न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: Tanuja Yadav Updated Tue, 29 Jun 2021 01:25 PM IST
सार
डीसीजीआई जल्द ही देश में मॉडर्ना की वैक्सीन को आयात करने की मंजूरी दे सकता है। मॉडर्ना ने अपने टीके के लिए नियामकीय मंजूरी मांगी है।
कोरोना वायरस वैक्सीन (सांकेतिक) – फोटो : पिक्साबे
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विस्तार
DCGI (Drug Controller General of India) may consider Cipla to import Moderna’s #COVID19 vaccine shortly. Decision on approval for the same is expected today itself: Sources
— ANI (@ANI) June 29, 2021
इसके अलावा अमेरिकी वैक्सीन कंपनी ‘मॉर्डना’ ने भारत में अपने कोविड-19 रोधी टीके के लिए नियामकीय मंजूरी मांगी और सिपला ने टीके के आयात, विपणन संबंधी प्राधिकार के लिए आवेदन किया। ऐसा बताया जा रहा है कि भारत का औषधि महानियंत्रक 18 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोगों के लिए ‘मॉर्डना’ के कोविड-19 रोधी टीके के आपात इस्तेमाल को मंजूरी दे सकता है।
बता दें कि दुनिया के कई अमीर देशों में इस वैक्सीन का इस्तेमाल किया जा रहा है। आंकड़ों की माने तो अमेरिका में अबतक 12 करोड़ लोगों को फाइजर या मॉडर्ना की वैक्सीन दी जा चुकी है और इस वैक्सीन के साइड इफेक्ट को लेकर कोई चिंता वाली खबर अभी तक सामने नहीं आई है।
इससे पहले दिल्ली सरकार ने भी केंद्र सरकार से फाइजर, मॉडर्ना और जॉनसन एंड जॉनसन जैसे अंतरराष्ट्रीय वैक्सीन उम्मीदवारों को इजाजत देने की अपील की थी। बता दें कि मॉडर्ना की वैक्सीन मैसेंजर आरएनए पर निर्भर करती है, जो कोशिकाओं को कोरोना वायरस के खिलाफ इम्यूनिटी तैयार करने के लिए प्रोग्राम करते हैं।
इस वैक्सीन को लेकर किए गए क्लिनिकल परीक्षण के परिणाम बताते हैं कि ये वैक्सीन कोरोना संक्रमण के लक्षणों वाले मामलों के खिलाफ 90 फीसदी से ज्यादा कारगर है। इसके अलावा नेशनल टास्क फोर्स के प्रमुख वीके पॉल भी रहे चुके हैं कि सरकार लगातार विदेशी वैक्सीन निर्माताओं के संपर्क में है।