डिलीवरी के लिए चार रोबोट तैनात किए। फूडपांडा की प्रतिद्वंद्वी कंपनी ग्रैब ने रेस्त्रां में डिलीवरी के लिए रोबोट रनर सर्विस शुरू करने की घोषणा की है।

फूडपांडा के प्रवक्ता बताते हैं, ‘संपर्क रहित डिलीवरी समय की मांग है। इससे हमें डिलीवरी क्षमता बढ़ाने और किफायती लागत में प्रभावी तरीके से ग्राहकों की सेवा करने में मदद मिलेगी। यह ट्रायल नवंबर तक चलेगा। हमें उम्मीद है कि इसके बाद हम पूरे सिंगापुर में रोबोट की मदद से डिलीवरी करेंगे।’ अनुमान है कि इससे वेटिंग टाइम 5-15 मिनट तक कम होगा। एक रोबोट वाहन में 100 बॉक्स आ सकते हैं।

एनटीयू में जो मोबिलिटी रोबोट्स तैनात हैं, उन्हें भविष्य में नेशनल यूनिवर्सिटीज में स्टाफ और छात्रों की सुविधा के लिए मोबाइल स्टोर में भी बदलने की योजना है। इस पर फैसला जुलाई सेे अक्टूबर तक चलने वाले ट्रायल के बाद लिया जाएगा। इस तरह सिंगापुर के तीन अलग-अलग इलाकों में रोबोट से डिलीवरी की जा रही है।

ये तीनों अलग-अलग टेक्नोलॉजी पर आधारित हैं। फूडपांडा का फूडबॉट एआई की मदद से चलता है। इनके लिए स्पेशल ट्रैक बनाए गए हैं, जो उसी पर चलते हैं। इसमें लगा कैमरा आंख और सॉफ्टवेयर दिमाग की तरह काम करते हैं। पुंगगोल में 700 रहवासियों के बीच प्रयोग सफल रहा है।

रोबोट बनाने वाली कंपनी ओटीएसएडब्ल्यू के प्रवक्ता कहते हैं कि न सिर्फ युवा बल्कि बुजुर्ग भी ऑर्डर प्लेस कर रहे हैं। दूसरे इलाकों के लोग ट्रायल की मांग कर रहे हैं। हमने इसके लिए आवेदन दिया है। ये रोबोट एडवांस टेक्नोलॉजी से लैस हैं। इस वजह से दुर्घटना और ग्राहकों से फ्रॉड आदि का जोखिम न के बराबर है। जैसे नियोलिक्स एल4 रोबोट मल्टीपल सेंसर जैसे डी एलआईडीएआर, नौ कैमरे, 14 अल्ट्रासॉनिक सेंसर्स और रडार्स से लैस है।

सुरक्षित: 80 किग्रा है रोबोट वाहन का वजन, ऑर्डर प्रूफ ओटीपी के बिना कोई सामान नहीं निकाल सकता

यह सिस्टम एडवांस टेक्नोलॉजी पर काम करता है। रोबोट डिलीवरी लेकर ग्राहक के दिए पते पर पहुंचता है। लोकेशन पर पहुंचते ही ग्राहक के मोबाइल पर नोटिफिकेशन भेजता हैै। रोबोट से ऑर्डर प्राप्त करने के लिए ग्राहक को रोबोट में लगे कैमरे के सामने अपने ऑर्डर का सबूत दिखाना पड़ता है।

इसके बाद ओटीपी की मदद से ग्राहक अपने बॉक्स को खोलकर सामान निकाल सकता है। एक रोबोट वाहन का वजन 80 किग्रा है और अभी इसकी स्पीड 5 किमी प्रति घंटा रखी गई है। हालांकि ये रोबोट डिलीवरी बिल्डिंग की लॉबी तक ही करेंगे। ग्राहकों को ग्राउंड फ्लोर तक आना पड़ता है।

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