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- Education Minister Asking Parents To Die On The Arbitrariness Of Private Schools, Energy Minister Advised To Ride A Bicycle On The Question Of Petrol And Diesel Being Expensive
मध्यप्रदेश3 घंटे पहले
मध्यप्रदेश में 2 दिन में दो मंत्रियों खूब चर्चा में हैं। दोनों से बात ही कुछ ऐसी कही है कि उस पर चर्चा जरूरी है। पहले हैं हमारे प्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार। अभिभावक इनसे प्राइवेट स्कूल की फीस और मनमानी की शिकायत करने गए थे। मंत्री जी को उलटे इन पर ही गुस्सा आ गया। बोल पड़े- मरना है तो मर जाइए। उन्हें अभिभावकों की कम प्राइवेट स्कूलों की चिंता ज्यादा है। दूसरे मंत्री हैं- प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर। इन्होंने पेट्रोल-डीजल के महंगे सवाल पर पत्रकारों से पूछा कि वे साइिकल से मंडी सब्जी लेने जाते हैं क्या?
प्रदेश में फीस को लेकर कानून भी बने, लेकिन सालों से इसे लागू नहीं किया गया। मंत्री जी इसे लागू करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं, लेकिन उन्हें अभिभावकों की बजाय स्कूलों की चिंता है। मंगलवार को जब स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार से अभिभावकों ने स्कूलों की मनमानी की शिकायत की तो उन्होंने अभिभावकों से कहा कि मरना है तो मर जाइए।
पालक संघ के सदस्य उनसे शिकायत कर रहे थे कि स्कूल बंद होने के बाद भी एक अप्रैल से ऑनलाइन क्लास की फीस वसूल रहे हैं। फीस कम की जाए, नहीं तो आंदोलन करेंगे। इस पर उखड़े मंत्री ने यह बातें कहकर कार में बैठकर चले गए। इसके बाद मंत्री और पालक संघ के सदस्यों के बीच गरमागरम बहस हो गई। मंत्री परमार ने कहा कि ज्यादा नेतागीरी मत करो। मंत्री ने लोगों से बातचीत की वीडियो रिकॉर्डिंग बंद करने के लिए भी कहा।
पेट्रोल-डीजल के महंगे दाम पर ऊर्जा मंत्री का सॉल्यूशन
मध्य प्रदेश में पेट्रोल-डीजल के रेट 100 रुपए प्रति लीटर के पार हो गए हैं, लेकिन शिवराज सिंह चौहान के मंत्री इसका अजब-गजब सॉल्यूशन दे रहे हैं। उनकी सलाह समस्या का हल करने की बजाय जनता के जख्त कुरेदने वाली है। इंदौर में ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों के सवाल पर कहा, मान लो पेट्रोल-डीजल की कीमत बढ़ गई, पेट्रोल-डीजल कौन जलाता है, मैं आपसे जानना चाहता हूं। हम सब्जी मंडी जाते हैं तो साइकिल से जाते हैं क्या? जो हमें शारीरिक रूप से स्वस्थ रखेगी। हमारे प्रदूषण को मुक्त रखेगी। हमारे लिए पेट्रोल-डीजल महत्वपूर्ण है कि देश की स्वास्थ्य व्यवस्था।
हालांकि बाद में मंत्री ने कहा, यह बात मैंने आम नागरिक के लिए नहीं कही है। यह मैंने स्वयं के लिए कही है। मेरे 30 दिन की आप डायरी उठाकर देख लीजिए। मैं कितना साइकिल पर चलता हूं और कितना गाड़ियों पर चलता हूं और कितना पैदल चलता हूं? यह कहकर ऊर्जा मंत्री अपने कारों के काफिले के साथ रवाना हो गए।