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आरबीआई ने कहा: कोरोना की दूसरी लहर से उबरने के लिए हर क्षेत्र की मदद करेंगे

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बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, मुंबई
Published by: Kuldeep Singh
Updated Sat, 19 Jun 2021 07:27 AM IST

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास
– फोटो : PTI

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भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने भरोसा दिलाया है कि कोविड-19 संक्रमण की दूसरी लहर से निपटने के लिए हर क्षेत्र को मदद दी जाएगी। दास ने शुक्रवार को जारी एमपीसी मिनट्स में बताया कि आर्थिक सुधार के लिए राजकोषीय, मौद्रिक और क्षेत्रवार मदद की जरूरत है। 

आरबीआई गवर्नर ने बताई एमपीसी बैठक की खास बातें, महंगाई से बढ़ा दबावगवर्नर ने जून की शुरुआत में हुई मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक की खास बातों का खुलासा करते हुए कहा, अप्रैल-मई में दूसरी लहर ने व्यापक तौर पर आर्थिक नुकसान किया है। तेजी से सुधार की ओर बढ़ती अर्थव्यवस्था की गति पर न सिर्फ रोक लगाई, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों को बुरी तरह प्रभावित कर रोजगार के अवसर घटा दिए।

हमें दोबारा सामान्य स्थिति में आने के लिए नीतिगत सुधारों के साथ लगातार राहत पैकेज की भी जरूरत होगी। इसके लिए टीकाकरण के जरिये महामारी पर काबू पाना ही सबसे प्रभावी उपाय है। एमपीसी मिनट्स के अनुसार, समिति की बैठक में गवर्नर सहित सभी छह सदस्यों ने रेपो रेट स्थिर रखने के पक्ष में मतदान किया था। 

आपूर्ति पर ज्यादा असर नहीं, लेकिन महंगाई चिंताजनकडिप्टी गवर्नर माइकल देवब्रत पात्रा ने कहा कि पहली लहर के मुकाबले इस बार आपूर्ति पर ज्यादा असर नहीं पड़ा, लेकिन बढ़ती महंगाई चिंता का सबब है। साथ ही लॉकडाउन से खपत पर असर पड़ा, जिसे दोबारा पटरी पर लाने के लिए नीतिगत सहारे की जरूरत है।

1.6 फीसदी वृद्धि का ही अनुमान है इस साल कुल उत्पादन में2021-22 में अगर विकास दर 9.5 फीसदी कायम भी रहती है, तो कोविड पूर्व स्तर से कुल उत्पादन महज 1.6 फीसदी ही बढ़ेगा। कंपनियां अपनी लागत को उपभोक्ताओं पर डाल रही हैं, जिससे खुदरा महंगाई लगातार चिंताजनक बनी हुई है।

बैंकों पर बढ़ सकता है रिकॉर्ड एनपीए : राकेश मोहनआरबीआई के पूर्व डिप्टी गवर्नर राकेश मोहन ने कहा है कि संक्रमण की दूसरी लहर से बैंकों पर एनपीए का बोझ रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच सकता है। उन्होंने कहा, आरबीआई ने दिसंबर की आर्थिक स्थिरता रिपोर्ट में सितंबर, 2021 तक एनपीए 13.5 फीसदी पहुंचने का अनुमान लगाया था।

अप्रैल-मई में दूसरी लहर के बाद ये आंकड़े अनुमान से कहीं ज्यादा हो सकते हैं। आरबीआई के सामने ये चुनौती होगी कि वह बैंकिंग और वित्तीय क्षेत्र को फंसे कर्ज संकट से किस तरह निकालता है। एक और डिप्टी गवर्नर ने एनपीए 18 फीसदी पहुंचने की बात कही थी, वह भी दूसरी लहर से पहले। 

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भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने भरोसा दिलाया है कि कोविड-19 संक्रमण की दूसरी लहर से निपटने के लिए हर क्षेत्र को मदद दी जाएगी। दास ने शुक्रवार को जारी एमपीसी मिनट्स में बताया कि आर्थिक सुधार के लिए राजकोषीय, मौद्रिक और क्षेत्रवार मदद की जरूरत है। 

आरबीआई गवर्नर ने बताई एमपीसी बैठक की खास बातें, महंगाई से बढ़ा दबाव
गवर्नर ने जून की शुरुआत में हुई मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक की खास बातों का खुलासा करते हुए कहा, अप्रैल-मई में दूसरी लहर ने व्यापक तौर पर आर्थिक नुकसान किया है। तेजी से सुधार की ओर बढ़ती अर्थव्यवस्था की गति पर न सिर्फ रोक लगाई, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों को बुरी तरह प्रभावित कर रोजगार के अवसर घटा दिए।

हमें दोबारा सामान्य स्थिति में आने के लिए नीतिगत सुधारों के साथ लगातार राहत पैकेज की भी जरूरत होगी। इसके लिए टीकाकरण के जरिये महामारी पर काबू पाना ही सबसे प्रभावी उपाय है। एमपीसी मिनट्स के अनुसार, समिति की बैठक में गवर्नर सहित सभी छह सदस्यों ने रेपो रेट स्थिर रखने के पक्ष में मतदान किया था। 

आपूर्ति पर ज्यादा असर नहीं, लेकिन महंगाई चिंताजनक
डिप्टी गवर्नर माइकल देवब्रत पात्रा ने कहा कि पहली लहर के मुकाबले इस बार आपूर्ति पर ज्यादा असर नहीं पड़ा, लेकिन बढ़ती महंगाई चिंता का सबब है। साथ ही लॉकडाउन से खपत पर असर पड़ा, जिसे दोबारा पटरी पर लाने के लिए नीतिगत सहारे की जरूरत है।

1.6 फीसदी वृद्धि का ही अनुमान है इस साल कुल उत्पादन में
2021-22 में अगर विकास दर 9.5 फीसदी कायम भी रहती है, तो कोविड पूर्व स्तर से कुल उत्पादन महज 1.6 फीसदी ही बढ़ेगा। कंपनियां अपनी लागत को उपभोक्ताओं पर डाल रही हैं, जिससे खुदरा महंगाई लगातार चिंताजनक बनी हुई है।

बैंकों पर बढ़ सकता है रिकॉर्ड एनपीए : राकेश मोहन

आरबीआई के पूर्व डिप्टी गवर्नर राकेश मोहन ने कहा है कि संक्रमण की दूसरी लहर से बैंकों पर एनपीए का बोझ रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच सकता है। उन्होंने कहा, आरबीआई ने दिसंबर की आर्थिक स्थिरता रिपोर्ट में सितंबर, 2021 तक एनपीए 13.5 फीसदी पहुंचने का अनुमान लगाया था।

अप्रैल-मई में दूसरी लहर के बाद ये आंकड़े अनुमान से कहीं ज्यादा हो सकते हैं। आरबीआई के सामने ये चुनौती होगी कि वह बैंकिंग और वित्तीय क्षेत्र को फंसे कर्ज संकट से किस तरह निकालता है। एक और डिप्टी गवर्नर ने एनपीए 18 फीसदी पहुंचने की बात कही थी, वह भी दूसरी लहर से पहले। 

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