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12:02 PM, 10-Jun-2021
ज्योतिष विज्ञान की नजर में सूर्यग्रहण
ज्योतिष विज्ञान के अनुसार, आज जेठ अमावस्या तिथि पर लगने वाला सूर्यग्रहण वृष राशि और मृगशिरा नक्षत्र में लग रहा है। ज्योतिष शास्त्र में सूर्य को सभी ग्रहों का प्रधान ग्रह माना जाता है। ऐसे में जब सूर्य ग्रहण काल में पीड़ित होता है तो उसका असर सभी राशियों पर शुभ-अशुभ रूप से पड़ता है। ज्योतिष में राहु-केतु के कारण ग्रहण लगने की मान्यता है।
11:55 AM, 10-Jun-2021
जानें क्या होता है खग्रास, खंडग्रास और कंकण सूर्य ग्रहण
अपने भ्रमण पथ पर चलते हुए चंद्रमा अमावस्या को सूर्य और पृथ्वी के बीच में आ जाते हैं । कभी कभी तो तीनों बिलकुल एक सीध में आकर सूर्य के प्रकाश को ढक लेते हैं उस समय चंद्रमा का अप्रकाशित भाग हमारी ओर पड़ता है और उनकी हल्की परछाईं पृथ्वी पर पड़ती है ऐसे में सूर्य पृथ्वी के जितने भाग पर घनी छाया रहने से दिखाई नहीं देते उतने भाग पर सूर्य ग्रहण होता है। जब ये तीनों पूर्णतः एक सीध में आकर सूर्य के पूर्ण प्रकाश को ही ढक लेते हैं तब खग्रास अथवा पूर्ण सूर्यग्रहण कहा जाता है। यदि ये एक सीध में आने से कुछ बच जाएं तो खंडग्रास सूर्य ग्रहण होता है। जब इन तीनों के एक सीध में आने का कुछअंश रह जाय तो कंकड़ सूर्य ग्रहण कहा जाता है।
11:46 AM, 10-Jun-2021
यहां देखें सूर्य ग्रहण का सभी राशियों पर पड़ने वाला प्रभाव
11:36 AM, 10-Jun-2021
सूर्यग्रहण को देखते समय इन बातों का रखें ध्यान
विज्ञान के अनुसार, सूर्यग्रहण एक खगोलीय घटना है। परंतु इसे नग्न आंखों से नहीं देखना चाहिए। इसे देखने के लिए उच्च कोटि के फिल्टर ग्लास के चश्मे का इस्तेमाल करना चाहिए। कई लोग एक्सरे शीट के चश्मे का प्रयोग करते हैं लेकिन ऐसा नहीं करना चाहिए और छोटे बच्चों को सूर्य ग्रहण से दूर रखना चाहिए।
11:15 AM, 10-Jun-2021
गर्भवती महिलाएं बरतें सावधानियां
सूर्यग्रहण हो या फिर चंद्रग्रहण दोनों ग्रहण काल में गर्भवती महिलाओं को विशेष सावधानियां बरतनी चाहिए। ऐसी मान्यता है कि ग्रहण के दौरान कई हानिकारक तरंगें निकलती हैं जो गर्भ में पलने वाले शिशु के लिए हानिकारक होती हैं। इस कारण महिलाओं को ग्रहण दौरान के बाहर नहीं निकलना चाहिए और ना तो उन्हें सुई, चाकू, कटर आदि का प्रयोग करना चाहिए।
11:05 AM, 10-Jun-2021
पांच घंटों तक लगा रहेगा सूर्यग्रहण
अब से कुछ घंटों बाद लगने वाला सूर्य ग्रहण करीब पांच घंटों तक लगा रहेगा। ग्रहण की शुरूआत भारतीय समयानुसार, दोपहर 1 बजकर 42 मिनट से होगी तो वहीं ग्रहण का समापन शाम 6 बजकर 41 मिनट पर होगा। ऐसे करीब 4 घंटे 59 मिनट तक इस ग्रहण की अवधि रहने वाली है।
10:59 AM, 10-Jun-2021
अमावस्या तिथि पर लगता है सूर्य ग्रहण
