[ad_1]
Hindi NewsLocalDelhi ncrDelhi Government Is Responsible For Treating Only 500 People On The Beds Of Ten Thousand Covid Care Centers
Ads से है परेशान? बिना Ads खबरों के लिए इनस्टॉल करें दैनिक भास्कर ऐप
नई दिल्ली4 घंटे पहले
कॉपी लिंककोरोना के मरीज नहीं आने पर 22 फरवरी को इस सेंटर को बंद कर दिया था
कोरोना ने जब पहली बार गत वर्ष भारत में दस्तक दी तो छतरपुर स्थित राधा स्वामी सत्संग ब्यास परिसर में 10 हजार बेड का सरदार पटेल कोविड केयर सेंटर बनाकर देश को संदेश दिया गया कि कुछ भी नामुमकिन नहीं है। लेकिन इस साल जब ज्यादा बेड की जरूरत हुई है तो 10 हजार बेड के लिए मशहूर यह सेंटर मददगार होने नाकाम साबित हुआ है। पिछले वर्ष जब इसे शुरू किया गया था तो इस बात का खूब प्रचार हुआ कि यहां 10 हजार लोगों का इलाज हो सकता है, लेकिन जब इस वर्ष मार्च में कोरोना के मामले उच्च स्तर पर पहुंच गए और लोग बदहवास होकर अस्पताल व बेड के लिए भटकने लगे।
26 अप्रैल को आनन-फानन में इसमें 150 बेड पर इलाज की व्यवस्था की गई। और हालात यह है कि अभी तक यहां सिर्फ 500 बेड पर ही इलाज हो रहा है। जबकि इसको बनाने के लिए केंद्र सरकार, दिल्ली सरकार और दक्षिणी दिल्ली जिला प्रशासन सब अपनी तारीफ करते नजर आते हैं।
दक्षिणी दिल्ली जिला प्रशासन के अधिकारी कहते हैं कि उनका काम इंफ्रास्ट्रक्चर मुहैया कराना था, जो उन्होंने कर दिया। वहीं, अस्पताल का संचालन आइटीबीपी के हाथों में है। जबकि चिकित्सा उपकरण व अन्य जरूरतें पूरी करने की जिम्मेदारी दिल्ली सरकार की है।
पूरी क्षमता से कभी संचालित ही नहीं हुआ
पिछले वर्ष जुलाई में यहां सिर्फ बिना लक्षण वाले व हल्के लक्षण वाले मरीजों को ही रखा जा रहा था। जब कोरोना अपने चरम पर था तब भी यह सेंटर कभी पूरी क्षमता से संचालित नहीं हुआ। सुविधाओं के अभाव के कारण मरीज यहां आना ही नहीं चाहते थे। इसलिए 22 फरवरी को सेंटर बंद कर दिया गया, इस वर्ष मार्च में जब फिर से कोरोना के मरीजों की संख्या बढ़ने लगी तो इसे दोबारा शुरू करने का करना पड़ा, जिसमें काफी समय लगा।
यहां लगातार आक्सीजन व मेडिकल एवं पैरामेडिकल स्टाफ की कमी बनी रही। इसके अलावा यहां प्रवेश के लिए इतनी औपचारिकताएं हैं कि कई मरीजों ने तो सेंटर के गेट पर ही दम तोड़ दिया। अभी भी केवल उन्हीं मरीजों को भर्ती किया जाता है जिनका आक्सीजन का स्तर 85 से ऊपर हो।
केजरीवाल ने कही थी 5 हजार बिस्तरों के साथ संचालित करने की बात
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इसे पांच हजार बिस्तरों के साथ संचालित करने की बात कही थी, लेकिन अभी सिर्फ 500 बेड पर ही इलाज हो रहा है। अगर, यह 10 हजार बिस्तर वाला अस्पताल समय रहते तैयार हो जाता तो राजधानी की स्थिति इतनी गंभीर नहीं होती।
सौ से अधिक की मौत इस बार अब तक कुल 1,100 मरीज भर्ती हुए, जिनमें से 100 से अधिक मरीजों की मौत हो गई है। 150 से अधिक मरीजों को दूसरे अस्पतालों में रेफर कर दिया गया था। अभी कुल 500 मरीजों का इलाज अस्पताल में किया जा रहा है।
खबरें और भी हैं…
[ad_2]