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- 315 Days Gap Between Two Doses Of AstraZeneca Vaccine Is More Effective, Third Dose Can Increase Immunity
लंदन5 घंटे पहले
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एस्ट्राजेनेका वैक्सीन की 2 डोज के बीच 45 हफ्ते यानी करीब 315 दिन का गैप ज्यादा प्रभावी होता है। ऑक्सफोर्ड की ताजा स्टडी में इस बात का दावा किया गया है। इतना ही नहीं स्टडी में यह भी बताया गया है कि इस वैक्सीन की तीसरी डोज इंसान के शरीर की एंटीबॉडी के स्तर को और ज्यादा बढ़ा सकती है।
शोधकर्ताओं ने पाया है कि दूसरी डोज के 6 महीने बाद जब तीसरी डोज बूस्टर के तौर पर दी गई तो कोरोना वायरस के वैरिएंट के खिलाफ इंसानी शरीर में ज्यादा बेहतर रिस्पॉन्स पाया गया।
ऑक्सफोर्ड वैक्सीन ट्रायल के लीड इंवेस्टिगेटर प्रोफेसर एंड्रयू पोलार्ड ने सोमवार को कहा, ‘यह डेटा दिखाता है कि हम एस्ट्रेजेनेका-ऑक्सफोर्ड वैक्सीन की एक और खुराक देकर रिस्पॉन्स को बढ़ा सकते हैं। यह सच में महत्वपूर्ण है। दो डोज से इम्यूनिटी की अवधि और वैरिएंट के खिलाफ रक्षा को लेकर और रिसर्च से यह तय करने में मदद मिलेगी कि क्या सही में बूस्टर डोज की जरूरत है।’
दूसरी डोज के बाद 18 गुना तक बढ़ गई एंटीबॉडी
स्टडी में पाया गया कि पहली डोज के बाद शरीर में एंटीबॉडी कुछ हद तक एक साल के बाद तक बची रही। वैसे, 28 दिन बाद उनका जो लेवल था वह 180 दिन बाद आधा हो गया। जबकि, दूसरी डोज के बाद एंटीबॉडी का लेवल एक महीने बाद 4 से 18 गुना तक बढ़ गया। इस स्टडी में शामिल सभी वॉलेंटियर 18 से 55 साल की उम्र के थे।
कोवीशील्ड वैक्सीन में 12 से 16 हफ्तों का गैप
मौजूदा वक्त में ज्यादातर देशों ने दो डोज के बीच में 4 से 12 हफ्तों का अंतर रखा है। भारत में एस्ट्राजेनेका-ऑक्सफोर्ड वैक्सीन कोवीशील्ड के नाम से बनती है। देश में कोवीशील्ड वैक्सीन की पहली और दूसरी डोज के बीच में 12 से 16 हफ्तों का गैप रखा गया है।
वैक्सीन की शोर्टेज पूरी हो सकेगी
ऑक्सफोर्ड के अधिकारियों के मुताबिक इस रिसर्च से दुनियाभर के देशों को वायरस के खिलाफ वैक्सीन अभियान में मदद मिल सकती है। क्योंकि, वैक्सीन के बीच जितना ज्यादा गैप होगा, उतनी ही ज्यादा संख्या में उपलब्ध वैक्सीन अधिकतर लोगों तक पहुंच सकेगी। इस बीच कंपनियों को प्रोडक्शन बढ़ाने में भी मदद मिलेगी।