सूर्य ग्रहण हमेशा अमावस्या तिथि के दिन ही लगता है। वहीं चंद्र ग्रहण हमेशा पूर्णिमा तिथि पर ही होता है। लेकिन हर अमावस्या और पूर्णिमा तिथि को ग्रहण नहीं लगते हैं। जैसे इस साल केवल दो ही सूर्य ग्रहण हैं और दो ही चंद्र ग्रहण हैं। पहला चंद्रग्रहण पिछले महिने लग चुका है।
10:52 AM, 10-Jun-2021
ज्येष्ठ अमावस्या तिथि पर ग्रहण के अलावा शनि जयंती और वट सावित्री व्रत
ज्येष्ठ अमावस्या तिथि पर आज सूर्यग्रहण तो लग ही रहा है। भले यह भारत के संदर्भ में उतना प्रभावी न हो, लेकिन ज्येष्ठ अमावस्या तिथि पर शनि जयंती और वट सावित्री व्रत हर साल मनाए जाते हैं। शनि जयंती को लेकर ये मान्यता है कि इस तिथि को शनिदेव का जन्म हुआ था। वहीं अखंड सौभाग्य के लिए जेठ अमावस्या पर वट सावित्री व्रत रखने की मान्यता है।
10:36 AM, 10-Jun-2021
भारत के इन हिस्सों में दिखाई देगा सूर्यग्रहण
आज ज्येष्ठ अमावस्या तिथि पर लगने वाला साल का पहला सूर्यग्रहण भारत के कुछ हिस्सों में दिखाई दे सकता है। यह भारत के पूर्वोत्तर में अरुणाचल प्रदेश और लद्दाख के उत्तरी भाग में शाम 6 बजे के बाद आंशिक रूप से दिखाई दे सकता है। हालांकि इसे देख पाना कठिन होगा।
10:16 AM, 10-Jun-2021
आज कुछ ऐसा दिखेगा सूर्य ग्रहण का नजारा
ज्येष्ठ अमावस्या तिथि पर लगने वाला सूर्य ग्रहण वृषभ राशि और मृगशिरा नक्षत्र में है। भारत में इस सूर्य ग्रहण को नहीं देखा जा सकेगा। भारतीय समय के अनुसार साल का पहला सूर्य ग्रहण दोपहर 01 बजकर 42 मिनट से शुरू होकर शाम के 06 बजकर 41 मिनट तक चलेगा। दुनिया के कई देशों में सूर्य ग्रहण के दौरान रिंग ऑफ फायर रूप में एक शानदार नजारा देखने को मिलेगा। इस सूर्य ग्रहण को अमेरिका, यूरोप, उत्तरी एशिया में देखा जा सकेगा।
10:03 AM, 10-Jun-2021
ग्रहण के दौरान कौन-कौन सी सावधानी बरतें
हमारे शास्त्रों में ग्रहण की घटना को बहुत ही अशुभ माना गया है। ग्रहण लगने से पहले ही कई तरह के कार्य थम जाते हैं। इसे सूतक काल कहा जाता है। सूर्य ग्रहण के लगने से 12 घंटे पहले और चंद्र ग्रहण के लगने के 09 घंटे पहले सूतक लग जाता है। ग्रहण से पहले और ग्रहण के दौरान कई तरह की सावधानियां बरतनी चाहिए।
ग्रहण के दौरान और ग्रहण के खत्म होने तक भगवान की मूर्ति को नहीं छूना चाहिए। ग्रहण में घर के मंदिरों के कपाट बंद कर देना चाहिए। ताकि भगवान पर ग्रहण का असर ना हो सके। ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के दौरान ना तो ग्रहण देखना चाहिए और ना ही घर के बाहर निकलना चाहिए। ग्रहण में स्त्री-पुरुष को शारीरिक संबंध नहीं बनाना चाहिए। ग्रहण के दौरान शारीरिक संबंध बनाने से गर्भधारण में संतान पर बुरा असर पड़ता है। सूतक लगने पर और ग्रहण के दौरान सबसे ज्यादा नकारात्मक शक्तियां हावी रहती हैं। ग्रहण में कभी भी श्मशान घाट में नहीं जाना चाहिए। सूतक लगने पर किसी भी तरह का कोई भी शुभ कार्य करने से बचना चाहिए। ग्रहण में किया गया कोई भी शुभ कार्य सफल नहीं होता। ग्रहण के दौरान बाल और नाखून काटने से बचना चाहिए। इसके अलावा न तो कुछ खाना चाहिए और न ही खाना बनाना चाहिए।
