May 14, 2024 : 6:05 PM
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अर्थ डे पर विशेष: देखिए अपनी धरती पर मौजूद ऐसे नजारे जो आपको हैरान होने पर मजबूर कर दें, फिर जानिए 10 ऐसे फैक्ट्स जिन्हें सिर्फ वैज्ञानिक जानते हैं…

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11 मिनट पहले

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आज अर्थ डे यानी पृथ्वी दिवस है। 1970 से हम हर साल इसे मनाते आ रहे हैं। लोगों को पर्यावरण संरक्षण के मुद्दे पर जागरूक करना इसका मकसद है। इस साल की थीम है- रिस्टोर अवर अर्थ यानी हमारी पृथ्वी का जीर्णोद्धार।

तो इस बार हम सबसे पहले तस्वीरों के जरिए जानेंगे कि आखिर हमारी पृथ्वी कितनी खूबसूरत और नायाब है। ये ऐसी तस्वीरें हैं जो ज्यादातर लोगों को चौंकने पर मजबूर कर देंगी। धरती को बचाने के लिए प्रेरित करेंगी। इसके बाद जानेंगे पृथ्वी के बारे में 10 ऐसे फैक्ट्स जिनसे आमतौर पर लोग अनजान हैं। ये ऐसे फैक्ट हैं जो बताएंगे कि हमारी साधारण जानकारियों से धरती कितनी अलग है।

तो सबसे पहले धरती के 10 अद्भुत नजारों को देखते और जानते हैं…

एरिजोना की द वेव

यह नजारा मंगल ग्रह का नहीं बल्कि अमेरिका के एरिजोना में मौजूद बलुआ चट्टानों द वेव का है। करीब 19 करोड़ साल पहले जुरासिक युग में रेत के टीले संकुचित होकर बलुआ पत्थर बन गए। हवा के बहाव और बारिश के कटाव से इन चट्टानों पर यह घुमावदार आकृतियां बनी हैं।

यह नजारा मंगल ग्रह का नहीं बल्कि अमेरिका के एरिजोना में मौजूद बलुआ चट्टानों द वेव का है। करीब 19 करोड़ साल पहले जुरासिक युग में रेत के टीले संकुचित होकर बलुआ पत्थर बन गए। हवा के बहाव और बारिश के कटाव से इन चट्टानों पर यह घुमावदार आकृतियां बनी हैं।

तुर्क पामुक्कले

यह कोई सफेद बर्फ के पहाड़ी खेत नहीं, बल्कि तुर्की का पामुक्कले है। तुर्की भाषा में इसका मतलब रुई का किला है। यहां के पहाड़ एकदम सफेद चूने के पत्थर से बने हैं। लंबे समय से कैल्शियम से भरपूर प्राकृतिक स्रोतों से बहने वाले पानी के चलते ये सफेद पहाड़ी खेतों जैसे लगते हैं। रोमन लोगों ने इन पहाड़ों के ऊपर हीरापोलिस नाम से एक छोटा शहर बसाया था।

यह कोई सफेद बर्फ के पहाड़ी खेत नहीं, बल्कि तुर्की का पामुक्कले है। तुर्की भाषा में इसका मतलब रुई का किला है। यहां के पहाड़ एकदम सफेद चूने के पत्थर से बने हैं। लंबे समय से कैल्शियम से भरपूर प्राकृतिक स्रोतों से बहने वाले पानी के चलते ये सफेद पहाड़ी खेतों जैसे लगते हैं। रोमन लोगों ने इन पहाड़ों के ऊपर हीरापोलिस नाम से एक छोटा शहर बसाया था।

ड्रैगन ब्लड ट्री

यह किसी डायनासोर कालीन फिल्म का नजारा नहीं बल्कि हमारे धरती का सच है। बड़ी छतरी के आकार के यह पेड़ अरब सागर में यमन के सुकुत्रा द्वीप समूह पर पाए जाते हैं। इनका यह नाम इनसे निकलने वाले गाढ़े लाल के रेजिन के चलते पड़ा है। इसका इस्तेमाल गर्भपात के लिए किया जाता है। रोमन और ग्रीक लोग इसका इस्तेमाल जख्म भरने में करते थे।

