लखनऊ15 घंटे पहलेलेखक: रवि श्रीवास्तव
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जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर काबिज होने के लिए सभी पार्टियां जद्दोजहद में लगी हुई हैं। पश्चिम की सीटों पर सपा, रालोद मिलकर भाजपा को घेर रही हैं तो पूर्वांचल में भाजपा और अपना दल मिलकर कुछ सीटों पर सपा की घेराबंदी कर रहे हैं। हालांकि, अब तक की तस्वीर में यह भी साफ है कि किंग मेकर निर्दलीय ही होंंगे। 75 जिलों के सियासी गणित पर नजर डालें तो अभी उत्तर प्रदेश के 75 जिलों में 21 में भाजपा निर्विरोध जीत चुकी है। 36 जिलों में सपा का दबदबा कायम है। इसके अलावा बचे हुए जिलों में निर्दलीय ही तय करेंगे कि किसका अध्यक्ष बनना है।
36 जिलों में सपा आगे लेकिन यहां भाजपा की नजर बागियों पर
निर्विरोध चुनावों के बाद भी बचे हुए 53 जिलों में से समाजवादी पार्टी 36 जिलों में भाजपा से आगे है। हालांकि, कई जगह समाजवादी पार्टी का गणित कहीं निर्दलीय तो कहीं बागी बिगाड़ रहे हैं। बहरहाल, समाजवादी पार्टी अभी तक इटावा में ही निर्विरोध जीत सकी है। पार्टी का दावा है कि भाजपा ने सत्ता पक्ष का दुरुपयोग कर जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पर कब्जा किया है। वहीं भाजपा 53 में से सिर्फ 8 जिलों में समाजवादी पार्टी से आगे है।
पश्चिमी यूपी में सपा-रालोद गठबंधन से भाजपा मुश्किल में
पश्चिमी यूपी की बात करें तो भाजपा गाजियाबाद, मेरठ, मुरादाबाद, अमरोहा, सहारनपुर, गौतमबुद्धनगर, आगरा, फिरोजाबाद, पीलीभीत और बुलंदशहर में अपना परचम लहरा चुकी है। यहां वो निर्विरोध जीती है। लेकिन चुनाव में उसे मुजफ्फरनगर, बागपत, एटा, कासगंज, बिजनौर और रामपुर जैसे जिलों में मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। पश्चिमी यूपी के ज्यादातर इलाकों में सपा, रालोद का गठबंधन है जबकि भारतीय किसान यूनियन और भीम आर्मी के चंद्रशेखर की पार्टी के कुछ सदस्य भी भाजपा को हराने के लिए सपा व रालोद प्रत्याशी का साथ दे सकते हैं। ऐसे में भाजपा की मुश्किल बढ़ सकती है। पश्चिमी यूपी के 25 जिलों में 11 जिलों में समाजवादी पार्टी मजबूत स्थिति में है।
पूर्वांचल में भी समाजवादी पार्टी समर्थित जिपं सदस्य लगभग डेढ़ दर्जन जिलों में भाजपा से ज्यादा हैं।
पूर्वांचल में 18 जिलों में भारी पड़ सकती है सपा, भाजपा 7 पर निर्विरोध
पंचायत चुनावों में निर्दलीयों के बाद समाजवादी पार्टी का बेहतर प्रदर्शन रहा है। पूर्वांचल में भी समाजवादी पार्टी समर्थित जिपं सदस्य लगभग डेढ़ दर्जन जिलों में भाजपा से ज्यादा हैं। इनमे आजमगढ़, बलिया, प्रयागराज, प्रतापगढ़, कुशीनगर, देवरिया, बस्ती, सोनभद्र जैसे जिले शामिल हैं। वहीं भाजपा कम जिपं सदस्यों की संख्या के बावजूद पूर्वांचल के 7 जिलों में निर्विरोध जीत चुकी है। पार्टी का प्रयास है कि ज्यादा से ज्यादा जिलों में पार्टी के कैंडिडेट ही जीत कर आये।
बुंदेलखंड के 7 जिलों में से भाजपा पहले ही 4 जिलों में निर्विरोध जीत चुकी है।
बुंदेलखंड और अवध में सपा मुश्किल में
बुंदेलखंड के 7 जिलों में से भाजपा पहले ही 4 जिलों में निर्विरोध जीत चुकी है। जबकि अब तीन जिले हमीरपुर, जालौन और महोबा में समाजवादी पार्टी का टकराव भाजपा से होगा। बुंदेलखंड में सिर्फ महोबा में सपा मजबूत स्थिति में है। जबकि जालौन और हमीरपुर में सपा भाजपा से कमजोर है। ऐसे में यहां निर्दलीय ही किंग मेकर बनेंगे।
सेंट्रल यूपी में बराबरी की टक्कर
सेंट्रल यूपी की बात करे तो 15 जिलों में इटावा निर्विरोध सपा के खाते में हैं जबकि शाहजहांपुर निर्विरोध भाजपा के कब्जे में हैं। बाकी 13 जिलों में 7 जिलों में समाजवादी पार्टी मजबूत स्थिति में है। हालांकि अब यह चुनाव में तय होगा कौन कितना मजबूत है।
निर्दलीय ही तय करेंगे कौन होगा पंचायत का सरताज
जिला पंचायत चुनाव में सबसे ज्यादा निर्दलीय जीत कर आये हैं। ऐसे में लगभग 40 जिलों में निर्दलीय किंग मेकर बनेंगे। निर्दलीयों ने ही 22 जिलों में किंग मेकर की भूमिका निभाई है। जिसमे भाजपा ने 21 जिलों में अपना परचम फहराया है जबकि इटावा में समाजवादी पार्टी का कैंडिडेट निर्विरोध जीता है।