May 10, 2024 : 2:21 PM
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छोटे व्‍यापारियों को मिलेगा आसानी से लोन:MSME में गिने आएंगे खुदरा और थोक व्यापार, कोविड से त्रस्त व्यापारियों के लिए बड़ा फैसला

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4 घंटे पहले

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  • थोक और खुदरा व्‍यापारी अब प्रायोरिटी सेक्टर लेंडिंग के तहत आसानी से लोन ले सकेंगे
  • सरकार के फैसले से लगभग ढाई करोड़ खुदरा और थोक व्‍यापारियों को फायदा होगा
  • कैट के मुताबिक व्यापारी समुदाय करीब 40 करोड़ लोगों को रोजगार मुहैया करा रहा है

कोरोना की दूसरी लहर से मुश्किलों का सामना कर रहे खुदरा और थोक व्‍यापारियों को सरकार से बड़ी राहत मिली है। उसने खुदरा और थोक व्‍यापार को MSME यानी सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों के दायरे में लाने का ऐलान किया है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने ट्वीट के जरिए इस बारे में जानकारी दी है।

नितिन गडकरी ने कहा है कि थोक और खुदरा व्‍यापारी अब प्रायोरिटी सेक्टर लेंडिंग के तहत आसानी से लोन ले सकेंगे। सरकार के इस फैसले से लगभग ढाई करोड़ खुदरा और थोक व्‍यापारियों को फायदा होगा। रिजर्व बैंक (RBI) की तरफ से MSME जैसे प्रायोरिटी सेक्‍टर को आसान शर्तों पर लोन उपलब्‍ध कराने के प्रावधान हैं।

गडकरी ने अपने ट्वीट में MSME को सेक्‍टर ग्रोथ का इंजन बताया। उन्होंने कहा, ‘कोविड की दूसरी लहर से खुदरा और थोक व्यापारियों को हुई परेशानी को देखते हुए उन्हें MSME के दायरे में लाया गया है। उन्हें प्रायोरिटी सेक्टर लेंडिंग से आर्थिक सहायता पहुंचाने की कोशिश की जा रही है।’

खुदरा व्‍यापार को MSME के दायरे में लाने के फैसले को व्यापारियों की संस्‍था कन्‍फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) बड़ा और ऐतिहासिक कदम बताया है। CAIT के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी सी भरतिया और राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि संस्था एक साल से अधिक समय से लगातार यह मुद्दा उठा रही थी।

उन्होंने कहा कि सरकार के फैसले से देश के करोड़ों छोटे व्यापारियों को फायदा होगा। MSME कैटेगरी में आने से वे प्रायोरिटी सेक्‍टर लेंडिंग के तहत बैंकों और फाइनेंशियल इंस्‍टीट्यूशंस से सस्ता लोन ले सकेंगे। छोटे व्‍यापारी MSME को मिल रही दूसरी सरकारी योजनाओं का भी लाभ उठा सकेंगे। भरतिया और खंडेलवाल ने कहा कि सरकार के फैसले से देश के करीब 8 करोड़ से ज्यादा छोटे कारोबारियों को फायदा होगा।​

कैट के राष्ट्रीय सचिव सुमित अग्रवाल ने भरतिया और खंडेलवाल के साथ संयुक्त रूप से बयान जारी कर कहा कि व्यापारी समुदाय करीब 40 करोड़ लोगों को रोजगार मुहैया करा रहा है और करीब 115 लाख करोड़ रुपए का सालाना कारोबार कर रहा है। उनकी मदद के लिए सरकार की तरफ से उठाया गया यह कदम अर्थव्यवस्था और खुदरा व्यापार में नई जान डालने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।

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