यह किसी डायनासोर कालीन फिल्म का नजारा नहीं बल्कि हमारे धरती का सच है। बड़ी छतरी के आकार के यह पेड़ अरब सागर में यमन के सुकुत्रा द्वीप समूह पर पाए जाते हैं। इनका यह नाम इनसे निकलने वाले गाढ़े लाल के रेजिन के चलते पड़ा है। इसका इस्तेमाल गर्भपात के लिए किया जाता है। रोमन और ग्रीक लोग इसका इस्तेमाल जख्म भरने में करते थे।

लेंटिकुलर क्लाउड

चौंकिए मत यह दूसरे ग्रह के प्राणियों का यान या UFO नहीं बल्कि बादल हैं। इन्हें लेंटिकुलर क्लाउड्स कहा जाता है। डिस्क के आकार में जब बादलों की एक परत के ऊपर दूसरी परत बनती है, तब ऐसे नजारे दिखते हैं। यह बादल स्थिर होते हैं और आमतौर पर वातावरण की सबसे निचली परत ट्रोपोस्फीयर में बनते हैं। लोग अक्सर इन बादलों को उड़न तश्तरी समझ बैठते हैं।

चौंकिए मत यह दूसरे ग्रह के प्राणियों का यान या UFO नहीं बल्कि बादल हैं। इन्हें लेंटिकुलर क्लाउड्स कहा जाता है। डिस्क के आकार में जब बादलों की एक परत के ऊपर दूसरी परत बनती है, तब ऐसे नजारे दिखते हैं। यह बादल स्थिर होते हैं और आमतौर पर वातावरण की सबसे निचली परत ट्रोपोस्फीयर में बनते हैं। लोग अक्सर इन बादलों को उड़न तश्तरी समझ बैठते हैं।

मेडागास्कर में बाओबाब के पेड़

हिंद महासागर में उत्तरी अफ्रीका से करीब 400 किलोमीटर दूर मेडागास्कर में बाओबाब के यह पेड़ किसी दूसरे ग्रह पर होने का अहसास कराते हैं। करीब 2800 साल पुराने इन पेड़ों की ऊंचाई 30 मीटर तक है। मेडागास्कर के घने ट्रॉपिकल जंगलों की बची हुई निशानी हैं।

हिंद महासागर में उत्तरी अफ्रीका से करीब 400 किलोमीटर दूर मेडागास्कर में बाओबाब के यह पेड़ किसी दूसरे ग्रह पर होने का अहसास कराते हैं। करीब 2800 साल पुराने इन पेड़ों की ऊंचाई 30 मीटर तक है। मेडागास्कर के घने ट्रॉपिकल जंगलों की बची हुई निशानी हैं।

फिनलैंड की लैपलैंड

यह किसी विशाल प्राणी की गर्दन नहीं बल्कि बर्फ से ढके पेड़ हैं। यूरोपीय देश फिनलैंड में सबसे उत्तर का यह इलाका लैपलैंड कहलाता है। यहां इतनी बर्फबारी होती है कि ऊंचे-ऊंचे देवदार के पेड़ भी उससे ढंक जाते हैं। लैपलैंड के आसमान में इलेक्ट्रो-मैग्नेटिक कारणों से दिखने वाली हरी रोशनी होती है, जिसे ओरोरा कहते हैं।

यह किसी विशाल प्राणी की गर्दन नहीं बल्कि बर्फ से ढके पेड़ हैं। यूरोपीय देश फिनलैंड में सबसे उत्तर का यह इलाका लैपलैंड कहलाता है। यहां इतनी बर्फबारी होती है कि ऊंचे-ऊंचे देवदार के पेड़ भी उससे ढंक जाते हैं। लैपलैंड के आसमान में इलेक्ट्रो-मैग्नेटिक कारणों से दिखने वाली हरी रोशनी होती है, जिसे ओरोरा कहते हैं।