09:55 AM, 10-Jun-2021
मिथुन राशि के जातकों पर इस सूर्य ग्रहण का असर
राशि से बारहवें व्यय भाव में पड़ने वाला यह ग्रहण अत्यधिक भागदौड़ और आर्थिक तंगी का सामना करवाएगा। दांपत्य जीवन में भी मनमुटाव आ सकता है अपनी जिद एवं आवेश पर नियंत्रण रखते हुए कार्य करेंगे तो नुकसान से बचे रहेंगे। केंद्र अथवा राज्य सरकार के विभागों में प्रतीक्षित कार्यों में थोड़ा और विलंब लग सकता है। उच्चाधिकारियों से संबंध बिगड़ने न दें।
09:43 AM, 10-Jun-2021
कब तक चलेगा सूर्य ग्रहण
अमावस्या तिथि पर आज लगने वाला सूर्य ग्रहण दोपहर 01 बजकर 42 मिनट से शुरू हो जाएगा। ग्रहण की कुल अवधि 5 घंटे तक रहेगी। शाम के 06 बजकर 41 मिनट पर ग्रहण खत्म हो जाएगा। भारत में ग्रहण नहीं रहेगा जिस कारण से इसका सूतक काल मान्य नहीं होगा।
09:37 AM, 10-Jun-2021
ऋग्वेद में सूर्य ग्रहण
सबसे प्राचीनतम वेद ऋग्वेद के पंचम मंडल के चालीसवें सूत्र में वर्णन मिलता है कि महर्षि अत्रि ने सर्वप्रथम सूर्य को ग्रहण से मुक्त कराया। इस मंत्र ‘यत्वा सूर्य स्वर्भानुस्तमसा विध्यदासुरः। अक्षेत्र विद्यथा मुग्धो भुवनान्य दीधयुः।। में यह वर्णन मिलता है कि हे सूर्य ! असुर राहु ने आप पर आक्रमण करके अंधकार से जो आपको विद्ध कर दिया है उससे मनुष्य आपके रूप को समग्रता से देख नहीं पाए और अपने अपने
कार्य क्षेत्रों में ठगे से हो गए। तब महर्षि अत्रि ने अपने अर्जित मंत्र शक्ति सामर्थ्य से अनेक मंत्रों द्वारा आप पर पड़ रही राहु की काली छाया को दूर कर आप का उद्धार किया। इंद्र ने भी महर्षि अत्रि की सहायता से राहु की माया से सूर्य की रक्षा की। इस प्रकार ग्रहण की छाया को दूर करने में समर्थ महर्षि अत्रि के संधान से अलौकिक प्रभाव का वर्णन वेद के अनेक मंत्रों से प्राप्त होता है। इस प्रकार सूर्य को ग्रहण से
मुक्ति दिलाने के लिए सर्वप्रथम और सर्वसमर्थ महर्षि अत्रि ही आचार्य माने गए हैं।
09:30 AM, 10-Jun-2021
यहां पर दिखेगा रिंग ऑफ फायर का नजारा
इस सूर्य ग्रहण का सबसे शानदार नजारा यानी रिंग ऑफ फायर ग्रीनलैंड में देखने को मिलेगा। जब सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी एक सीधी रेखा में आ जाते हैं। ऐसे में कुछ समय के लिए चंद्रमा पूरी तरह से सूर्य की रोशनी को रोक देता है। ऐसे में सूर्य ग्रहण होता है। जब चंद्रमा के पीछे से धीरे-धीरे सूर्य की रोशनी बाहर आती है तो एक समय इसकी चमक किसी हीरे की अंगूठी की तरह प्रतीत होती है, जिसको रिंग ऑफ फायर भी कहा जाता है।
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