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कोरोना से जंग में जरूरी है वैक्सीनेशन:स्टडी में दावा- अमेरिका में कोरोना से मई के महीने में 18 हजार मौतें, इनमें 99.2% ऐसे जिनको नहीं लगी थी वैक्सीन

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  • Of These, 99.2% Were Not Vaccinated, A Big Study On The Effect Of The Vaccine, Which Is Telling How Important The Vaccination Is

वाॅशिंगटन5 घंटे पहले

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कोरोना के खिलाफ लड़ाई में वैक्सीन कितनी कारगर है और उसे लगाना कितना जरूरी है। इस बात को अमेरिका में हुई एक स्टडी से समझा जा सकता है। यहां मई के महीने में जान गंवाने वाले लोगों में 99.9% ऐसे थे, जिनका वैक्सीनेशन नहीं हुआ था। अमेरिका के सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) के मुताबिक, यहां मई में 18 हजार लोगों की मौत हुई है। इनमें 150 लोगों को कोरोना की दोनों डोज लग चुकी थी। बाकी लोगों को वैक्सीन नहीं लगी थी।

रिसर्च टीम ने बताया कि जिन्हें वैक्सीन की एक डोज लग चुकी थी, उनमें 8.53 लाख लोगों को बाद में कोरोना तो हुआ, लेकिन इनमें 1200 लोगों को ही अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। इन्हीं 1,200 में से 150 लोगों को बचाया नहीं जा सका।

मई में जिन्हें कोरोना हुआ, उनमें डेल्टा वैरिएंट मिला
वैक्सीनेशन से कोरोना से होने वाली मौतों को रोका जा सकता है। हालांकि, मई में जो लोग कोरोना से संक्रमित हुए थे, उनमें अधिकतर में डेल्टा वैरिएंट पाया गया। इससे पहले जून की शुरूआत में बाइडेन प्रशासन पूर्व कोविड एडवाइजर रहे एंडी स्लाविट ने बताया था कि मई महीने में अमेरिका में कोरोना वायरस से मरने वाले 98 से 90% लोगों ने वैक्सीन का डोज नहीं लिया था।

CDC ने कहा- वैक्सीन से हर एडल्ट की मौत रोक सकते हैं

CDC के निदेशक डॉ. रोशेल वालेंस्की के मुताबिक, अभी तक मौजूद वैक्सीन इतनी असरदार है कि कोरोना के कारण एडल्ट लोगों की लगभग हर मौत को रोका जा सकता है। दूसरी ओर, एक्सपर्ट डॉ. एंथनी फाउची ने चेताया है कि अमेरिका के लिए डेल्टा वैरिएंट बड़ा खतरा बन सकता है।

इससे देश में हालात ब्रिटेन जैसे बन सकते हैं। यदि लोग वैक्सीन नहीं लगवाएंगे तो कोरोना के खिलाफ अब तक उठाए गए सभी कदम बेकार हो सकते हैं। CDC के अधिकारियों ने कहा कि 18 साल और उससे अधिक उम्र के सभी लोगों में से 56% को दोनों डोज दी जा चुकी हैं। 66% को एक डोज दी जा चुकी है।

डेल्टा से डरा इजरायल, मास्क हटाने की घोषणा के बाद अब फिर मास्क अनिवार्य
इजरायल ने सार्वजनिक इनडोर जगहों पर मास्क की जरूरी कर दिया है। इजरायल में पिछले दिनों डेल्टा वैरिएंट की वजह से नए केस तेजी से बढ़े हैं। कोरोना रिस्पॉन्स टास्क फोर्स के प्रमुख नचमन ऐश ने बताया कि मास्क को अनिवार्य किया गया है। इजरायल अपनी 85% वयस्क आबादी का टीकाकरण कर चुका है। ऐसे में वहां लोग संक्रमित तो हो रहे हैं, लेकिन उनकी स्थिति गंभीर नहीं हो रही है।

अल्फा, बीटा, गामा, डेल्टा वैरिएंट पर कोविशील्ड, कोवैक्सीन दोनों प्रभावी
इंस्टीट्यूट ऑफ जीनोमिक्स एंड इंटीग्रेटिव बायोलॉजी (IGIB) के डायरेक्टर डॉ. अनुराग अग्रवाल ने बताया- ‘11 देशों में डेल्टा प्लस के 202 मामले मिले हैं। अमेरिका में सबसे ज्यादा 82 मामले मिले हैं। राहत की बात यह है कि अल्फा, बीटा, गामा और डेल्टा वैरिएंट पर कोविशील्ड और कोवैक्सीन दोनों ही टीके असरदार हैं।’

भारत ने डेल्टा प्लस के संबंध में खोज तेज कर दी है। विशेषज्ञों के अनुसार इसका म्यूटेशन डेल्टा वैरिएंट के समान ही है। संभव है डेल्टा प्लस के फैलने की रफ्तार भी उसके जैसी ही हो। लेकिन, यह इम्युनिटी को धोखा देकर संक्रमित कर सकता है।

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