आसमान में जादुई रोशनी

यह किसी लाइट शो का नजारा नहीं बल्कि उत्तरी या दक्षिणी ध्रुव के पास आसमान में दिखने वाली रंग बिरंगी रोशनी है। इन्हें ओरोरा या पोलर लाइट्स भी कहते हैं। यह रोशनी सोलर विंड यानी सूरज से निकलने वाली आवेशित कणों की आंधी के कारण पृथ्वी के मैग्नेटिक फील्ड में होने वाली डिस्टरबेंस के चलते पैदा होने वाला नेचुरल फिनॉमिना है।

यह किसी लाइट शो का नजारा नहीं बल्कि उत्तरी या दक्षिणी ध्रुव के पास आसमान में दिखने वाली रंग बिरंगी रोशनी है। इन्हें ओरोरा या पोलर लाइट्स भी कहते हैं। यह रोशनी सोलर विंड यानी सूरज से निकलने वाली आवेशित कणों की आंधी के कारण पृथ्वी के मैग्नेटिक फील्ड में होने वाली डिस्टरबेंस के चलते पैदा होने वाला नेचुरल फिनॉमिना है।

मैक्सिको के सिनोटी

यह मैक्सिको के सिनोटी हैं। यह चूना पत्थर की चट्टानों के प्राकृतिक रूप से ढहने से बनते हैं। इनमें एक छेद वाली बड़ी छत जैसी बन जाती है और नीचे होता साफ ग्राउंड वाटर। मैक्सिको की प्राचीन माया सभ्यता में सिनोटी का इस्तेमाल पानी के स्रोत के रूप में होता था।

यह मैक्सिको के सिनोटी हैं। यह चूना पत्थर की चट्टानों के प्राकृतिक रूप से ढहने से बनते हैं। इनमें एक छेद वाली बड़ी छत जैसी बन जाती है और नीचे होता साफ ग्राउंड वाटर। मैक्सिको की प्राचीन माया सभ्यता में सिनोटी का इस्तेमाल पानी के स्रोत के रूप में होता था।

अवतार फिल्म वाली पिलर जैसी चोटियां

अवतार फिल्म तो याद होगी न आपको। यह वही सीधे-सीधे पिलर की तरह खड़े पहाड़ हैं। यह नजारा चीन के झांगजियाजी नेशनल फॉरेस्ट पार्क का है। सैंडस्टोन इन चट्टानों में सबसे ऊंची चोटी 1080 मीटर की है। 2010 में अवतार फिल्म की वजह से इस चोटी का नाम माउंटेन अवतार हैलेलुजाह रखा गया था।

अवतार फिल्म तो याद होगी न आपको। यह वही सीधे-सीधे पिलर की तरह खड़े पहाड़ हैं। यह नजारा चीन के झांगजियाजी नेशनल फॉरेस्ट पार्क का है। सैंडस्टोन इन चट्टानों में सबसे ऊंची चोटी 1080 मीटर की है। 2010 में अवतार फिल्म की वजह से इस चोटी का नाम माउंटेन अवतार हैलेलुजाह रखा गया था।

ज्वालामुखी पर बिजली गिरना

यह नजारा किसी दूसरे ग्रह पर फट रहे ज्वालामुखी का नहीं बल्कि अपनी पृथ्वी का ही है। इसमें धधकते ज्वालामुखी पर बिजली गिरती दिख रही है। यह बिजली किसी तूफान की वजह से नहीं बल्कि ज्वालामुखी से निकली राख में मौजूद पॉजिटिव चार्ज वाले कणों के चलते गिरती है। फिलिपींस के टाल ज्वालामुखी के फटने के दौरान हाल ही में यह नजारा देखने को मिला।

यह नजारा किसी दूसरे ग्रह पर फट रहे ज्वालामुखी का नहीं बल्कि अपनी पृथ्वी का ही है। इसमें धधकते ज्वालामुखी पर बिजली गिरती दिख रही है। यह बिजली किसी तूफान की वजह से नहीं बल्कि ज्वालामुखी से निकली राख में मौजूद पॉजिटिव चार्ज वाले कणों के चलते गिरती है। फिलिपींस के टाल ज्वालामुखी के फटने के दौरान हाल ही में यह नजारा देखने को मिला।

अब जानते हैं हमारी पृथ्वी से जुड़ी 10 ऐसी जानकारियां जो अद्भुत हैं…

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