- Hindi News
- International
- Children Do Not Improve With Physical Punishment Like Spanking, Their Behavior Starts Deteriorating, The Feeling Of Vengeance Increases
वॉशिंगटनएक दिन पहले
- कॉपी लिंक
अध्ययन अमेरिका, कनाडा, चीन, जापान, और ब्रिटेन समेत 69 देशों में किया गया।
- अमेरिका, चीन, ब्रिटेन जैसे 69 देशों में अध्ययन, मेडिकल मैगजीन ‘द लैंसेट’ में प्रकाशित
- बच्चे जिद्दी होने लगते हैं, झूठे और बनावटी काम भी करने लगते हैं
पिटाई जैसी शारीरिक सजा से बच्चों का व्यवहार बिगड़ सकता है। उनमें सुधार नहीं होता, बल्कि वे हिंसक हो सकते हैं। ब्रिटिश मेडिकल मैगजीन ‘द लैंसेट’ में प्रकाशित एक अध्ययन रिपोर्ट में यह दावा किया गया है। अध्ययन अमेरिका, कनाडा, चीन, जापान, और ब्रिटेन समेत 69 देशों में किया गया।
अध्ययन से जुड़ी वरिष्ठ लेखक एलिजाबेथ गेर्शाफ ने कहा, ‘शारीरिक सजा बच्चों के विकास और कल्याण में बाधक है। यह धारणा गलत है कि बच्चे पिटाई से सुधर जाएंगे। इससे वे और बिगड़ सकते हैं। अध्ययन में इसके स्पष्ट प्रमाण मिले हैं।’ एलिजाबेथ के अनुसार अध्ययन में पिटाई या इसके जैसे अन्य शारीरिक दंड शामिल किए गए हैं। माता-पिता मानते हैं कि शारीरिक सजा से बच्चे अनुशासित हो जाएंगे।
इनमें बच्चे को किसी वस्तु से पीटना, चेहरे, सिर या कान पर मारना, थप्पड़, बच्चे पर कोई वस्तु फेंकना, मुट्ठी, मुक्के या पैर से मारना शामिल हैं। इनके अलावा बच्चे का मुंह जबरन साबुन से धोना, झुलसाना और चाकू या बंदूक से धमकी देना भी शामिल है। अध्ययन से पता चलता है कि शारीरिक सजा से बच्चे ढीढ होने लगते हैं। वे अक्सर झूठे और बनावटी काम भी करने लगते हैं। आक्रामक हो जाते हैं। स्कूलों में उद्दंडता और असामाजिक व्यवहार भी करते हैं।
शारीरिक सजा पाने वाले बच्चों में ज्ञानपूर्ण कुशलता का विकास नहीं होता है। जैसे-जैसे शारीरिक सजा बढ़ती जाती है, बच्चों का व्यवहार और खराब होता जाता है। बच्चों में गुस्से और प्रतिशोध की भावना बढ़ती जाती है। वे गभीर हिंसा करने लगते हैं। बता दें कि संयुक्त राष्ट्र ने 2006 के कन्वेंशन में कहा था कि वह बच्चों को शारीरिक सजा से बचाने के लिए प्रतिबद्ध है।
दुनिया के 62 देशों में बच्चों को शारीरिक सजा अवैध, 31 देशों में अनुमति
ग्लोबल पार्टनरशिप टू एंड वायलेंस अगेंस्ट चिल्ड्रन के अनुसार 62 देशों में बच्चों को शारीरिक सजा अवैध है। 27 देश बच्चों की शारीरिक सजा रोकने के लिए प्रतिबद्ध हैं। 31 देश अब भी अपराधों के लिए बच्चों को कोड़े या बेंत मारने की अनुमति देते हैं। यूनिसेफ की 2017 की रिपोर्ट बताती है कि दो से चार साल के 25 करोड़ बच्चे उन देशों में रहते हैं, जहां अनुशासित करने के लिए पीटना वैध है।