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महाराष्ट्र: सरकार ने वसूली का खेल उजागर करने वाले परमबीर सिंह के खिलाफ जांच के दिए आदेश

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एजेंसी, मुंबई
Published by: Kuldeep Singh
Updated Fri, 23 Apr 2021 04:40 AM IST

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महाराष्ट्र सरकार ने वसूली का खेल उजागर करने वाले मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच के आदेश दिए हैं। सूत्रों के मुताबिक, राज्य के गृह विभाग की ओर से जारी आदेश में महानिदेशक संजय पांडेय को सिंह के खिलाफ आरोपों की जांच करने को कहा गया है। ये आरोप इंस्पेक्टर अनूप डांगे ने लगाए हैं, जिसे बीते साल निलंबित कर दिया गया था और हाल ही में उसकी बहाली की गई है।

डांगे का दावा है कि उसके निलंबन को रद्द करने के लिए परमबीर सिंह ने उससे दो करोड़ रुपये मांगे थे। डांगे ने इस बारे में सिंह की इस मांग के बारे में अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) को पत्र भी लिखा था।

हालांकि, परमबीर सिंह ने अपने ऊपर लगे आरोपों से इनकार किया है। शिकायत के आधार पर गृह विभाग ने जांच के आदेश दिए हैं। गौरतलब है कि 20 मार्च को परमबीर सिंह ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर राज्य के तत्कालीन गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ वसूली के आरोप लगाए थे।

उन्होंने कहा था कि देशमुख ने निलंबित अफसर सचिन वाजे से रेस्तरां और बार से हर महीने 100 करोड़ रुपये जुटाने को कहा था। इस पत्र के कुछ दिन बाद बॉम्बे हाईकोर्ट द्वारा इस मामले में सीबीआई जांच के आदेश के बाद देशमुख को पद से हटना पड़ा था।

परमबीर के खिलाफ यह दूसरी जांचराज्य सरकार द्वारा परमबीर सिंह के खिलाफ दूसरी बार जांच के ऐसे आदेश दिए गए हैं। इससे पहले महाराष्ट्र के गृह विभाग ने डीजीपी से उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के बाहर विस्फोटकों से लदी कार मिलने के मामले में कर्तव्य निभाने में नाकाम रहने के आरोपों को लेकर परमबीर सिंह के खिलाफ जांच के आदेश दिए थे। परमबीर सिंह को 17 मार्च को मुंबई के पुलिस आयुक्त पद से हटा दिया गया था।

विस्तार

महाराष्ट्र सरकार ने वसूली का खेल उजागर करने वाले मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच के आदेश दिए हैं। सूत्रों के मुताबिक, राज्य के गृह विभाग की ओर से जारी आदेश में महानिदेशक संजय पांडेय को सिंह के खिलाफ आरोपों की जांच करने को कहा गया है। ये आरोप इंस्पेक्टर अनूप डांगे ने लगाए हैं, जिसे बीते साल निलंबित कर दिया गया था और हाल ही में उसकी बहाली की गई है।

डांगे का दावा है कि उसके निलंबन को रद्द करने के लिए परमबीर सिंह ने उससे दो करोड़ रुपये मांगे थे। डांगे ने इस बारे में सिंह की इस मांग के बारे में अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) को पत्र भी लिखा था।

हालांकि, परमबीर सिंह ने अपने ऊपर लगे आरोपों से इनकार किया है। शिकायत के आधार पर गृह विभाग ने जांच के आदेश दिए हैं। गौरतलब है कि 20 मार्च को परमबीर सिंह ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर राज्य के तत्कालीन गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ वसूली के आरोप लगाए थे।

उन्होंने कहा था कि देशमुख ने निलंबित अफसर सचिन वाजे से रेस्तरां और बार से हर महीने 100 करोड़ रुपये जुटाने को कहा था। इस पत्र के कुछ दिन बाद बॉम्बे हाईकोर्ट द्वारा इस मामले में सीबीआई जांच के आदेश के बाद देशमुख को पद से हटना पड़ा था।

परमबीर के खिलाफ यह दूसरी जांच
राज्य सरकार द्वारा परमबीर सिंह के खिलाफ दूसरी बार जांच के ऐसे आदेश दिए गए हैं। इससे पहले महाराष्ट्र के गृह विभाग ने डीजीपी से उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के बाहर विस्फोटकों से लदी कार मिलने के मामले में कर्तव्य निभाने में नाकाम रहने के आरोपों को लेकर परमबीर सिंह के खिलाफ जांच के आदेश दिए थे। परमबीर सिंह को 17 मार्च को मुंबई के पुलिस आयुक्त पद से हटा दिया गया था।

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